07-06-2022, 06:05 PM
फिर दो मिनट बाद उसने बीच चुदाई में मुझे रोक दिया।
मैं हैरान था।
वो मुझे ऊपर छत पर ले गई।
ऊपर गए तो पानी की टंकी के पास बेड लगा हुआ था।
मैं बोला- ये सब क्या है?
वो बोली- मेरे राजा, मैं ऐसे चुदना चाहती हूं जैसे कुत्ता किसी कुतिया को खुले में चोदता है।
ये कहकर वो फिर से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर चुसाने के बाद मैंने उसको बेड पर धकेल दिया।
वो कुतिया बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया।
कसम से खुले आसमान के नीचे चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरा मोटा लंड उसकी कुतिया जैसी बुर में पूरा घुस कर उसकी रसीली बुर की मलाई निकाल रहा था।
हर धक्के पर निशा कुतिया की ऊंह ऊंह कर रही थी।
बेड अब जोर जोर से हिलने लगा था।
ऊपर ठंडी हवा चल रही थी और लंड और चूत, दोनों जैसे आग में तप रहे थे।
मैं हैरान था।
वो मुझे ऊपर छत पर ले गई।
ऊपर गए तो पानी की टंकी के पास बेड लगा हुआ था।
मैं बोला- ये सब क्या है?
वो बोली- मेरे राजा, मैं ऐसे चुदना चाहती हूं जैसे कुत्ता किसी कुतिया को खुले में चोदता है।
ये कहकर वो फिर से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर चुसाने के बाद मैंने उसको बेड पर धकेल दिया।
वो कुतिया बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया।
कसम से खुले आसमान के नीचे चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरा मोटा लंड उसकी कुतिया जैसी बुर में पूरा घुस कर उसकी रसीली बुर की मलाई निकाल रहा था।
हर धक्के पर निशा कुतिया की ऊंह ऊंह कर रही थी।
बेड अब जोर जोर से हिलने लगा था।
ऊपर ठंडी हवा चल रही थी और लंड और चूत, दोनों जैसे आग में तप रहे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
