06-06-2022, 03:52 PM
सुबह सब वापस आ गए थे. कुछ दिन बाद अनुपमा चली गई और वो रंगीन यादें जो हमने बनाई थी, उनके भरोसे मैं भी अपने घर आ गया।
आज भी जब मेरी चचेरी बहन घर आती है तो मुझसे जरूर चुदवाती है। हमने बाइक पर बैठ के भी खूब मजे किए है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.