07-06-2022, 06:19 PM
ये कहानी मेरे बुआजी के बारे मे है. मेरा नाम राघव है ओर में कानपुर में रहता हूँ. मेरी बुआ का नाम कणिका है ओर उनकी उमर 50 की है पर लगती है वो २० साल की गर्ल हो उनका फिगर 45″ 35″ 45″ है. गांद तो इतनी हॉट ओर मोटी है की पूछो मत उसके बूब्स इतने बड़े-2 हैं की 2नो हाथो से पाकड़ो तो भी पकड़ में नही आएँगे.
मै उन्हे जब भी देखता बस मान करता की साली को चोद डून पर डर लगता था की कही उसे बुरा ना लग जाए ओर वो किसी को बोल ना दे बस उसे देख-2 कर ही संतोष कर लेता था, वो जब-2 नहाने जाती तो मई उसे बातरूम की नीचे से देखता था.बात उन दीनो की है जब मेरे घर पे कोई नही था मम्मी पापा घर से 2 दीनो के लिए बाहर गये हुए थे ओर घर पे मई अकेला था उस वक़्त तभी मैने प्लान बनाया अपनी बुआ को चड़ने का बस फिर क्या था मैने उन्हे
फोन किया की बुआजी मम्मी पापा घर पे नही है आप प्लीज़ 2-3 दीनो के लिए मेरे घर पे आजाईए आप भी अकेली ही है ओर मई भी दोनो को कंपनी भी मिल जाएगी तब वो मेरी बात मान गयी फिर मई उसे घर ले आया.
मै उनसे कह की अच्छा किया की आप चली आइए तो उन्होने कहा अरे इसमें एहसान की क्या बात है तुम तो मेरे बेटे की तरह हो ना.मेरे तो मानो आज सब अरमान पूरे होने वाले थे मै पूरे दिन रात होने के इंतिज़ार में था की कब रात हो ओर मैं अपना प्लान को अंजाम दूं.
मै उन्हे जब भी देखता बस मान करता की साली को चोद डून पर डर लगता था की कही उसे बुरा ना लग जाए ओर वो किसी को बोल ना दे बस उसे देख-2 कर ही संतोष कर लेता था, वो जब-2 नहाने जाती तो मई उसे बातरूम की नीचे से देखता था.बात उन दीनो की है जब मेरे घर पे कोई नही था मम्मी पापा घर से 2 दीनो के लिए बाहर गये हुए थे ओर घर पे मई अकेला था उस वक़्त तभी मैने प्लान बनाया अपनी बुआ को चड़ने का बस फिर क्या था मैने उन्हे
फोन किया की बुआजी मम्मी पापा घर पे नही है आप प्लीज़ 2-3 दीनो के लिए मेरे घर पे आजाईए आप भी अकेली ही है ओर मई भी दोनो को कंपनी भी मिल जाएगी तब वो मेरी बात मान गयी फिर मई उसे घर ले आया.
मै उनसे कह की अच्छा किया की आप चली आइए तो उन्होने कहा अरे इसमें एहसान की क्या बात है तुम तो मेरे बेटे की तरह हो ना.मेरे तो मानो आज सब अरमान पूरे होने वाले थे मै पूरे दिन रात होने के इंतिज़ार में था की कब रात हो ओर मैं अपना प्लान को अंजाम दूं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.