06-06-2022, 04:19 PM
अन्दर का सीन कुछ इस तरह था कि सुमीना ने सारे कपड़े उतार रखे थे और ससुर जी भी पूरे नंगे थे और अपनी बेटी की चूत को चाट रहे थे. सुमीना अपनी मस्ती में आँख बन्द करके चूत चूसाई का आनन्द ले रही थी. बाप बेटी दोनों इस बात से बेखबर थे कि कोई उन्हें देख रहा है. वो तो बस अपने मजे में मस्त थे।
ससुर जी ने सुमीना यानि अपनी बेटी की चूत में अपनी पूरी जीभ घुसा रखी थी और बड़े ही मजे उसे खा जाने वाले तरीके चाट रहे थे. सुमीना बोल रही थी- बस आआआ आअआ आअहह हहह उम्म मम्मह अआआ आअआउउ उउउउउ पापा खा जाओ … पी जाओ मेरी चूत को … बहुत तड़पती है ये!
और नीचे से अपने नंगे चूतड़ उचका उचका कर अपनी चूत को अपने पापा के मुँह पर रगड़ रही थी. दोनों मजे में तल्लीन थे.
मैंने सोचा कि अभी इन्हें रोक दूँ कि ‘पिताजी आप ये क्या कर रहे हो? ये आपकी बेटी है.’
लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैं और देखना चाहती थी कि ये और क्या करेंगे।
ससुर जी ने सुमीना यानि अपनी बेटी की चूत में अपनी पूरी जीभ घुसा रखी थी और बड़े ही मजे उसे खा जाने वाले तरीके चाट रहे थे. सुमीना बोल रही थी- बस आआआ आअआ आअहह हहह उम्म मम्मह अआआ आअआउउ उउउउउ पापा खा जाओ … पी जाओ मेरी चूत को … बहुत तड़पती है ये!
और नीचे से अपने नंगे चूतड़ उचका उचका कर अपनी चूत को अपने पापा के मुँह पर रगड़ रही थी. दोनों मजे में तल्लीन थे.
मैंने सोचा कि अभी इन्हें रोक दूँ कि ‘पिताजी आप ये क्या कर रहे हो? ये आपकी बेटी है.’
लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैं और देखना चाहती थी कि ये और क्या करेंगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.