07-06-2022, 06:16 PM
मैंने चाचा से कहा कि बहन को मैं अपने ही ऑफिस में रख लेता हूँ. इसमें मुझे भी फायदा है कि घर की लड़की ऑफिस में होगी, तो किसी बात की टेंशन नहीं रहेगी.
चाचा ने भी कहा- ये तो अच्छी बात है, जवान लड़की को कहीं बाहर नौकरी करवाने से अच्छा है, वो तुम्हारे पास काम करे.
दो दिन बाद चाचा का फोन आया- किसको भेज दूँ?
मैंने कहा- हीर को ही भेजो.
क्योंकि हीर मुझे ज्यादा पसंद है और मेरी बीवी से भी हीर के साथ अच्छी बनती है.
चाचा ने कहा- ठीक है मैं तरी बहन को कल बस में बिठा दूंगा.
मैंने ओके कहा.
दूसरे दिन चाचा का फोन आया- कितने बजे की बस है?
मैंने कहा- शाम सात बजे ऑफिस पर पहुंच जाना.
चाचा ने कहा- ठीक है.
चाचा ने शाम सात बजे बहन को बस में बिठा दिया और हमारी बात हो गई.
मुंबई से जो बस निकली, मैं उस बस में सामने से आने वाली बस के लिए निकल गया और एक बजे के आस पास दोनों बस आमने सामने मिल गईं.
बस बदल कर मैं मुंबई आने वाली बस में बैठ गया.
मैं बहन से मिलने गया.
मेरी बहन सो रही थी, तो मैंने उसे उठाया- कैसी हो हीर?
हीर- ठीक हूँ भैया.
मैं- गांव में सब कैसे हैं?
हीर- सब ठीक हैं भैया.
मैं- और चाचा चाची कैसे हैं?
हीर- सब लोग ठीक हैं.
मैं- चलो कोई बात नहीं, तुमको नींद आ रही होगी, तुम सो जाओ.
हीर- नहीं, भैया नींद तो हो गई. आप बात करो न … कोई बात नहीं.
मैं- तो फिर केबिन के अन्दर आकर बात करते हैं.
हीर- हां भैया आ जाओ, वैसे भी डबल की सीट है.
मैंने ड्राइवर से कह दिया था कि मेरी बहन को डबल वाली सीट देना क्योंकि उसमें आराम मिलता है.
फिर हम दोनों गांव की इधर उधर की बातें कर रहे थे.
तभी बस होटल पर रुक गई.
मैंने हीर से कहा- चलो होटल आ गया है, कुछ खा लेते हैं.
हीर ने कहा- भाई, मैं तो खाना खाकर आई हूँ.
मैंने कहा- ऐसे थोड़ी चलेगा, कुछ तो खाना ही पड़ेगा.
मेरे जोर देने पर वो बस से नीचे आ गई और हम दोनों स्टाफ रूम में जाकर खाना खाने बैठ गए.
वेटर हर रोज की तरह बस के स्टाफ के लिए कुछ न कुछ लाता था.
आज उसे मेरे होने की खबर लगी तो वो 3 चिल्ड बियर लेकर आ गया.
पर मैंने मना कर दिया- मैं बियर नहीं पीता.
मैंने उसे इशारे से बहन की तरफ बताया तो वो समझ गया.
वेटर- सॉरी सेठ जी, गलती हो गई.
वो बियर लेकर जाने लगा.
तभी बहन बोली- भैया रहने दो न!
मैंने उसकी तरफ देखा.
तो हीर ने भी मेरी तरफ देखकर कहा- भैया आप ले लो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है. बल्कि मुझे पता है कि आप बियर पीते हैं.
मैंने कहा- मैं नहीं पीता!
हीर ने मुस्कुरा कर कहा- मुझे मालूम है भैया … आप भी पीते हैं और भाभी भी पीती हैं. मैं किसी से नहीं कहूंगी.
मैंने भी ज्यादा कुछ न कहते हुए बियर ले ली और पीनी चालू की. साथ में नमकीन भी मंगवा लिया.
मैंने हीर से भी पूछा कि तुम पियोगी?
उसने मना कर दिया.
चाचा ने भी कहा- ये तो अच्छी बात है, जवान लड़की को कहीं बाहर नौकरी करवाने से अच्छा है, वो तुम्हारे पास काम करे.
दो दिन बाद चाचा का फोन आया- किसको भेज दूँ?
मैंने कहा- हीर को ही भेजो.
क्योंकि हीर मुझे ज्यादा पसंद है और मेरी बीवी से भी हीर के साथ अच्छी बनती है.
चाचा ने कहा- ठीक है मैं तरी बहन को कल बस में बिठा दूंगा.
मैंने ओके कहा.
दूसरे दिन चाचा का फोन आया- कितने बजे की बस है?
मैंने कहा- शाम सात बजे ऑफिस पर पहुंच जाना.
चाचा ने कहा- ठीक है.
चाचा ने शाम सात बजे बहन को बस में बिठा दिया और हमारी बात हो गई.
मुंबई से जो बस निकली, मैं उस बस में सामने से आने वाली बस के लिए निकल गया और एक बजे के आस पास दोनों बस आमने सामने मिल गईं.
बस बदल कर मैं मुंबई आने वाली बस में बैठ गया.
मैं बहन से मिलने गया.
मेरी बहन सो रही थी, तो मैंने उसे उठाया- कैसी हो हीर?
हीर- ठीक हूँ भैया.
मैं- गांव में सब कैसे हैं?
हीर- सब ठीक हैं भैया.
मैं- और चाचा चाची कैसे हैं?
हीर- सब लोग ठीक हैं.
मैं- चलो कोई बात नहीं, तुमको नींद आ रही होगी, तुम सो जाओ.
हीर- नहीं, भैया नींद तो हो गई. आप बात करो न … कोई बात नहीं.
मैं- तो फिर केबिन के अन्दर आकर बात करते हैं.
हीर- हां भैया आ जाओ, वैसे भी डबल की सीट है.
मैंने ड्राइवर से कह दिया था कि मेरी बहन को डबल वाली सीट देना क्योंकि उसमें आराम मिलता है.
फिर हम दोनों गांव की इधर उधर की बातें कर रहे थे.
तभी बस होटल पर रुक गई.
मैंने हीर से कहा- चलो होटल आ गया है, कुछ खा लेते हैं.
हीर ने कहा- भाई, मैं तो खाना खाकर आई हूँ.
मैंने कहा- ऐसे थोड़ी चलेगा, कुछ तो खाना ही पड़ेगा.
मेरे जोर देने पर वो बस से नीचे आ गई और हम दोनों स्टाफ रूम में जाकर खाना खाने बैठ गए.
वेटर हर रोज की तरह बस के स्टाफ के लिए कुछ न कुछ लाता था.
आज उसे मेरे होने की खबर लगी तो वो 3 चिल्ड बियर लेकर आ गया.
पर मैंने मना कर दिया- मैं बियर नहीं पीता.
मैंने उसे इशारे से बहन की तरफ बताया तो वो समझ गया.
वेटर- सॉरी सेठ जी, गलती हो गई.
वो बियर लेकर जाने लगा.
तभी बहन बोली- भैया रहने दो न!
मैंने उसकी तरफ देखा.
तो हीर ने भी मेरी तरफ देखकर कहा- भैया आप ले लो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है. बल्कि मुझे पता है कि आप बियर पीते हैं.
मैंने कहा- मैं नहीं पीता!
हीर ने मुस्कुरा कर कहा- मुझे मालूम है भैया … आप भी पीते हैं और भाभी भी पीती हैं. मैं किसी से नहीं कहूंगी.
मैंने भी ज्यादा कुछ न कहते हुए बियर ले ली और पीनी चालू की. साथ में नमकीन भी मंगवा लिया.
मैंने हीर से भी पूछा कि तुम पियोगी?
उसने मना कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
