06-06-2022, 05:16 PM
किस्मत ने मेरा साथ भी दिया. मैंने देखा कि भाभी की चूत मेरे लंड को ऐसे लेने लगी थी जैसे बस वो झड़ने ही वाली है. उन्होंने मेरी गांड को पकड़ कर अपनी चूत में धक्के लगवाना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि भाभी की प्यास मुझसे ज्यादा बढ़ गई है.
जो हाल चंडीगढ़ में मेरा था, कुछ ऐसा ही हाल शायद भाभी का भी हो रहा था.
थोड़ी देर की रगड़ाई के बाद ही उनका पानी गिर गया. वो मेरे सामने से हट गई। उनके आगे होते ही लण्ड फच्च की आवाज के साथ चूत से बाहर निकल गया।
मैंने फिर उन्हें अपनी तरफ घुमाया और चूमना शुरू किया। मेरा लण्ड अब भी उनकी चूत पर रगड़ खा रहा था। थोड़ी देर बाद ही वो फिर गर्म हो गयी। मैंने उन्हें अपनी गोदी में उठा लिया और उनकी टांगें अपनी कमर में लपेट ली.
उन्होंने भी अपनी बांहें मेरे गले में डाल दीं और मेरे बदन पर झूल गयी. मैंने उनके चूतड़ों को उठा कर, अपने लण्ड को उनकी चूत के मुंह पर टिकाया. एक हल्के से झटके में ही एक फच्च की आवाज के साथ लण्ड उनकी चूत में उतर गया।
अब वो मेरे लण्ड पर झूला झूल रही थी। वो ऊपर से उछल-उछल कर कर लण्ड को पूरा अपनी चूत में अंदर तक ले रही थी। मैं नीचे से धक्के मार कर चुदाई का मजा ले रहा था।
वो भी पूरे मजे ले रही थी. इस आसन में पूरा लण्ड अंदर तक उनकी चूत में जा रहा था। मेरे हर झटके में उनकी आह निकल रही थी। मैं अब जोर-जोर से उन्हें चोदने लगा। कुछ देर बाद ही वो फिर अपना पानी छोड़ गई। अब मेरा पानी भी निकलने को बिल्कुल तैयार था।
जोरदार आठ-दस धक्कों के बाद ही मेरे लण्ड ने उनकी चूत में पिचकारी मारनी शुरू कर दी और अपने वीर्य से उनकी चूत लबालब भर दी। अब जाकर मेरे लण्ड को थोड़ा सा सुकून मिला था।
मैंने थोड़ी देर उन्हें अपने आप से चिपटाये रखा और उनके होंठों पर एक किस दे दी।
भाभी- अब तो छोड़ दो मुझे? अब तो कर ली ना तुमने अपने मन की। सारा रस भी मेरी चूत में ही भर दिया। अब इस उम्र में मुझे फिर से माँ बनाने का विचार है क्या तुम्हारा?
मैं- अरे भाभी, चिंता क्यों करती हो. मैं दवाई ला दूंगा. चुदाई का मजा तो माल अंदर डालने में ही आता है। आजकल के जमाने में सब जुगाड़ है। जम कर चुदाई के मजे भी लो और बच्चा होने का कोई डर भी नहीं होता।
मैंने उन्हें नीचे उतार दिया। उनकी चूत से मेरा औऱ उनका वीर्य बाहर निलकने लगा।
मैंने कहा- लो भाभी … चूत की सफाई तो मैंने अपने लण्ड से घिस-घिस कर कर दी. अब आप बोलो तो आपकी गांड भी इसी तरह साफ कर दूं?
भाभी फटाफट मुझसे अलग हुई, बोली- चलो अब बाहर जाओ जल्दी से, कोई आ जायेगा तो अनर्थ हो जाएगा। वैसे ही तुमने मेरी चूत की हालत खराब कर दी है। कहां मैं हफ्ते में एक बार तुम्हारे भाई से चुदती थी, तुमने तो अभी मुझे दो बार झड़वा दिया। अपने मूसल को अंदर तक पेल कर मेरी चूत को कहीं का नहीं छोड़ा।
जो हाल चंडीगढ़ में मेरा था, कुछ ऐसा ही हाल शायद भाभी का भी हो रहा था.
थोड़ी देर की रगड़ाई के बाद ही उनका पानी गिर गया. वो मेरे सामने से हट गई। उनके आगे होते ही लण्ड फच्च की आवाज के साथ चूत से बाहर निकल गया।
मैंने फिर उन्हें अपनी तरफ घुमाया और चूमना शुरू किया। मेरा लण्ड अब भी उनकी चूत पर रगड़ खा रहा था। थोड़ी देर बाद ही वो फिर गर्म हो गयी। मैंने उन्हें अपनी गोदी में उठा लिया और उनकी टांगें अपनी कमर में लपेट ली.
उन्होंने भी अपनी बांहें मेरे गले में डाल दीं और मेरे बदन पर झूल गयी. मैंने उनके चूतड़ों को उठा कर, अपने लण्ड को उनकी चूत के मुंह पर टिकाया. एक हल्के से झटके में ही एक फच्च की आवाज के साथ लण्ड उनकी चूत में उतर गया।
अब वो मेरे लण्ड पर झूला झूल रही थी। वो ऊपर से उछल-उछल कर कर लण्ड को पूरा अपनी चूत में अंदर तक ले रही थी। मैं नीचे से धक्के मार कर चुदाई का मजा ले रहा था।
वो भी पूरे मजे ले रही थी. इस आसन में पूरा लण्ड अंदर तक उनकी चूत में जा रहा था। मेरे हर झटके में उनकी आह निकल रही थी। मैं अब जोर-जोर से उन्हें चोदने लगा। कुछ देर बाद ही वो फिर अपना पानी छोड़ गई। अब मेरा पानी भी निकलने को बिल्कुल तैयार था।
जोरदार आठ-दस धक्कों के बाद ही मेरे लण्ड ने उनकी चूत में पिचकारी मारनी शुरू कर दी और अपने वीर्य से उनकी चूत लबालब भर दी। अब जाकर मेरे लण्ड को थोड़ा सा सुकून मिला था।
मैंने थोड़ी देर उन्हें अपने आप से चिपटाये रखा और उनके होंठों पर एक किस दे दी।
भाभी- अब तो छोड़ दो मुझे? अब तो कर ली ना तुमने अपने मन की। सारा रस भी मेरी चूत में ही भर दिया। अब इस उम्र में मुझे फिर से माँ बनाने का विचार है क्या तुम्हारा?
मैं- अरे भाभी, चिंता क्यों करती हो. मैं दवाई ला दूंगा. चुदाई का मजा तो माल अंदर डालने में ही आता है। आजकल के जमाने में सब जुगाड़ है। जम कर चुदाई के मजे भी लो और बच्चा होने का कोई डर भी नहीं होता।
मैंने उन्हें नीचे उतार दिया। उनकी चूत से मेरा औऱ उनका वीर्य बाहर निलकने लगा।
मैंने कहा- लो भाभी … चूत की सफाई तो मैंने अपने लण्ड से घिस-घिस कर कर दी. अब आप बोलो तो आपकी गांड भी इसी तरह साफ कर दूं?
भाभी फटाफट मुझसे अलग हुई, बोली- चलो अब बाहर जाओ जल्दी से, कोई आ जायेगा तो अनर्थ हो जाएगा। वैसे ही तुमने मेरी चूत की हालत खराब कर दी है। कहां मैं हफ्ते में एक बार तुम्हारे भाई से चुदती थी, तुमने तो अभी मुझे दो बार झड़वा दिया। अपने मूसल को अंदर तक पेल कर मेरी चूत को कहीं का नहीं छोड़ा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.