10-06-2022, 02:52 PM
भी पूजा बुआ ने मुझे बुलाया और बोलीं- योगी आज तू मेरे पैरों की मालिश कर दे, मैं बहुत थक गई हूँ. और आज तू मेरे कमरे में ही सो जाना, मुझे अकेला अच्छा नहीं लगता है.
उन्होंने ये कहा, तो मैंने उनसे हामी भरते हुए कह दिया- ठीक है बुआ, मैं आपके पैर दबा देता हूँ. आपने ये बात इतने दिनों से क्यों नहीं बोली कि आपको अकेले सोने में अच्छा नहीं लगता है.
बुआ बोलीं- बेटा मैं बोलना तो चाहती थी … पर मैं तुमसे बोल ही नहीं पाई.
मैंने कहा- अरे बुआ, अपने भतीजे से काहे का डर.
फिर उन्होंने कहा- चल वो सब छोड़, आज तू मेरे शरीर की अच्छी से मालिश कर दे.
मैंने उनसे हंस कर कहा- आपने तो अभी पैर दबाने का कहा था, पर अभी पूरे शरीर की मालिश करने का कह रही हैं.
उन्होंने भी मस्ती से मुझे निहारा और वासना से कहा- अरे गलती से शरीर बोल दिया. चल तू पैर ही दबा दे.
मैंने कहा- तो यहीं सोफे पर कैसे होगा. आप कमरे में चलिए, मैं वहीं ठीक से आपकी मालिश कर देता हूँ.
ये कह कर मैं उनके कमरे की तरफ जाने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.