07-06-2022, 12:42 PM
बात २ साल पहले की है पश्चिम बंगाल मे मैं एक कंपनी मे काम करता था.
कंपनी ने मुझे एक छोटे शहर मे कमरा दे रखा था रोज़ की तरह मैं सुबह १० बजे कंपनी जाता और शाम ५ बजे वापस आजाता मेरे कमरा मलिक की एक बेटी थी नाम कोमल (बदला हुवा ). वो २१ साल की थी रंग गोरा सीना ३४ कमर २६ चूतर ३४ की.
कोमल को देख कर किसी भी लड़के का लंड अपने आप खड़ा हो जाए जबरदस्त माल थी. अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं.
मैं रोज सुबह 7:00 बजे नहाने के लिए जाता था नहाने के लिए बाहर में अलग से बनाया गया था और मेरी रूटिंग थी सुबह 7:00 बजे नहाने के लिए जाना.
चार-पांच दिनों के बाद मैंने नोटिस किया कि कोमल मेरे नहाने के टाइम में सुबह 7:00 बजे बाहर आकर बैठ जाती है और पहले मेरे चेहरे को देखती है फिर उसकी नजर मेरे लिंग पर होती है.
कोमल का हर रोज का यही काम था. सुबह 7:00 बजे बाहर आकर बैठना जब मैं नहा कर के बाहर निकलता तब वह मेरे लिंग को देखती यह सिलसिला 3 महीने तक चलता रहा मुझे बीच में मजा आने लगा था.
इस खेल में एक दिन मुझे मौका मिला और मैंने कोमल से पूछ लिया कि जब मैं सुबह नहाकर निकलता हूं तो तुम मुझे क्यों देखती हो और मुझ में क्या देखती हो… मैं तो यह बहुत पहले से जानता था कि वह मेरे चेहरे को एक बार देखती है उसके बाद उसकी नजर मेरे लिंग पर टिकी रहती है,
तो उसका जवाब था, जो चीज मुझे अच्छी लगती है मैं उससे देखती हूं… क्या मैं देख भी नहीं सकती ? देखना भी कोई क्राइम है क्या??
मैं कोमल की बात पूरी तरह से समझ चुका था अब तो सिर्फ मैं मौके के इंतजार में था.
इसी तरह 6 महीने बीत गए और वह मौका मुझे एक दिन मिल गया.
मैने सोच लिया इसका तो कुछ ना कुछ करना परेगा. एक दिन जब मैं शाम को कंपनी से लौट रहा था उस दिन कंपनी से किसी कारण से मैं देरी से लौटा और वो बाज़ार जा रही थी मुझे रास्ते मे मिली रास्ते पे अंधेरा था.
मैने सोचा इस से अच्छा मौका नही मिलेगा और मैने कोमल को पकर लिया और ज़ोर से बाहों मे भर लिया .
कोमल बोली गुस्से मे – ये किया कर रहे हो ?
मैं बोला – जो करना चाहिए.
कोमल बोली – ये बहुत ग़लत है.
मैं बोला – तुम जो मुझे रोज़ देखती हो वो सही है?
फिर कोमल बोली – छोड़ो मुझे कोई देख लेगा.
मैं बोला – वादा करो मिलने का तब जाने दूँगा.
वो बोली – ठीक है, बाद मे मिलती हूँ
कंपनी ने मुझे एक छोटे शहर मे कमरा दे रखा था रोज़ की तरह मैं सुबह १० बजे कंपनी जाता और शाम ५ बजे वापस आजाता मेरे कमरा मलिक की एक बेटी थी नाम कोमल (बदला हुवा ). वो २१ साल की थी रंग गोरा सीना ३४ कमर २६ चूतर ३४ की.
कोमल को देख कर किसी भी लड़के का लंड अपने आप खड़ा हो जाए जबरदस्त माल थी. अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं.
मैं रोज सुबह 7:00 बजे नहाने के लिए जाता था नहाने के लिए बाहर में अलग से बनाया गया था और मेरी रूटिंग थी सुबह 7:00 बजे नहाने के लिए जाना.
चार-पांच दिनों के बाद मैंने नोटिस किया कि कोमल मेरे नहाने के टाइम में सुबह 7:00 बजे बाहर आकर बैठ जाती है और पहले मेरे चेहरे को देखती है फिर उसकी नजर मेरे लिंग पर होती है.
कोमल का हर रोज का यही काम था. सुबह 7:00 बजे बाहर आकर बैठना जब मैं नहा कर के बाहर निकलता तब वह मेरे लिंग को देखती यह सिलसिला 3 महीने तक चलता रहा मुझे बीच में मजा आने लगा था.
इस खेल में एक दिन मुझे मौका मिला और मैंने कोमल से पूछ लिया कि जब मैं सुबह नहाकर निकलता हूं तो तुम मुझे क्यों देखती हो और मुझ में क्या देखती हो… मैं तो यह बहुत पहले से जानता था कि वह मेरे चेहरे को एक बार देखती है उसके बाद उसकी नजर मेरे लिंग पर टिकी रहती है,
तो उसका जवाब था, जो चीज मुझे अच्छी लगती है मैं उससे देखती हूं… क्या मैं देख भी नहीं सकती ? देखना भी कोई क्राइम है क्या??
मैं कोमल की बात पूरी तरह से समझ चुका था अब तो सिर्फ मैं मौके के इंतजार में था.
इसी तरह 6 महीने बीत गए और वह मौका मुझे एक दिन मिल गया.
मैने सोच लिया इसका तो कुछ ना कुछ करना परेगा. एक दिन जब मैं शाम को कंपनी से लौट रहा था उस दिन कंपनी से किसी कारण से मैं देरी से लौटा और वो बाज़ार जा रही थी मुझे रास्ते मे मिली रास्ते पे अंधेरा था.
मैने सोचा इस से अच्छा मौका नही मिलेगा और मैने कोमल को पकर लिया और ज़ोर से बाहों मे भर लिया .
कोमल बोली गुस्से मे – ये किया कर रहे हो ?
मैं बोला – जो करना चाहिए.
कोमल बोली – ये बहुत ग़लत है.
मैं बोला – तुम जो मुझे रोज़ देखती हो वो सही है?
फिर कोमल बोली – छोड़ो मुझे कोई देख लेगा.
मैं बोला – वादा करो मिलने का तब जाने दूँगा.
वो बोली – ठीक है, बाद मे मिलती हूँ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.