06-06-2022, 05:35 PM
स समय वहाँ पर कोई भी नहीं था। भाभी बाथरूम में घुसी और दरवाजा बन्द करने ही वाली थी कि इतने मैं दरवाजा आधा रोक कर और हिम्मत करके अन्दर घुस गया।
भाभी बोलीं- अरे देवर जी, ये लेडीज टॉयलेट है।
मैं- पता है।
भाभी- आज आप के इरादे भी कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं?
मैं- इरादे तो आप के भी ठीक नहीं लग रहे हैं।
इतना कहते ही मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए इस पर उनकी कोई प्रतिक्रिया न देखते हुए मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए. वो भी मेरा साथ देने लग गयीं मैं अपना हाथ उनके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा लगभग 5 मिनट तक हमारा चुम्बन चला।
भाभी बोलीं- अब जाकर आपने कुछ करने की हिम्मत कर ही दी।
मैं- आपने साथ दिया तो हिम्मत दिखानी ही पड़ी।
भाभी- कम से कम साँस तो लेने देते।
मैं- ऐसे कैसे आपको कुछ होने देता।
भाभी अपना हाथ मेरे लन्ड पर ले जा कर बोलीं- सुबह से साहब (मतलब मेरा लन्ड) बहुत खड़े हो रहे हैं।
मैं- आज आप लग ही बहुत अच्छी रही हो।
भाभी- बस आज?
मैं- मतलब आज कुछ ज्यादा ही।
भाभी- तो आज आप सुबह से ही अपनी भाभी पर नजर डाले हुए हैं?
मैं- आप भी तो सुबह से इस साहब (मेरा लन्ड) पर ध्यान दे रही हो।
भाभी- ये बस खड़ा ही होता है या कुछ करता भी है।
मैं- अभी लो.
अपना लंड बाहर निकालने के लिए मैं अपनी जीन्स का बटन खोल ही रहा था कि भाभी ने मेरा हाथ रोक कर कहा- यहीं करोगे क्या?
मैं- क्या भाभी … आपने ही तो कहा कि ये बस खड़ा ही होता है या कुछ करता भी है. अब कर रहा हूँ तो कुछ आप करने नहीं दें रही हो?
भाभी- अरे देवर जी, यहाँ हमें किसी ने देख लिया और हम पकड़े गए तो?
मैं- कुछ नहीं होगा भाभी जान।
तभी भाभी के फोन पर भईया की कॉल आ गया.
भाभी ने मुझे शान्त रहने के लिए कहा और बात करने लगीं.
उनकी बात खत्म होते ही भाभी कुछ ज्यादा ही खुश लगीं।
मैं- क्या हुआ?
भाभी- लो जी, आपके भईया ने ही हमारा प्रोग्राम सैट कर दिया, दोनों बच्चों को नींद आ रही है मुझे उन्हें सुलाने होटल जाना है और वहीं रूकना पड़ेगा, आपके भईया यहीं रूकेंगे।
मैं- वाह! अब तो कोई दिक्कत ही नहीं है फिर, आपके साथ ही मैं भी चल चलूँगा सोने का बहाना करके। लेकिन हमें जल्दी चलना होगा क्योंकि 11:30 बज रहे हैं और उस होटल वाले का रुल है कि वो रात 12:00 बजे के बाद से सुबह के 5:00 बजे तक किसी को भी न आने देगा और न ही बाहर जाने देगा।
भाभी ने किस किया मुझे और कहा- मैं बाहर जाकर देखती हूँ कि कोई है या नहीं तभी आप बाहर आ जाना.
फिर भाभी ने मेरे लन्ड पर हाथ लगा कर कहा- सी यू ऑन द बैड डियर।
बाहर सब कुछ ठीक था वो मुझे बता कर चली गई.
मैं भी बाहर निकलकर जेन्टस टॉयलेट में थोड़ा रुक लॉन में आ गया।
वहाँ मुझे भईया मिल गए भाभी और बच्चों के साथ!
मैं समझ गया था कि वो उन्हें छोड़ने ही जा रहे होंगे।
भाभी बोलीं- अरे देवर जी, ये लेडीज टॉयलेट है।
मैं- पता है।
भाभी- आज आप के इरादे भी कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं?
मैं- इरादे तो आप के भी ठीक नहीं लग रहे हैं।
इतना कहते ही मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए इस पर उनकी कोई प्रतिक्रिया न देखते हुए मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए. वो भी मेरा साथ देने लग गयीं मैं अपना हाथ उनके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा लगभग 5 मिनट तक हमारा चुम्बन चला।
भाभी बोलीं- अब जाकर आपने कुछ करने की हिम्मत कर ही दी।
मैं- आपने साथ दिया तो हिम्मत दिखानी ही पड़ी।
भाभी- कम से कम साँस तो लेने देते।
मैं- ऐसे कैसे आपको कुछ होने देता।
भाभी अपना हाथ मेरे लन्ड पर ले जा कर बोलीं- सुबह से साहब (मतलब मेरा लन्ड) बहुत खड़े हो रहे हैं।
मैं- आज आप लग ही बहुत अच्छी रही हो।
भाभी- बस आज?
मैं- मतलब आज कुछ ज्यादा ही।
भाभी- तो आज आप सुबह से ही अपनी भाभी पर नजर डाले हुए हैं?
मैं- आप भी तो सुबह से इस साहब (मेरा लन्ड) पर ध्यान दे रही हो।
भाभी- ये बस खड़ा ही होता है या कुछ करता भी है।
मैं- अभी लो.
अपना लंड बाहर निकालने के लिए मैं अपनी जीन्स का बटन खोल ही रहा था कि भाभी ने मेरा हाथ रोक कर कहा- यहीं करोगे क्या?
मैं- क्या भाभी … आपने ही तो कहा कि ये बस खड़ा ही होता है या कुछ करता भी है. अब कर रहा हूँ तो कुछ आप करने नहीं दें रही हो?
भाभी- अरे देवर जी, यहाँ हमें किसी ने देख लिया और हम पकड़े गए तो?
मैं- कुछ नहीं होगा भाभी जान।
तभी भाभी के फोन पर भईया की कॉल आ गया.
भाभी ने मुझे शान्त रहने के लिए कहा और बात करने लगीं.
उनकी बात खत्म होते ही भाभी कुछ ज्यादा ही खुश लगीं।
मैं- क्या हुआ?
भाभी- लो जी, आपके भईया ने ही हमारा प्रोग्राम सैट कर दिया, दोनों बच्चों को नींद आ रही है मुझे उन्हें सुलाने होटल जाना है और वहीं रूकना पड़ेगा, आपके भईया यहीं रूकेंगे।
मैं- वाह! अब तो कोई दिक्कत ही नहीं है फिर, आपके साथ ही मैं भी चल चलूँगा सोने का बहाना करके। लेकिन हमें जल्दी चलना होगा क्योंकि 11:30 बज रहे हैं और उस होटल वाले का रुल है कि वो रात 12:00 बजे के बाद से सुबह के 5:00 बजे तक किसी को भी न आने देगा और न ही बाहर जाने देगा।
भाभी ने किस किया मुझे और कहा- मैं बाहर जाकर देखती हूँ कि कोई है या नहीं तभी आप बाहर आ जाना.
फिर भाभी ने मेरे लन्ड पर हाथ लगा कर कहा- सी यू ऑन द बैड डियर।
बाहर सब कुछ ठीक था वो मुझे बता कर चली गई.
मैं भी बाहर निकलकर जेन्टस टॉयलेट में थोड़ा रुक लॉन में आ गया।
वहाँ मुझे भईया मिल गए भाभी और बच्चों के साथ!
मैं समझ गया था कि वो उन्हें छोड़ने ही जा रहे होंगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
