06-06-2022, 05:27 PM
मैंने बारहवीं तक की पढ़ाई गांव में रहकर की है. वहां पर मेरे ताऊ के चार लड़के और उनकी दो बहुएं रहती हैं. ये कहानी उनकी बड़ी बहू की है, जिनको मैंने चोदा था. हम सब जॉइंट फैमिली में रहते हैं.
यह बात तब की है, जब मैं पूरा जवान हो गया था और कॉलेज में पढ़ता था. मेरी बड़ी भाभी थोड़ी सांवली हैं, लेकिन छोटी भाभी बहुत गोरी हैं. बड़ी भाभी भले ही सांवली हैं, लेकिन वो बहुत सेक्सी हैं. उनका फिगर 34-28-36 का रहा होगा. वो इतनी अधिक चुदक्कड़ हैं कि अगर किसी दिन वो ना चुदें, तो उनको चैन नहीं आता था. मैं अक्सर उनकी चुदाई की सिसकारियां उनके रूम से सुनता था. तब मेरा मन उनकी चुदाई देखने का बहुत करता था. आख़िर भगवान ने एक दिन मेरी सुन ली और मुझे उनकी चुदाई देखने का मौका मिल गया.
उस दिन इंडिया का मैच आ रहा था. मैं उनके रूम में टीवी देख रहा था. लेकिन भाभी को चुदास लगी थी. वो मुझसे बार बार पूछ रही थीं- कब तक देखोगे, टीवी बंद कर दो.
कुछ देर बाद जब मैच ख़त्म हो गया, तो मैं वहां से आ गया. उनके रूम के बाहर ही आंगन में मेरा बिस्तर लगा था, तो मैं वहीं लेट गया.
मेरे लेटते ही भाभी ने भैया को अन्दर ले लिया और गेट लगा लिया. थोड़ी देर बाद उनकी चूड़ियों और पायलों की झनकार मुझे सुनाई देने लगी. मैं समझ गया ज़रूर भाभी अन्दर चुद रही होंगी. मेरी नींद उड़ गई और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं उनकी चुदाई देखने के लिए उनके गेट पर खड़ा हो गया.
मैं गेट की झिरी में से झाँक कर देखा, तो आआआअ हह ओह हाय क्या नज़ारा था अन्दर का … भाभी ज़मीन पर दोनों पैर हवा में उठाए हुए खोल कर चित लेटी थीं और भैया उनके ऊपर चढ़े थे. भैया का लंड भाभी की चूत में था. भाभी की दोनों टांगें हवा में लहरा रहीं थीं. भाभी के दोनों पैर ठीक दरवाजे के सामने थे, जिससे उनकी चूत में लंड साफ़ साफ आता जाता हुआ दिख रहा था. जिंदगी में पहली बार किसी को ऐसे चुदते हुए देखा था, तो दिल जोर जोर से धड़क रहा था. लंड में जोश ही जोश भरा हुआ था.
ऊओह क्या बताऊं दोस्तो … क्या रंगीन नज़ारा था. उस अनुभव को शब्दों में कह पाना मुश्किल था. जैसे ही भैया जोर से कमर से शॉट मारते, लंड घप से भाभी की चूत में घुस जाता और भाभी के मुँह से जोरदार आह निकलती और पायल की आवाज़ आती. उस समय भाभी के चेहरे पर दर्द और मज़े की अलग ही झलक दिखती. हर झटके पर उनका मुँह खुला का खुला रह जाता.
भाभी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ ऐसे चीख रही थीं. उधर भाभी चुद रही थीं, इधर मेरी हालत खराब हो रही थी. जब तक भाभी की चुदाई चली, तब तक मेरा दो बार पानी निकल चुका था. जब भैया का पानी भाभी की चूत में निकल गया, तो भाभी शांत पड़ी रह गईं और भैया उनके ऊपर से हट गए.
यह बात तब की है, जब मैं पूरा जवान हो गया था और कॉलेज में पढ़ता था. मेरी बड़ी भाभी थोड़ी सांवली हैं, लेकिन छोटी भाभी बहुत गोरी हैं. बड़ी भाभी भले ही सांवली हैं, लेकिन वो बहुत सेक्सी हैं. उनका फिगर 34-28-36 का रहा होगा. वो इतनी अधिक चुदक्कड़ हैं कि अगर किसी दिन वो ना चुदें, तो उनको चैन नहीं आता था. मैं अक्सर उनकी चुदाई की सिसकारियां उनके रूम से सुनता था. तब मेरा मन उनकी चुदाई देखने का बहुत करता था. आख़िर भगवान ने एक दिन मेरी सुन ली और मुझे उनकी चुदाई देखने का मौका मिल गया.
उस दिन इंडिया का मैच आ रहा था. मैं उनके रूम में टीवी देख रहा था. लेकिन भाभी को चुदास लगी थी. वो मुझसे बार बार पूछ रही थीं- कब तक देखोगे, टीवी बंद कर दो.
कुछ देर बाद जब मैच ख़त्म हो गया, तो मैं वहां से आ गया. उनके रूम के बाहर ही आंगन में मेरा बिस्तर लगा था, तो मैं वहीं लेट गया.
मेरे लेटते ही भाभी ने भैया को अन्दर ले लिया और गेट लगा लिया. थोड़ी देर बाद उनकी चूड़ियों और पायलों की झनकार मुझे सुनाई देने लगी. मैं समझ गया ज़रूर भाभी अन्दर चुद रही होंगी. मेरी नींद उड़ गई और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं उनकी चुदाई देखने के लिए उनके गेट पर खड़ा हो गया.
मैं गेट की झिरी में से झाँक कर देखा, तो आआआअ हह ओह हाय क्या नज़ारा था अन्दर का … भाभी ज़मीन पर दोनों पैर हवा में उठाए हुए खोल कर चित लेटी थीं और भैया उनके ऊपर चढ़े थे. भैया का लंड भाभी की चूत में था. भाभी की दोनों टांगें हवा में लहरा रहीं थीं. भाभी के दोनों पैर ठीक दरवाजे के सामने थे, जिससे उनकी चूत में लंड साफ़ साफ आता जाता हुआ दिख रहा था. जिंदगी में पहली बार किसी को ऐसे चुदते हुए देखा था, तो दिल जोर जोर से धड़क रहा था. लंड में जोश ही जोश भरा हुआ था.
ऊओह क्या बताऊं दोस्तो … क्या रंगीन नज़ारा था. उस अनुभव को शब्दों में कह पाना मुश्किल था. जैसे ही भैया जोर से कमर से शॉट मारते, लंड घप से भाभी की चूत में घुस जाता और भाभी के मुँह से जोरदार आह निकलती और पायल की आवाज़ आती. उस समय भाभी के चेहरे पर दर्द और मज़े की अलग ही झलक दिखती. हर झटके पर उनका मुँह खुला का खुला रह जाता.
भाभी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ ऐसे चीख रही थीं. उधर भाभी चुद रही थीं, इधर मेरी हालत खराब हो रही थी. जब तक भाभी की चुदाई चली, तब तक मेरा दो बार पानी निकल चुका था. जब भैया का पानी भाभी की चूत में निकल गया, तो भाभी शांत पड़ी रह गईं और भैया उनके ऊपर से हट गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.