Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा
#19
फिर मैंने अपने लंड को दीदी की चूत पर रखा और उसको दीदी की चूत पर पटकने लगा.

दीदी तड़प उठी, बोली- सस्स… चोद ना साले क्यूं खेल कर रहा है?
फिर दीदी ने मुझे नीचे पटक दिया और खुद ही मेरे लंड पर आकर बैठने लगी. दीदी ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और अपनी चूत पर रख कर उस पर दबाव बनाती हुई बैठती चली गई.
मेरा सुपारा दीदी की चूत में उतर गया तो दीदी चीख पड़ी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मर गई हरामी. बहुत दर्द कर रहा है तेरा लौड़ा. चूत फटने वाली है. बहन के लौड़े तूने मेरी चूत को फाड़ने के लिए मुझे गर्म किया था क्या कुत्ते?
मैंने कहा- डार्लिंग एक बार दर्द होगा, फिर खूब मजा आयेगा।
यह सुन कर मेरी शेरनी बहन ने होंठ भींच कर और दर्द को पीते हुए धीरे धीरे पूरा लौड़ा अपनी चूत में फिट कर लिया और ऊपर नीचे उछल उछल कर घुचके मारने लगी।
मैंने भी अपनी चुदक्कड़ बहन का साथ देते हुए नीचे से घुचके मारने शुरू कर दिए!
पन्द्रह मिनट इस तरह घुचके मारने के बाद वो हांफने लगी। थोड़ी देर के लिए हमने चुदाई को विराम दिया. मेरा लंड अभी भी दीदी की चूत में ही घुसा हुआ था. बहुत गर्म चूत थी मेरी दीदी की. कुछ देर के बाद हम वापस शुरू हो गए।
जब मेरे थोड़ा लंड उसकी चूत में घुसा तो वो मस्त आवाज करती हुई चुदने लगी. उसकी वो आवाजें सुन कर मैंने एक धक्का और मारा जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में पूरा घुसा तो उसके मुंह से जोरदार दर्द भरी आवाज निकल गयी लेकिन अब की बार उस दर्द के साथ एक मजा भी था. दर्द की वजह से वो मुझसे और कुछ भी नहीं बोल पाई.
वो दर्द की वजह से पीछे बढ़ रही थी पर मैंने उसकी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और जोरदार धक्के मारने लगा. कुछ ही देर में उसे भी चुदाई का पूरा मज़ा आने लगा और वो मेरे धक्कों के मज़े लेती हुई आ … आ … ऊह … ऊऊऊ … आ हाँ … आआआ… ऊऊऊ.. की सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसकी चूत में धक्कों की स्पीड इतनी तेज कर दी कि कुछ ही देर में उसकी चूत से पानी निकल गया.
मैं अभी तक नहीं झड़ा था.
फिर मैंने उसकी चूत से लौड़े को निकाल लिया और उसको घोड़ी बना लिया. मैंने उसकी गांड के छेद पर लंड को रगड़ा और अपने लंड के चिकने सुपारे को उसकी गांड के छेद पर मलने लगा. मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत के रस से भीगा हुआ था और काफी चिकना भी हो गया था. मैंने धीरे से सुपारे का अगला भाग दीदी की गांड में घुसाया तो वो उचक गई. मैंने उसकी गांड को अपने हाथ में पकड़ लिया ताकि वो आगे की तरफ छूट कर न भागे.
सुपारे को अंदर घुसाने के बाद मैंने कुछ देर ऐसे ही लंड को रोके रखा और फिर दबाव बनाना शुरू किया. दीदी की गांड फैलने लगी और धीरे-धीरे करके लंड को आगे धकेलते हुए मैंने उसकी गांड में लंड को घुसा दिया. उसने पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में ले लिया. अब मैंने धीरे से उसकी गांड में लंड के धक्के लगाना शुरू किया. पूरा लंड गांड में अंदर बाहर होने लगा.
अब वो अपनी गांड को हिला हिला कर चुदने लगी. मैं उसकी गांड में ऐसे ही 5 मिनट तक धक्के मारने के बाद झड़ गया. फिर उसने मेरे लंड को मुंह में रख कर चाट चाट कर साफ कर दिया. फिर हम दोनों बिना कपड़ों के ही सो गए.
रात को फिर से मैंने दीदी की चुदाई की. दीदी की चूत को चोद कर मैंने बुआ की बेटी की चुत चुदाई की प्यास को बुझा दिया.
जब तक जीजा जी नहीं लौटे हम दोनों में चुदाई का ये खेल जमकर हुआ. ऑफिस से आते ही मैं दीदी की ठुकाई करता था और फिर रात में सोते टाइम भी उनकी चूत को खूब चोदता था. दीदी भी खुश हो गई थी. फिर जीजा जी आ गये और रोज की चुदाई बंद हो गई लेकिन बीच-बीच में मौका निकाल कर मैं दीदी की चुदाई कर लेता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बुआ की बेटी को खुली छत पर चोदा - by neerathemall - 07-06-2022, 12:29 PM



Users browsing this thread: 9 Guest(s)