07-06-2022, 06:29 PM
थोड़ी देर के बाद वो चुप हो गई. फिर मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसको मजा आने लगा. मैंने फिर जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये. जब वो चुदाई का पूरा मजा जैसे लेने लगी तो मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर ऊपर उठा लिया और उसकी चूत को गपागप चोदने लगामैंने नीचे झांक कर देखा तो बिस्तर की चादर पर रक्त की बूंदें टपकी हुई थीं लेकिन मैंने उस वक्त भी चुदाई जारी रखी. कुछ देर के बाद साना जोर की आवाजें निकालते हुए झड़ गई. फिर मैं भी तीन-चार धक्कों के बाद झड़ गया. जब मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून और वीर्य दोनों साथ में बाहर आ रहे थे. मैंने भाभी की सील पैक चूत को खोल दिया था.
साना भाभी अभी तक कुंवारी चूत लिये ही घूम रही थी इसलिए उसको मेरे लंड से चुदने की ख्वाहिश हो रही थी. आज मैंने भाभी की वो ख्वाहिश पूरी कर दी थी और उसके चेहरे पर एक खुशी का भाव आ गया था.
उस रात मैंने साना की सुबह के चार बजे तक चुदाई की. मैंने उसकी गांड की सील भी तोड़ डाली. सुबह हम थक कर सो गये. सुबह उठा तो वह बेड पर नहीं थी. मैंने किचन में जाकर देखा तो उसने मेरी ही टी-शर्ट पहनी हुई थी. वह जांघों पर कुछ नहीं पहने हुए थी. उसकी जांघें बिल्कुल नंगी थी.
साना भाभी अभी तक कुंवारी चूत लिये ही घूम रही थी इसलिए उसको मेरे लंड से चुदने की ख्वाहिश हो रही थी. आज मैंने भाभी की वो ख्वाहिश पूरी कर दी थी और उसके चेहरे पर एक खुशी का भाव आ गया था.
उस रात मैंने साना की सुबह के चार बजे तक चुदाई की. मैंने उसकी गांड की सील भी तोड़ डाली. सुबह हम थक कर सो गये. सुबह उठा तो वह बेड पर नहीं थी. मैंने किचन में जाकर देखा तो उसने मेरी ही टी-शर्ट पहनी हुई थी. वह जांघों पर कुछ नहीं पहने हुए थी. उसकी जांघें बिल्कुल नंगी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
