06-06-2022, 05:21 PM
मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी को निकाल फेंका.
इस वक्त भाभी चुदास से भर उठी थीं और उनके मुँह से एक ही बात निकल रही थी- आह फक मी … फ्क्क करन … फक मी … भोसड़ी वाले ने छह महीने से मुझे चोदा नहीं है … मेरी चूत प्यासी है, इसमें अपना लौड़ा डालकर मुझे जी भर कर चोद दो … आज मेरी प्यास बुझा दो करन.
हॉट भाभी मुझसे चुदने की आरजू विनती करती रहीं, लेकिन मैं उनको तड़पाने में लगा रहा. मैंने भाभी के होंठों का रसपान करते हुए, उनकी कठोर हो चली चुचियों को जी भर कर चूमा. फिर पेट पर उंगलिया फिराते हुए अपनी जीभ को भाभी जी की नाभि पर फेरते हुए उनकी वासना को बढ़ाता चला गया.
भाभी आपे से बाहर हो रही थीं. अभी मैं उनको चोदने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था. मुझे अभी उनके चूत का दीदार करना बाकी था. चूत के उपरी हिस्से को खुदेरने से भाभी नागिन की तरह बल खाने लगीं. भाभी की चूत एकदम पावरोटी की तरह फूली हुई पहाड़ी थी. भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
भाभी की चूत को ऊपर से नीचे की ओर चाटने के क्रम में मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में डाल दी. अन्दर का ज्वालामुखी एकदम किसी भट्ठी की तरह जल रहा था.
मैंने जीभ को जैसे ही भाभी की चूत में डाला, मुझे लगा कि मैं तृप्त हो गया.
भाभी ‘सिसिस्स. … सिस्स..’ करती रहीं. उनके मुँह से इस समय एक मदहोश और चुदास से गर्म औरत की मादक आवाजें भर निकल रही थीं.
फिर कुछ पल हॉट भाभी मादक अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठीं और मेरा सर अपनी चूत में जबरदस्ती डालने लगीं. मुझे लगा कि मेरी सांसें रुक सी गईं.
इतने में भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल होकर बेड पर गिर गईं. जबकि मैंने तो अभी काम भी नहीं शुरू किया था.
मैं भाभी को सेक्स के लिए तैयार करने में जुट गया. मैं उनकी चुचियों को मसलने लगा. इसी के साथ दूसरी तरफ भाभी के रसीले होंठों का रसपान भी करने लगा. मैंने अपने आपको भाभी के ऊपर लाद सा दिया. अपना सारा बोझ उन पर डाल भाभी को अपनी बांहों में लेकर बेतहाशा चुम्मों की बौछार लगा दी.
कुछ ही देर में भाभी की कामवासना जाग गई. अब भाभी ने देर न करते हुए मेरी चड्डी में से लंड महाराज को आजाद कर दिया. जैसे ही चड्डी नीचे की, लंड महाराज बाहर निकलते ही उनके चेहरे से जा टकराए.
मैंने भाभी से लंड चूसने को कहा. पहले तो मना किया, फिर लंड को लॉलीपॉप की तरह जमकर चुसाई करने लगीं. इस समय भाभी की आंखें एकदम नशीली हो चुकी थीं.
भाभी ने अपनी टांगें खोलीं और आंखों से ही अपनी चूत में लंड डालने का इशारा कर दिया.
इस वक्त भाभी चुदास से भर उठी थीं और उनके मुँह से एक ही बात निकल रही थी- आह फक मी … फ्क्क करन … फक मी … भोसड़ी वाले ने छह महीने से मुझे चोदा नहीं है … मेरी चूत प्यासी है, इसमें अपना लौड़ा डालकर मुझे जी भर कर चोद दो … आज मेरी प्यास बुझा दो करन.
हॉट भाभी मुझसे चुदने की आरजू विनती करती रहीं, लेकिन मैं उनको तड़पाने में लगा रहा. मैंने भाभी के होंठों का रसपान करते हुए, उनकी कठोर हो चली चुचियों को जी भर कर चूमा. फिर पेट पर उंगलिया फिराते हुए अपनी जीभ को भाभी जी की नाभि पर फेरते हुए उनकी वासना को बढ़ाता चला गया.
भाभी आपे से बाहर हो रही थीं. अभी मैं उनको चोदने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था. मुझे अभी उनके चूत का दीदार करना बाकी था. चूत के उपरी हिस्से को खुदेरने से भाभी नागिन की तरह बल खाने लगीं. भाभी की चूत एकदम पावरोटी की तरह फूली हुई पहाड़ी थी. भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
भाभी की चूत को ऊपर से नीचे की ओर चाटने के क्रम में मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में डाल दी. अन्दर का ज्वालामुखी एकदम किसी भट्ठी की तरह जल रहा था.
मैंने जीभ को जैसे ही भाभी की चूत में डाला, मुझे लगा कि मैं तृप्त हो गया.
भाभी ‘सिसिस्स. … सिस्स..’ करती रहीं. उनके मुँह से इस समय एक मदहोश और चुदास से गर्म औरत की मादक आवाजें भर निकल रही थीं.
फिर कुछ पल हॉट भाभी मादक अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठीं और मेरा सर अपनी चूत में जबरदस्ती डालने लगीं. मुझे लगा कि मेरी सांसें रुक सी गईं.
इतने में भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल होकर बेड पर गिर गईं. जबकि मैंने तो अभी काम भी नहीं शुरू किया था.
मैं भाभी को सेक्स के लिए तैयार करने में जुट गया. मैं उनकी चुचियों को मसलने लगा. इसी के साथ दूसरी तरफ भाभी के रसीले होंठों का रसपान भी करने लगा. मैंने अपने आपको भाभी के ऊपर लाद सा दिया. अपना सारा बोझ उन पर डाल भाभी को अपनी बांहों में लेकर बेतहाशा चुम्मों की बौछार लगा दी.
कुछ ही देर में भाभी की कामवासना जाग गई. अब भाभी ने देर न करते हुए मेरी चड्डी में से लंड महाराज को आजाद कर दिया. जैसे ही चड्डी नीचे की, लंड महाराज बाहर निकलते ही उनके चेहरे से जा टकराए.
मैंने भाभी से लंड चूसने को कहा. पहले तो मना किया, फिर लंड को लॉलीपॉप की तरह जमकर चुसाई करने लगीं. इस समय भाभी की आंखें एकदम नशीली हो चुकी थीं.
भाभी ने अपनी टांगें खोलीं और आंखों से ही अपनी चूत में लंड डालने का इशारा कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
