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चचेरी बहन की रजाई
#83
मैंने सोचा कि लगता है आज चूत मिल जाएगी, पर यहां तो और उल्टा हो गया.
पहले छोटी बहन ने नाराजगी जाहिर की.
फिर उन दोनों ने ही यह कह कर मेरी गांड फाड़ दी- तुम गंदी हरकत कर रहे हो, अब हम मम्मी से कहेंगे.
ये सुनकर मेरे तो तोते उड़ गए.
कहां तो मैं इन दोनों की चूत चोदने की सोच रहा था और अब मेरे ही लौड़े लगने वाले हैं.
फिर मैंने कहा- तुम्हें नहीं देनी है तो मत दो, पर घर पर किसी से मत कहना.
मेरी इस बात पर वो दोनों मेरे लंड को देखती हुई बोलीं- पहले अपने लंड को अन्दर करो, फिर हम किसी से नहीं कहेंगी. आज के बाद दोबारा ऐसा नहीं करना.
मैं मन मारते हुए हां कहने लगा … पर वो दोनों अब भी हंस रही थीं.
फिर मामा की छोटी लड़की झोपड़ी से निकल गई और केवल हम दोनों ही अन्दर रह गए.
उसके जाते ही बड़ी लड़की मुस्कुराने लगी.
अब मेरे दिमाग कि बत्ती जली कि मैंने नहाते समय तो बड़ी वाली की गांड में उंगली की थी.
ये साली छोटी वाली के सामने मेरी गांड फाड़ रही थी.
ये सब मेरे दिमाग में आया तो मैंने फिर से हिम्मत करके बड़ी लड़की से चूत देने के लिए कहा.
वो इतरा कर बोली- अभी नहीं, फिर कभी दूंगी.
उसी बात सुनकर मैं समझ गया कि बंदी चुदने के लिए राजी है.
मैंने बाहर जाकर देखा, तो छोटी बहन घर जा चुकी थी. मैंने मन बना लिया कि जब इसका मन है ही, तो आज ही इसकी चूत चोद ली जाए.
मैं जल्दी से अन्दर गया और उससे कहा- देख, अब तो कोई भी नहीं है. तू अभी ही दे दे, बाद का पता नहीं.
पहले तो वो मना करती रही कि नहीं, अभी कोई आ जाएगा, बाद में कर लेना.
उसकी इन सब बातों से मैं भी समझ चुका था कि ये अभी चुदने को तैयार है बस नानुकर कर रही है.
इसी बात का फायदा उठाकर मैंने उसे पीछे से बांहों में भर लिया और उसके दूध दबाने लगा.
थोड़ी देर दूध दबाने के बाद मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रखा और चूत सहलाने लगा.
उसे भी चूत और दूध दबवाकर मजा आने लगा.
उसने अपनी तरफ से कुछ भी करने की कोशिश नहीं की और न ही मुझे चूत दूध सहलाने से मना किया.
मैं पीछे से उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
साथ ही उसके दूध और जोर से दबाने लगा; उसकी सलवार के अन्दर हाथ डालकर चूत में उंगली भी करने लगा.
इस सबसे ही वो इतनी गर्म होने लगी कि वो चारपाई पर लेट गई.
वो लेटी, तो मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दूध दबाते हुए किस करने लगा.
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
अब तक मेरा लंड पूरा लोहे की रॉड बन चुका था.
मैंने अपनी पैंट उतार कर अपने लंड को उसके हाथ में दे दिया.
वो मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी और मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया.
पहले तो वो मना कर रही थी मगर मैंने अपने हाथ से पकड़कर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और अन्दर बाहर करने लगा.
धीरे धीरे मैं उसके मुँह में लंड को अन्दर बाहर करता.
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा लंड चूसने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 06-06-2022, 03:56 PM



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