07-06-2022, 12:37 PM
मैंने राहत की सांस ली और खाना खाने बैठ गया.
मेरे सामने दीपिका बैठी थी.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो सर झुका कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि दीपिका ने उस दिन की झेम्प मिटाने का बदला लिया है.
इस सबमें एक बात साफ़ हो गई थी कि जवानी आग उसे भी लगी थी और मुझे भी लगी थी.
हम दोनों एक दूसरे की आग को समझ चुके थे.
इसी बीच मैंने एक हरकत करना शुरू कर दी थी.
मैं दीपिका की पैंटी में मुठ मार कर अपना रस छोड़ देता था.
मगर इस बात को भी दीपिका ने बुआ से नहीं कही.
फिर कुछ दिन बाद बुआ मुझसे बोलीं- मुझे कुछ दिन के लिए काम से बाहर जाना है, तो घर का और अपनी बहन का ख्याल रखना.
मैंने पूछा- आपको कब जाना है?
बुआ बोलीं- कल जाना है … दो हफ्ते के लिए, ऑफिस का बहुत ज़रूरी काम है. वैसे तो मैं दीपिका को भी साथ ले जाती, पर उसके एग्जाम चल रहे हैं और एक पेपर बचा है.
मैंने कहा- ओके बुआ कोई बात नहीं मैं हूँ ना … सब संभाल लूंगा.
बुआ अपनी तैयारी करने में लग गईं. फिर सुबह 6 बजे वाली ट्रेन से चली गईं.
अब मैं और दीपिका ही घर में अकेले रह गए थे.
वो आठ बजे अपना पेपर देने चली गई.
जब कॉलेज से वापस आई तो मैंने पूछा- तुम्हारा लास्ट पेपर कैसा हुआ?
वो हंस कर बोली- मस्त.
दीपिका बहुत खुश नजर आ रही थी.
उसकी कुछ दिन की कॉलेज की छुट्टी भी हो गयी थी.
मैंने उससे कहा- आज शाम को मैं बाहर से खाना ले आऊंगा तुम बनाना मत.
वो बोली- ठीक है.
शाम को मैं होटल से खाना लेकर आया और हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
फिर हम दोनों टीवी देखने लगे और बात करने लगे.
उसने अचानक से पूछा- तुम्हारी कोई जीएफ है क्या?
मैंने बोला- नहीं.
उसने कहा- क्यों?
मैंने बात पलटते हुए पूछा- तुम्हारा है कोई?
उसने कहा- नहीं है.
मैंने कहा- मेरी भी नहीं है.
उस समय हम दोनों एक हॉरर मूवी देख रहे थे.
तभी एक डरावना सीन आया, वो डरने लगी और मेरे से चिपक कर बैठ गयी.
उसके चुचे मेरे सीने से टच हो रहे थे.
मैं लोवर पहने हुए था तो मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने पिलो से लंड दबा लिया.
उसने देख लिया और बोली- क्या दबा रहे हो?
ये मैंने कहा- कुछ नहीं.
उसने कहा- कुछ तो दबा रहे हो, मुझे देखने दो.
मैंने कहा- अरे यार कुछ नहीं है.
उसने झटके से पिलो खींच लिया तो मेरा लंड लोवर में से साफ़ दिख रहा था.
वो मेरा खड़ा लंड देख कर शर्मा गयी. मैं उठ गया और अपने रूम में आ गया.
मैं कमरे की लाइट बंद करके लेट गया.
कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई.
करीब दो बजे मुझे लगा कि मेरे पास कोई है.
मैंने देखा तो दीपिका मेरे बाजू में लेटी हुई थी.
मेरे सामने दीपिका बैठी थी.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो सर झुका कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि दीपिका ने उस दिन की झेम्प मिटाने का बदला लिया है.
इस सबमें एक बात साफ़ हो गई थी कि जवानी आग उसे भी लगी थी और मुझे भी लगी थी.
हम दोनों एक दूसरे की आग को समझ चुके थे.
इसी बीच मैंने एक हरकत करना शुरू कर दी थी.
मैं दीपिका की पैंटी में मुठ मार कर अपना रस छोड़ देता था.
मगर इस बात को भी दीपिका ने बुआ से नहीं कही.
फिर कुछ दिन बाद बुआ मुझसे बोलीं- मुझे कुछ दिन के लिए काम से बाहर जाना है, तो घर का और अपनी बहन का ख्याल रखना.
मैंने पूछा- आपको कब जाना है?
बुआ बोलीं- कल जाना है … दो हफ्ते के लिए, ऑफिस का बहुत ज़रूरी काम है. वैसे तो मैं दीपिका को भी साथ ले जाती, पर उसके एग्जाम चल रहे हैं और एक पेपर बचा है.
मैंने कहा- ओके बुआ कोई बात नहीं मैं हूँ ना … सब संभाल लूंगा.
बुआ अपनी तैयारी करने में लग गईं. फिर सुबह 6 बजे वाली ट्रेन से चली गईं.
अब मैं और दीपिका ही घर में अकेले रह गए थे.
वो आठ बजे अपना पेपर देने चली गई.
जब कॉलेज से वापस आई तो मैंने पूछा- तुम्हारा लास्ट पेपर कैसा हुआ?
वो हंस कर बोली- मस्त.
दीपिका बहुत खुश नजर आ रही थी.
उसकी कुछ दिन की कॉलेज की छुट्टी भी हो गयी थी.
मैंने उससे कहा- आज शाम को मैं बाहर से खाना ले आऊंगा तुम बनाना मत.
वो बोली- ठीक है.
शाम को मैं होटल से खाना लेकर आया और हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
फिर हम दोनों टीवी देखने लगे और बात करने लगे.
उसने अचानक से पूछा- तुम्हारी कोई जीएफ है क्या?
मैंने बोला- नहीं.
उसने कहा- क्यों?
मैंने बात पलटते हुए पूछा- तुम्हारा है कोई?
उसने कहा- नहीं है.
मैंने कहा- मेरी भी नहीं है.
उस समय हम दोनों एक हॉरर मूवी देख रहे थे.
तभी एक डरावना सीन आया, वो डरने लगी और मेरे से चिपक कर बैठ गयी.
उसके चुचे मेरे सीने से टच हो रहे थे.
मैं लोवर पहने हुए था तो मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने पिलो से लंड दबा लिया.
उसने देख लिया और बोली- क्या दबा रहे हो?
ये मैंने कहा- कुछ नहीं.
उसने कहा- कुछ तो दबा रहे हो, मुझे देखने दो.
मैंने कहा- अरे यार कुछ नहीं है.
उसने झटके से पिलो खींच लिया तो मेरा लंड लोवर में से साफ़ दिख रहा था.
वो मेरा खड़ा लंड देख कर शर्मा गयी. मैं उठ गया और अपने रूम में आ गया.
मैं कमरे की लाइट बंद करके लेट गया.
कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई.
करीब दो बजे मुझे लगा कि मेरे पास कोई है.
मैंने देखा तो दीपिका मेरे बाजू में लेटी हुई थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.