06-06-2022, 04:10 PM
फिर मैंने कहा- देख मैं जानता हूं कि तू भी मुझे पसंद करती है.
मेरे ऐसा बोलते ही वो मेरे से लिपट गई और बोली कि मैं भी तुझसे प्यार करने लगी हूं और रात को भी अब तेरे बारे में ही सोचती रहती हूं.
मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके रसभरे होंठ को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमारे बीच से भाई बहन वाला पर्दा हट गया था.
ऐसे ही हम कुछ मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और फिर इसके बाद मैंने देर न करते हुए उसकी टी-शर्ट निकाल दी और लोअर को भी नीचे कर दिया. वो मेरे सामने एक छोटी सी सफ़ेद ब्रा और पेंटी में थी. बहुत ही हॉट एंड सेक्सी माल लग रही थी.
फिर मैंने उसकी सफ़ेद ब्रा को भी निकाल फेंका और जब मैंने उसकी उठी हुई चूचियों को देखा, तो मेरा लंड बिल्कुल अकड़ गया.
मैंने भी झट से अपना लोअर भी उतार दिया. फिर मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा. वो सिसकारी लेने लगी और उसका हाथ भी मेरे लंड पर चला गया. वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी.
कुछ ही देर में मैं उसको लिटा कर उसकी फुद्दी को चूसने लगा. वो टांगें हवा में उठा कर अपनी फुद्दी को चुसवाने का मजा लेने लगी. मेरे सर को अपनी फुद्दी पर दबाने लगी. थोड़ी ही देर में मैंने उसकी फुद्दी का रस निकाल दिया और सारा रस पी गया.
कुछ पल बाद वो भी मेरे लंड को चूसने लगी, लेकिन उस अच्छे से लंड चूसना नहीं आ रहा था.
फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी फुद्दी पर अपना लंड घिसने लगा. वो एकदम से गरमा गई, बहुत तेज सिसकारी लेने लगी और मुझसे बोली- अब सहन नहीं होता, प्लीज जल्दी से अन्दर डाल दो.
तो मैंने भी एक तेज धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी फुद्दी में अन्दर चला गया.
अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि उसके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी आंख से आंसू आ गए. मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और जब मुझे लगा कि वो भी अब थोड़ा सहन करने लगी है, तो मैंने फिर से एक तेज धक्का दे मारा और अपना आधा लंड उसकी फुद्दी में पेल दिया. वो चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए, जिससे उसकी आवाज दब गई.
मैं अपने आधे लंड को ही उसकी फुद्दी में आगे पीछे करने लगा. कुछ देर बाद फुद्दी से चिकना पानी निकला, तो मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और उसे दनादन चोदने लगा. शुरुआत में तो उसे कुछ दर्द हुआ लेकिन अब वो मस्ती में अपनी गांड उठा कर मेरे लंड से चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद वो एकदम से कड़क हो गई और मुझसे लता सी लिपटती हुई झड़ गई. मुझे भी काफी आग लगी थी, उसकी चूत के चिकने पानी से मेरा लंड बड़ी तेजी अन्दर बाहर होने लगा था. कुछ ही पल बाद मैं भी उसकी इच्छा पर उसकी चूचियों पर झड़ गया.
वो आज बहुत ही ज्यादा गर्म थी और मेरे लंड का सारा पानी अपनी चूचियों पर डलवा कर मम्मों को खूब मसला.
फिर मैंने देखा कि उसने अपनी एक उंगली से चूची पर से मेरा रस उठा कर चाटा भी था.
मुझे उसकी इस अदा पर उस पर बड़ा प्यार आया और मैं उससे चिपक गया, जिससे मेरे लंड का रस हम दोनों के सीनों में रगड़ गया.
इसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर बेसुध होकर लेट गए. कुछ देर बाद उसने खुद को साफ़ किया. उसकी फुद्दी से खून भी निकला था. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. हम दोनों बाथरूम में आकर शावर के नीचे खड़े हो गए. मैंने नहाने के बाद उसे अपनी बांहों में भर लिया.
मेरे ऐसा बोलते ही वो मेरे से लिपट गई और बोली कि मैं भी तुझसे प्यार करने लगी हूं और रात को भी अब तेरे बारे में ही सोचती रहती हूं.
मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके रसभरे होंठ को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमारे बीच से भाई बहन वाला पर्दा हट गया था.
ऐसे ही हम कुछ मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और फिर इसके बाद मैंने देर न करते हुए उसकी टी-शर्ट निकाल दी और लोअर को भी नीचे कर दिया. वो मेरे सामने एक छोटी सी सफ़ेद ब्रा और पेंटी में थी. बहुत ही हॉट एंड सेक्सी माल लग रही थी.
फिर मैंने उसकी सफ़ेद ब्रा को भी निकाल फेंका और जब मैंने उसकी उठी हुई चूचियों को देखा, तो मेरा लंड बिल्कुल अकड़ गया.
मैंने भी झट से अपना लोअर भी उतार दिया. फिर मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा. वो सिसकारी लेने लगी और उसका हाथ भी मेरे लंड पर चला गया. वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी.
कुछ ही देर में मैं उसको लिटा कर उसकी फुद्दी को चूसने लगा. वो टांगें हवा में उठा कर अपनी फुद्दी को चुसवाने का मजा लेने लगी. मेरे सर को अपनी फुद्दी पर दबाने लगी. थोड़ी ही देर में मैंने उसकी फुद्दी का रस निकाल दिया और सारा रस पी गया.
कुछ पल बाद वो भी मेरे लंड को चूसने लगी, लेकिन उस अच्छे से लंड चूसना नहीं आ रहा था.
फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी फुद्दी पर अपना लंड घिसने लगा. वो एकदम से गरमा गई, बहुत तेज सिसकारी लेने लगी और मुझसे बोली- अब सहन नहीं होता, प्लीज जल्दी से अन्दर डाल दो.
तो मैंने भी एक तेज धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी फुद्दी में अन्दर चला गया.
अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि उसके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी आंख से आंसू आ गए. मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और जब मुझे लगा कि वो भी अब थोड़ा सहन करने लगी है, तो मैंने फिर से एक तेज धक्का दे मारा और अपना आधा लंड उसकी फुद्दी में पेल दिया. वो चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए, जिससे उसकी आवाज दब गई.
मैं अपने आधे लंड को ही उसकी फुद्दी में आगे पीछे करने लगा. कुछ देर बाद फुद्दी से चिकना पानी निकला, तो मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और उसे दनादन चोदने लगा. शुरुआत में तो उसे कुछ दर्द हुआ लेकिन अब वो मस्ती में अपनी गांड उठा कर मेरे लंड से चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद वो एकदम से कड़क हो गई और मुझसे लता सी लिपटती हुई झड़ गई. मुझे भी काफी आग लगी थी, उसकी चूत के चिकने पानी से मेरा लंड बड़ी तेजी अन्दर बाहर होने लगा था. कुछ ही पल बाद मैं भी उसकी इच्छा पर उसकी चूचियों पर झड़ गया.
वो आज बहुत ही ज्यादा गर्म थी और मेरे लंड का सारा पानी अपनी चूचियों पर डलवा कर मम्मों को खूब मसला.
फिर मैंने देखा कि उसने अपनी एक उंगली से चूची पर से मेरा रस उठा कर चाटा भी था.
मुझे उसकी इस अदा पर उस पर बड़ा प्यार आया और मैं उससे चिपक गया, जिससे मेरे लंड का रस हम दोनों के सीनों में रगड़ गया.
इसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर बेसुध होकर लेट गए. कुछ देर बाद उसने खुद को साफ़ किया. उसकी फुद्दी से खून भी निकला था. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. हम दोनों बाथरूम में आकर शावर के नीचे खड़े हो गए. मैंने नहाने के बाद उसे अपनी बांहों में भर लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.