10-06-2022, 02:57 PM
मैंने बुआ को देखा और ढेर सारा तेल लेकर उनकी चूत की दरार में डाल दिया और हाथ से बुआ की चुत को रगड़ना चालू कर दिया.
मैंने उनसे कहा- आपने मुझसे छुपाया क्या है … सब तो खुला पड़ा है.
बुआ भी हंसने लगीं और बोलीं- हां, तुझसे क्या छिपाना.
मैंने एक ही झटके में बुआ की पैंटी में उंगलियां फंसाईं और पैंटी बाहर निकाल दी.
बुआ की लिसलिसाती चूत मेरे सामने थी.
मैंने बुआ की चुत के दाने को उंगलियों से पकड़ कर मींजा.
तो बुआ आह करते हुए बोलीं- आह इसी को ठीक से मसल दे … मेरे पूरे शरीर का दर्द यहीं है. इसी को रगड़ कर शांत कर दे.
मैंने कहा- बुआ इसके लिए उंगली से काम नहीं बनेगा.
बुआ मदांध स्वर में बोलीं- तो लौड़े से रगड़ दे. पर खुजली मिटा दे.
ये सुनते ही मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया.
मैंने बुआ को भी नंगी कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.