06-06-2022, 05:13 PM
मैं- भाभी प्लीज़, बहुत दिन हो गए हैं किसी को नहाते हुए नहीं देखा। तुमसे दूर तो बैठा हूँ. प्लीज मजे लेने दो न मुझे।
भाभी- अरे जाओ … कोई देख लेगा तो मेरी बड़ी बदनामी होगी।
मैं- अरे भाभी जी अभी कौन सा कोई है घर में या आस-पास? भाई भी 3 घंटे बाद ही आएंगे। बच्चे तो शाम से पहले आते नहीं। आप नहाओ न, कोई नहीं आता।
थोड़ी देर मनाने के बाद भाभी मान गयी। उन्होंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। साड़ी और ब्लाऊज उतार कर अलग किया. फिर ब्रा-पेंटी भी उतार दी. लेकिन उससे पहले उन्होंने अपने पेटीकोट को अपनी चूचियों पर ले जाकर बांध लिया। ये सब करते समय उनकी पीठ मेरी तरफ थी. फिर भाभी नहाने लगी।
मैंने कहा- भाभी मेरी तरफ देख कर नहाओ, ऐसे तो बिल्कुल भी देखने में मजा नहीं आ रहा है।
वो मुस्कराते हुए मेरी तरफ मुड़ गयी और अपने जिस्म पर साबुन लगाने लगी।
मैंने कहा- भाभी मैं लगा दूँ क्या?
वो बोली- नहीं बस सामने से देखते रहो. मैं खुद लगा लूंगी।
उन्होंने अपने ऊपर पानी डालते हुए कहा।
मैंने कहा- भाभी सामने से कुछ भी दिख कहां रहा है? सब तो पेटिकोट में छिपा है।
वो बोली- हट बेशर्म, ऐसे ही देखना है तो देखो, वरना जाओ।
वो फिर नहाने लगी। मुझे उन्हें देखने में मजा आ रहा था। अब तो उनका पेटिकोट भी पूरा भीग चुका था। उनकी चूचियों व चूतड़ों की शेप साफ नजर आ रही थी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। मैं उसे पाजामे के ऊपर से ही सहलाने लगा।
भाभी- अरे जाओ … कोई देख लेगा तो मेरी बड़ी बदनामी होगी।
मैं- अरे भाभी जी अभी कौन सा कोई है घर में या आस-पास? भाई भी 3 घंटे बाद ही आएंगे। बच्चे तो शाम से पहले आते नहीं। आप नहाओ न, कोई नहीं आता।
थोड़ी देर मनाने के बाद भाभी मान गयी। उन्होंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। साड़ी और ब्लाऊज उतार कर अलग किया. फिर ब्रा-पेंटी भी उतार दी. लेकिन उससे पहले उन्होंने अपने पेटीकोट को अपनी चूचियों पर ले जाकर बांध लिया। ये सब करते समय उनकी पीठ मेरी तरफ थी. फिर भाभी नहाने लगी।
मैंने कहा- भाभी मेरी तरफ देख कर नहाओ, ऐसे तो बिल्कुल भी देखने में मजा नहीं आ रहा है।
वो मुस्कराते हुए मेरी तरफ मुड़ गयी और अपने जिस्म पर साबुन लगाने लगी।
मैंने कहा- भाभी मैं लगा दूँ क्या?
वो बोली- नहीं बस सामने से देखते रहो. मैं खुद लगा लूंगी।
उन्होंने अपने ऊपर पानी डालते हुए कहा।
मैंने कहा- भाभी सामने से कुछ भी दिख कहां रहा है? सब तो पेटिकोट में छिपा है।
वो बोली- हट बेशर्म, ऐसे ही देखना है तो देखो, वरना जाओ।
वो फिर नहाने लगी। मुझे उन्हें देखने में मजा आ रहा था। अब तो उनका पेटिकोट भी पूरा भीग चुका था। उनकी चूचियों व चूतड़ों की शेप साफ नजर आ रही थी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। मैं उसे पाजामे के ऊपर से ही सहलाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.