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Incest बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा
#31
मैं पानी के लिए उठा तो वो जाग गयी और बोली- कहां जा रहे हो?
मैंने उसे बोला- पानी लेने जा रहा हूँ मगर तुम यहां कैसे?

वो बोली- मुझे अकेले डर लग रहा था.
मैंने कहा- कोई बात नहीं सो जाओ.

कुछ देर वो सो गयी और अब मेरे को नींद नहीं आ रही थी क्योंकि वो शॉर्ट्स में मेरे बगल लेटी थी.

उसकी टांगों पर एक भी बाल नहीं था. उसकी चिकनी टांगें देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और फेरने लगा.
उसकी तरफ से कुछ भी रिएक्श्न नहीं हुआ तो धीरे धीरे मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और दबाने लगा.

वो उठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी. मैंने आंखें बंद कर लीं.
उसने भी कुछ नहीं बोला.

मेरा हाथ अब भी उसके मम्मों पर ही था और मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

उस टाइम मैं अंडरवियर में ही था.
वो मेरी तरफ मुँह करके लेट गई तो मेरा खड़ा लंड उसकी टांगों से टच होने लगा.

थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गई.
सुबह मैं उठा तो देखा कि वो मेरे बाजू में नहीं थी.

तभी वो मेरे कमरे के बाथरूम से बाहर निकली. इस समय वो केवल एक तौलिया में थी.

तभी अचानक से न जाने क्या हुआ कि उसका तौलिया गेट के हैंडल से फंस कर खुल गया और वो एकदम नंगी हो गई.

मैं उसे देखने लगा.
इस वक्त वो क़यामत लग रही थी.
उसकी नजरें मेरी नजरों से टकराईं लेकिन वो अपनी तौलिया ठीक करने की जगह मुस्कुराने लगी.

मैं उसे ही एकटक देख रहा था.
उसके चूचे बड़े ही मस्त लग रहे थे, दोनों टांगों के बीच चिकनी चुत पानी से भीगने के कारण बड़ी ही कामुक लग रही थी.

वो एक बार भी नहीं शर्माई बल्कि इठला कर मुझसे पूछने लगी- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस तुम्हें ही देख रहा हूँ.

वो नंगी ही चल कर मेरे पास आई और होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगी.

उसके नंगे बदन की समीपता और चुम्बन से मैं एकदम से शॉक्ड रह गया.

वो बोली- रात को तो बहुत खड़ा हो रहा था … अब क्यों नहीं हो रहा.

ये कह कर उसने हाथ में पकड़ी हुई तौलिया को बड़ी नजाकत से मेरे सामने अपने जिस्म पर लपेटी और गांड हिलाती हुई अपने रूम में चली गयी.

मैं अपनी सुधबुध खो चुका था और मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं.

मैं सर झटकता हुआ उठा और नहाने के लिए बाथरूम में आ गया.
उधर मैंने दीपिका की नंगी जवानी को याद करके लंड हिलाया और फारिग होकर अपने कॉलेज चला गया.

उस रात को मैं थोड़ा लेट आया क्योंकि मैंने कॉलेज के बाद शाम को चार पैग व्हिस्की के लगा लिए थे.

दारू पीते समय मैं दीपिका के बारे में ही सोच रहा था.
मुझे समझ आ गया था कि आज दीपिका मेरे लंड से चुदने को रेडी है.

बस ये सोचा तो मैंने दो पैकेट कंडोम के खरीद लिए और घर आ गया.

मुझे मालूम हो गया था कि अब उस पर भी कंट्रोल नहीं हो रहा है.

रात में खाना खाकर हम दोनों टीवी देख रहे थे.

मैंने बात शुरू की- तुम सुबह क्या चाह रही थीं?
वो बोली- कुछ नहीं.

मैंने कहा- फिर किस क्यों किया था?
वो बोली- वो तो ऐसे ही, पर तुमको तो अच्छा ही लगा होगा न!

मैंने बोला- हां अच्छा तो लगा था मगर तुमको शर्म नहीं आई?
वो हंसी और बोली- शर्म कैसी, तुम भी तो छिप छिप कर मुझे नंगी देखते थे और कई बार मुझे वो सब करते हुए भी देख भी चुके हो.

मैंने कहा- ये तुमको कैसे मालूम है?
वो बोली- जब तुम मुझे देख कर मुठ मारते थे और मेरी पैंटी में पानी निकाल देते थे, तो क्या मैं इतनी नासमझ हूँ कि ये बात समझ ही न पाऊं … घर में तुम्हारे अलावा कोई और तो है नहीं, जो ये सब मेरी पैंटी के साथ करता हो. फिर कल रात में जब तुम मेरे बूब्स दबा रहे थे, तो क्या मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा - by neerathemall - 07-06-2022, 12:37 PM



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