07-06-2022, 12:43 PM
मैं बोला – कब?
वो बोली – किसी दिन समय देख कर…
मैं बोला – वादा ?
वो बोली – ठीक है.
एक हफ्ते बाद उसके छोटा भाई मम्मी पापा कोलकाता गये रिश्तेदार की शादी मे . वो अपने बूढ़े दादा जी का ख़याल रखने को नही गयी शादी मे.
जब मैं शाम को कंपनी से लौटा तो वो मुझे एक पर्ची फेक कर दी .
उस पर्ची मे लिखा था रात को ११ बजे छत पर मिलना .
मैं बहुत खुश हुवा और ११ बजे रात का इंतजार करने लगा और वो घड़ी आ ही गयी. जब मैं छत पर गया तो पहले से ही छत पर थी!
मैं पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उस के कान मे बोला मैं तुम से बहुत पियार करता हूँ. वो बोली मैं भी और मैने पीछे से ही उस के चुची को धीरे धीरे मसल ने लगा…
थोरी देर मे मेरा लंड खरा हो गया और लंड कोमल के चूतर के दरार मे उसे महसूस हुवा. वो पलटी और बोली नहीं आज़ नही .
तना लंड देख कर सोची आज़ मुझे चोद ने का इरादा तो नही है इसका.
मैं बोला ऐसा कुछ नही है और मैं लगा रहा उसकी चुची हल्के हल्के सहला रहा और होट भी धीरे धीरे चूसने लगा .
थोरी देर बाद वो सिसक ने लगी फिर भी मैं अपने बदन मे पूरा चिपका कर लगा रहा .
जब कोमल को नही रहा गया तो बोली जो भी करना है जल्दी करो मुझे अजीब सा हो रहा है. मैं बोला मेरे कमरे मे चलो वो बोली ठीक है चलो और अपने कमरे मे लेकर आया और अपने कमरे मे कोमल को लिटाया और कोमल का सूट सलवार उतारा और अपने कपड़े भी उतारे कपड़े उतारने के बाद कोमल का मूड बदल गया और कोमल बोलने लगी आज नहीं सेक्स के लिए अभी मैं तैयार नहीं हूं फिर किसी और दिन,,,
मैं समझ गया था कि कोमल ठंडी हो गई है.
फिर मैंने कोमल से कहा ठीक है मैं तुम्हारे होंठ चूस सकता हूं.
मैं तुम्हारे शरीर के साथ तो खेल सकता हूं .यह तो हम दोनों कर सकते हैं कोमल बोली ठीक है… फिर मैंने कोमल के होंठ को चूसना शुरू कर दिया और उसकी चूची को अपने हाथों से दबाने लगा. यह सब मैं कोमल के साथ 20 मिनट तक करता रहा इसके बाद कोमल भी मेरा पूरा साथ देने लगी और इसी खेल में हम दोनों को रात के 2:00 बज गए थे.
अब मैं कोमल की चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा था कोमल सेक्स के जोश में बहुत मदहोश हो चुकी थी…. अब कोमल खूब सिसकियां भर रही थी .
फिर मैंने कोमल से पूछा कि अब अपना लौड़ा तुम्हारे चूत में डाल दूं .
कोमल कुछ नहीं बोली.
वह बहुत मदहोश थी .
फिर मैंने दोबारा पूछा लगातार मैं अपना लौड़ा कोमल की चूत पर रगड़ रहा था .
कोमल ने अपने दोनों हाथों से मेरे बाहों को पकड़ रखा था मेरे होंठों को जोर से चूसते हुऐ और कोमल ने बहुत जोश में कहा डाल दो…
वो बोली – किसी दिन समय देख कर…
मैं बोला – वादा ?
वो बोली – ठीक है.
एक हफ्ते बाद उसके छोटा भाई मम्मी पापा कोलकाता गये रिश्तेदार की शादी मे . वो अपने बूढ़े दादा जी का ख़याल रखने को नही गयी शादी मे.
जब मैं शाम को कंपनी से लौटा तो वो मुझे एक पर्ची फेक कर दी .
उस पर्ची मे लिखा था रात को ११ बजे छत पर मिलना .
मैं बहुत खुश हुवा और ११ बजे रात का इंतजार करने लगा और वो घड़ी आ ही गयी. जब मैं छत पर गया तो पहले से ही छत पर थी!
मैं पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उस के कान मे बोला मैं तुम से बहुत पियार करता हूँ. वो बोली मैं भी और मैने पीछे से ही उस के चुची को धीरे धीरे मसल ने लगा…
थोरी देर मे मेरा लंड खरा हो गया और लंड कोमल के चूतर के दरार मे उसे महसूस हुवा. वो पलटी और बोली नहीं आज़ नही .
तना लंड देख कर सोची आज़ मुझे चोद ने का इरादा तो नही है इसका.
मैं बोला ऐसा कुछ नही है और मैं लगा रहा उसकी चुची हल्के हल्के सहला रहा और होट भी धीरे धीरे चूसने लगा .
थोरी देर बाद वो सिसक ने लगी फिर भी मैं अपने बदन मे पूरा चिपका कर लगा रहा .
जब कोमल को नही रहा गया तो बोली जो भी करना है जल्दी करो मुझे अजीब सा हो रहा है. मैं बोला मेरे कमरे मे चलो वो बोली ठीक है चलो और अपने कमरे मे लेकर आया और अपने कमरे मे कोमल को लिटाया और कोमल का सूट सलवार उतारा और अपने कपड़े भी उतारे कपड़े उतारने के बाद कोमल का मूड बदल गया और कोमल बोलने लगी आज नहीं सेक्स के लिए अभी मैं तैयार नहीं हूं फिर किसी और दिन,,,
मैं समझ गया था कि कोमल ठंडी हो गई है.
फिर मैंने कोमल से कहा ठीक है मैं तुम्हारे होंठ चूस सकता हूं.
मैं तुम्हारे शरीर के साथ तो खेल सकता हूं .यह तो हम दोनों कर सकते हैं कोमल बोली ठीक है… फिर मैंने कोमल के होंठ को चूसना शुरू कर दिया और उसकी चूची को अपने हाथों से दबाने लगा. यह सब मैं कोमल के साथ 20 मिनट तक करता रहा इसके बाद कोमल भी मेरा पूरा साथ देने लगी और इसी खेल में हम दोनों को रात के 2:00 बज गए थे.
अब मैं कोमल की चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा था कोमल सेक्स के जोश में बहुत मदहोश हो चुकी थी…. अब कोमल खूब सिसकियां भर रही थी .
फिर मैंने कोमल से पूछा कि अब अपना लौड़ा तुम्हारे चूत में डाल दूं .
कोमल कुछ नहीं बोली.
वह बहुत मदहोश थी .
फिर मैंने दोबारा पूछा लगातार मैं अपना लौड़ा कोमल की चूत पर रगड़ रहा था .
कोमल ने अपने दोनों हाथों से मेरे बाहों को पकड़ रखा था मेरे होंठों को जोर से चूसते हुऐ और कोमल ने बहुत जोश में कहा डाल दो…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.