06-06-2022, 06:01 PM
सीमा भाभी के बारे में बता दूं … वो 40 साल की हैं. उनकी शादी उनसे 7 साल बड़े इंसान यानि मेरे भैया से 18 साल पहले हुई थी। तब वो मात्र 22 साल की थी।
गांव से होने के कारण शादी जल्दी कर दी थी।
26 की होते होते उनके दो बच्चे हो गए पर फिगर आज भी गजब का मेन्टेन किया हुआ हैं। उनका फिगर है 34-32-36 ना दुबली और ना मोटी … हाइट होगी 5’4″
एकदम किसी हीरोइन की तरह बिलकुल कसा हुआ शरीर, देखकर कोई नहीं बोल सकता कि वो 40 की हैं, वो अब भी 30 की लगती हैं।
एक मात्र देवर ही होने की वजह से वो मुझसे काफी बातें किया करता थी. पर भैया को यह सब पसंद नहीं था तो भाभी ने मुझसे बात करना कम कर दी थी।
जब भी हम किसी पारिवारिक कार्यक्रम में मिलते तो हम दोनों बात करने का कोई मौका नहीं छोड़ते और खूब हंसी मजाक करते। पर भैया थोड़े पुराने विचारों के है तो उनके आते ही भाभी इधर उधर हो जाती।
भाभी के पास मेरा नंबर हैं तो मौका मिलते ही बात कर लेती हैं।
भाभी की बड़ी लड़की हैं आशिमा … उसने कुछ कंपीटिटिव एग्जाम के फार्म भरे थे आगे की पढ़ाई के लिए। एक एग्जाम का सेंटर मुम्बई आया पर भैया ने मना कर दिया।
लेकिन आशिमा जिद पर अड़ गयी कि उसे यह परीक्षा तो देनी ही है।
भैया ने मुझे फ़ोन पर सारी बात बताई तो मैंने कहा- आप लोग आ जाओ, मैं यहाँ सब देख लूंगा।
कुछ दिन सोचकर भैया ने टिकट बुक कर लिए और मुझे बता दिया। मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि भाभी भी आ रही थी।
आने के 2 दिन पहले भैया का फ़ोन आया कि उनकी मेडिकल की दुकान के दूसरे पार्टनर की तबियत अचानक खराब होने के कारण वो नहीं आ रहे हैं पर भाभी और आशिमा को भेज रहे हैं।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और बोला- भाई, आप परेशान न हों! मैं भाभी और आशिमा को स्टेशन लेने चला जाऊंगा और एग्जाम का भी देख लूंगा.
उसके बाद में बेसब्री से भाभी के आने का इंतजार करने लगा।
मैं उन दोनों को लेने स्टेशन चला गया और लेकर फ्लैट पर आ गया। थोड़ी देर बात करने के बाद भाभी फ्रेश होने चली गयी और मैं आशिमा से बात करने लगा। वो भी एक चुदाई लायक माल लग रही थी। मैं कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चूची देख रहा था।
तभी भाभी आयी और आशिमा से बोली- तू भी फ्रेश हो ले, मैं नाश्ता बना लेती हूं।
आशिमा अपने कपड़े लेकर फ्रेश होने चली गयी।
उसके आने के बाद हमने नाश्ता किया। मैं भाभी से बोला- मैं नहा कर आता हूँ तब तक आप आराम कर लो।
भाभी बोली- ठीक है!
और वो दूसरे कमरे में जाकर लेट गयी। आशिमा अपनी परीक्षा का पढ़ने लगी।
मैं बाथरूम में गया और वहाँ भाभी की ब्रा और पैंटी देखकर मुठ मारने की सोची।
मैंने भाभी की ब्रा को मुंह में दबाया और पेंटी को अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारी। फिर मैंने बाथरूम साफ कर नहाया और बाहर आकर टीवी देखने लगा।
शाम को भाभी ने मुझसे पूछा- खाने में क्या बनाना है?
मैंने कहा- जो आपको ठीक लगे!
फिर मैंने भाभी को खाने का सामान लेकर दिया।
रात के खाने के बाद आशिमा अपनी पढ़ाई करने लगी; मैं और भाभी दूसरे कमरे में बैठकर बातें करने लगे।
भाभी ने मुझसे पूछा- तलाक के बाद आपको कभी अकेलापन नहीं लगा?
भाभी के इस प्रश्न ने मुझे अपनी शादी के वो 3 साल याद दिला दिए जिसमें शुरू के 6 महीने तो अच्छे थे और बाद के बहुत ही खतरनाक।
मैंने भाभी से कहा- उससे तो यह जिंदगी बेहतर है।
भाभी भी बोली- बात तो सही है; पर हर कोई एक जैसा नहीं होता। दूसरी शादी के बारे में कुछ सोचा?
मैंने कहा- नहीं, पर अब मैं शायद ही शादी करूँगा।
भाभी बोली- क्या हुआ? इतना क्यों सोच रहे हो? कर लो शादी।
मैंने भी मजाक किया- है कोई आपके जैसी?
और हम दोनों हँसने लगे।
गांव से होने के कारण शादी जल्दी कर दी थी।
26 की होते होते उनके दो बच्चे हो गए पर फिगर आज भी गजब का मेन्टेन किया हुआ हैं। उनका फिगर है 34-32-36 ना दुबली और ना मोटी … हाइट होगी 5’4″
एकदम किसी हीरोइन की तरह बिलकुल कसा हुआ शरीर, देखकर कोई नहीं बोल सकता कि वो 40 की हैं, वो अब भी 30 की लगती हैं।
एक मात्र देवर ही होने की वजह से वो मुझसे काफी बातें किया करता थी. पर भैया को यह सब पसंद नहीं था तो भाभी ने मुझसे बात करना कम कर दी थी।
जब भी हम किसी पारिवारिक कार्यक्रम में मिलते तो हम दोनों बात करने का कोई मौका नहीं छोड़ते और खूब हंसी मजाक करते। पर भैया थोड़े पुराने विचारों के है तो उनके आते ही भाभी इधर उधर हो जाती।
भाभी के पास मेरा नंबर हैं तो मौका मिलते ही बात कर लेती हैं।
भाभी की बड़ी लड़की हैं आशिमा … उसने कुछ कंपीटिटिव एग्जाम के फार्म भरे थे आगे की पढ़ाई के लिए। एक एग्जाम का सेंटर मुम्बई आया पर भैया ने मना कर दिया।
लेकिन आशिमा जिद पर अड़ गयी कि उसे यह परीक्षा तो देनी ही है।
भैया ने मुझे फ़ोन पर सारी बात बताई तो मैंने कहा- आप लोग आ जाओ, मैं यहाँ सब देख लूंगा।
कुछ दिन सोचकर भैया ने टिकट बुक कर लिए और मुझे बता दिया। मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि भाभी भी आ रही थी।
आने के 2 दिन पहले भैया का फ़ोन आया कि उनकी मेडिकल की दुकान के दूसरे पार्टनर की तबियत अचानक खराब होने के कारण वो नहीं आ रहे हैं पर भाभी और आशिमा को भेज रहे हैं।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और बोला- भाई, आप परेशान न हों! मैं भाभी और आशिमा को स्टेशन लेने चला जाऊंगा और एग्जाम का भी देख लूंगा.
उसके बाद में बेसब्री से भाभी के आने का इंतजार करने लगा।
मैं उन दोनों को लेने स्टेशन चला गया और लेकर फ्लैट पर आ गया। थोड़ी देर बात करने के बाद भाभी फ्रेश होने चली गयी और मैं आशिमा से बात करने लगा। वो भी एक चुदाई लायक माल लग रही थी। मैं कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चूची देख रहा था।
तभी भाभी आयी और आशिमा से बोली- तू भी फ्रेश हो ले, मैं नाश्ता बना लेती हूं।
आशिमा अपने कपड़े लेकर फ्रेश होने चली गयी।
उसके आने के बाद हमने नाश्ता किया। मैं भाभी से बोला- मैं नहा कर आता हूँ तब तक आप आराम कर लो।
भाभी बोली- ठीक है!
और वो दूसरे कमरे में जाकर लेट गयी। आशिमा अपनी परीक्षा का पढ़ने लगी।
मैं बाथरूम में गया और वहाँ भाभी की ब्रा और पैंटी देखकर मुठ मारने की सोची।
मैंने भाभी की ब्रा को मुंह में दबाया और पेंटी को अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारी। फिर मैंने बाथरूम साफ कर नहाया और बाहर आकर टीवी देखने लगा।
शाम को भाभी ने मुझसे पूछा- खाने में क्या बनाना है?
मैंने कहा- जो आपको ठीक लगे!
फिर मैंने भाभी को खाने का सामान लेकर दिया।
रात के खाने के बाद आशिमा अपनी पढ़ाई करने लगी; मैं और भाभी दूसरे कमरे में बैठकर बातें करने लगे।
भाभी ने मुझसे पूछा- तलाक के बाद आपको कभी अकेलापन नहीं लगा?
भाभी के इस प्रश्न ने मुझे अपनी शादी के वो 3 साल याद दिला दिए जिसमें शुरू के 6 महीने तो अच्छे थे और बाद के बहुत ही खतरनाक।
मैंने भाभी से कहा- उससे तो यह जिंदगी बेहतर है।
भाभी भी बोली- बात तो सही है; पर हर कोई एक जैसा नहीं होता। दूसरी शादी के बारे में कुछ सोचा?
मैंने कहा- नहीं, पर अब मैं शायद ही शादी करूँगा।
भाभी बोली- क्या हुआ? इतना क्यों सोच रहे हो? कर लो शादी।
मैंने भी मजाक किया- है कोई आपके जैसी?
और हम दोनों हँसने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.