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Adultery भाभी का चुदने को कभी इकरार तो कभी इनकार
#2
रे बड़े भाई की शादी आठ महीने पहले ही हुई है. मेरी भाभी काफी सुंदर है. वो अक्सर साड़ी पहनती है. साड़ी में मुझे भाभी का नंगा पेट बहुत ललचाता है. जब कभी मुझे भाभी की नाभि दिख जाती है तो मेरा लंड सलामी देने लगता है.

भाभी जब आंगन में अपनी साड़ी ऊपर जाँघों तक चढ़ा कर कपड़े धोती है तो उनकी नंगी पिंडलियाँ और थोड़ी थोड़ी नंगी जांघें देख कर मुझे कुछ कुछ होने लगता है. मन करता है कि मैं वहीं खुले आंगन में अपनी भाभी को लिटा कर उनकी साड़ी पूरी ऊपर उठा कर उनकी चूत नंगी करके देखूँ और चाट लूं.
रसोई में नीचे बैठ कर भाभी जब कोई काम करती है तो पीछे से उनके चूतड़ मुझे आकर्षित करते रहते हैं. मेरा मन करता है की मैं भाभी के पीछे जाकर अपने दोनों हाथों से उनके दोनों चूतड़ों को दबोच कर मसल दूँ.
कामवासना से प्रेरित होकर एक बार मैंने भाभी को नहाते समय नंगी देखा था बाथरूम के रोशनदान में से … लेकिन मैं पकड़ा गया था … भाभी ने भी मुझे झांकते हुए देख लिया था और उस दिन मुझे खूब डांटा और बोली- तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसी हरकत करते हुए? आने दो तुम्हारे भैया को … मैं यह बात उनको बता दूंगी.
लेकिन भाभी ने ऐसा नहीं किया।
भाभी को यह भी पता है कि मेरा देवर मुझे गंदी नज़रों से देखता है और मुझे चोदना चाहता है।
वो मुझसे बात भी करती थी और बातों बातों में भाभी ने कई बार चुदवाने के लिए हाँ भी कर दी थी कि मैं चोदवा लूंगी बस मौक़ा मिलने दे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाभी का चुदने को कभी इकरार तो कभी इनकार - by neerathemall - 06-06-2022, 05:24 PM



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