06-06-2022, 05:22 PM
मैंने भी देर न करते ही उनकी चूत में अपना लंड फंसाकर धक्का मारा, लेकिन फिसल गया. भाभी के मुँह से एक कराह सी निकली.
मैंने पूछा- भाभी, आपकी चूत तो एकदम कुंवारी सीलपैक की तरह है.
भाभी बड़बड़ाते हुए बोलीं- भोसड़ी का साला हरामी पैसे कमाने में ही लगा रहता है. मुझे चोदता ही कहां है … पिछले एक साल में सात बार ही चुद पाई हूँ. भैन का लौड़ा छह महीने से इस चूत में कोई लंड अन्दर ही नहीं गया है. अब तरसाओ नहीं … मुझे जल्दी से चोद दो. चोदकर भुर्ता बना दो मेरी चूत का.
मैंने शालिनी की चूत पर अपना थूक लगाया और अपने लंड पर उनको थूक लगाने कहा. इसके बदले शालिनी भाभी ने लंड चूसकर ही रसीला कर दिया.
मैंने गर्म लोहे पर हथौड़ा मारना सही समझा. भाभी की कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे चूत ऊपर सामने की तरफ दिख रही थी.
फिर मैंने अपना 6 इंच का लंड चूत के मुहाने पर रख एक ही झटके में जड़ तक पहुंचा दिया. बिन पानी की तरफ हॉट भाभी तड़पने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उनके मुँह से गालियों का अम्बार लग गया- आह बहन के लौड़े मैं कोई रंडी हूँ … जो इस तरह लौड़ा पेल दिया … धीरे चोद मादरचोद.
लेकिन मेरे ऊपर अब भूत सवार हो चुका था- रांड कहीं की … अपने खसम को छोड़ कर दूसरे के लंड से चूत चुदवा रही है, तो क्या सती सावित्री है … साली रंडी ही तो है … चल रंडी देख कैसे तेरी चूत के चीथड़े बनाता हूँ.
मैंने शालिनी भाभी की कमर के नीचे से तकिया को निकाला और उनको अपनी बांहों में लेकर ताबड़तोड़ चुदाई करने में लग गया.
पहले दर्द में गालियां देने वाली भाभी अब मुझे प्यार से देखे जा रही थीं. शालिनी भाभी ने मुझे बांहों में भरते हुए अपने पैरों से बांध लिया. इधर उनकी चूत में मेरा लंड ऐसे चल रहा था, जैसे लकड़ी को आरी काटती है, वैसे ही मेरा लंड उसके चूत में कोहराम मचाये हुए था. इसका जवाब भाभी कमर उठा-उठाकर दे रही थीं.
करीब पंद्रह मिनट के बाद मेरा लंड से वीर्य निकलने वाला था. मैंने कहा- मेरा होने वाला है … कहां डालूं?
भाभी ने मुझे जोर से पकड़ कर अपने से चिपका लिया. शायद वो मेरा पानी अपने चूत में लेना चाहती थीं. मैं समझ गया और ताबड़तोड़ चुदाई से भाभी को चोदने लगा. उनके चहरे पर एक ख़ुशी झलक रही थी. मुझे भी पहली बार किसी भाभी को चोदने का सौभाग्य प्राप्त हो गया.
मैंने पूछा- भाभी, आपकी चूत तो एकदम कुंवारी सीलपैक की तरह है.
भाभी बड़बड़ाते हुए बोलीं- भोसड़ी का साला हरामी पैसे कमाने में ही लगा रहता है. मुझे चोदता ही कहां है … पिछले एक साल में सात बार ही चुद पाई हूँ. भैन का लौड़ा छह महीने से इस चूत में कोई लंड अन्दर ही नहीं गया है. अब तरसाओ नहीं … मुझे जल्दी से चोद दो. चोदकर भुर्ता बना दो मेरी चूत का.
मैंने शालिनी की चूत पर अपना थूक लगाया और अपने लंड पर उनको थूक लगाने कहा. इसके बदले शालिनी भाभी ने लंड चूसकर ही रसीला कर दिया.
मैंने गर्म लोहे पर हथौड़ा मारना सही समझा. भाभी की कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे चूत ऊपर सामने की तरफ दिख रही थी.
फिर मैंने अपना 6 इंच का लंड चूत के मुहाने पर रख एक ही झटके में जड़ तक पहुंचा दिया. बिन पानी की तरफ हॉट भाभी तड़पने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उनके मुँह से गालियों का अम्बार लग गया- आह बहन के लौड़े मैं कोई रंडी हूँ … जो इस तरह लौड़ा पेल दिया … धीरे चोद मादरचोद.
लेकिन मेरे ऊपर अब भूत सवार हो चुका था- रांड कहीं की … अपने खसम को छोड़ कर दूसरे के लंड से चूत चुदवा रही है, तो क्या सती सावित्री है … साली रंडी ही तो है … चल रंडी देख कैसे तेरी चूत के चीथड़े बनाता हूँ.
मैंने शालिनी भाभी की कमर के नीचे से तकिया को निकाला और उनको अपनी बांहों में लेकर ताबड़तोड़ चुदाई करने में लग गया.
पहले दर्द में गालियां देने वाली भाभी अब मुझे प्यार से देखे जा रही थीं. शालिनी भाभी ने मुझे बांहों में भरते हुए अपने पैरों से बांध लिया. इधर उनकी चूत में मेरा लंड ऐसे चल रहा था, जैसे लकड़ी को आरी काटती है, वैसे ही मेरा लंड उसके चूत में कोहराम मचाये हुए था. इसका जवाब भाभी कमर उठा-उठाकर दे रही थीं.
करीब पंद्रह मिनट के बाद मेरा लंड से वीर्य निकलने वाला था. मैंने कहा- मेरा होने वाला है … कहां डालूं?
भाभी ने मुझे जोर से पकड़ कर अपने से चिपका लिया. शायद वो मेरा पानी अपने चूत में लेना चाहती थीं. मैं समझ गया और ताबड़तोड़ चुदाई से भाभी को चोदने लगा. उनके चहरे पर एक ख़ुशी झलक रही थी. मुझे भी पहली बार किसी भाभी को चोदने का सौभाग्य प्राप्त हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.