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चचेरी बहन की रजाई
#79
लेकिन लड़की का दिल्लीपना जाग गया था और मैं भी रुकने के मूड में कतई नहीं था।
ना जाने कब मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने मेरा … आंख खुली तो कुछ देर के लिए उसे देखता रह गया. सुडौल बदन, पतली कमर और उसके मम्मे जो ट्रक में लदे सामान की तरह बाहर झांक रहे थे.
उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी, कसम से कहर ढा रही थी. यह नजारा इतना हॉट था कि लंड मेरा पैंट के अंदर से ही फुंफकारने लगा.
मैंने अनुपमा से पूछा- तुम्हें कैसा सेक्स पसंद है रोमांस वाला या?
बोलते बोलते उसने कहा- भाई, मुझे रफ सेक्स पसंद है.
इतना कहते ही मैं उस पर टूट पड़ा और अगले ही पल उसकी ब्रा बाहर और मम्मे मेरे मुंह में थे. उसकी सिसकारियां मेरे होश उड़ाए जा रही थी।
तभी उसने मुझे बिस्तर पे धक्का दिया, मेरे ऊपर बैठ गई और बेल्ट खोलने लगी. इन सबके बीच मेरी नजर उसके झूलते हुए मम्मों पर ही टिकी रही.
अचानक मैंने उसे अपनी बांहों में भींच लिया और उसके मम्मे चूसने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी लेगी उतारी. दूसरा झटका उसकी घाटी जैसी चूत को पैंटी के ऊपर से देख कर लगा. लाल ब्रा के साथ ही लाल पैंटी और दूध जैसा गोरा बदन अब तो बस यूं लग रहा था कि कितना तगड़ा चोद दूँ इसे।
अब तक हम दोनों भाई बहन नंगे हो चुके थे और मैं एकदम जोश में था. मैंने उसे पीछे से पकड़ा और जो मम्मे रगड़ना शुरू किए कि उसका शरीर ढीला पड़ गया। पीछे से मेरा लंड भी उसकी गान्ड की दरार में बार बार जाने के लिए मचल रहा था.
तभी अनुपमा ने एक टांग उठाई और बिस्तर के किनारे पर रखा और पीछे से लंड पकड़ कर चूत पर टिका दिया। मैं उस वक़्त पूरे जोश में था समझ नहीं आ रहा था कि जिसे सिर्फ ख्यालों में चोदा है उसके साथ अब असली में क्या करूँ?
चूत को छूते ही मैंने धक्का लगाना शुरू किया. लंड इतना कड़क हो गया था कि उसके टपकते पानी से फिसल जा रहा था।
तब अनुपमा पलटी और बिस्तर पर टांग खोल कर लेट गई. मैं समझ गया कि वो चूत चटवाना चाह रही है.
उसे ज्यादा इंतजार ना करवाते हुए मैंने भी तुरंत अपनी जीभ उसकी चिकनी चूत में घुसा दी. जीभ लगते ही अनु उछल पड़ी और मेरा सर अंदर की तरफ दबाने लगी जैसे मुझे अंदर तक भर लेगी. उसके जोश को देखकर मैं और अच्छे से चूत से खेलने लगा और एक हाथ से उसके मम्मे सहलाने लगा।
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने भी चूत का पानी साफ कर दिया था.
उसने मुझे कहा- अविनाश भाई, प्लीज़ फक मी हार्ड!
उसकी इन बातों को सुन कर मैंने भी उससे कहा- बस जानेमन, ऐसे चोदूंगा अब कि तेरा ब्वॉयफ्रेंड भी तुझे कभी ऐसे ना चोद पाएगा।
इतना कहते ही मैंने एक झटके में चूत पर लंड टिकाया और दे मारा।
अनुपमा चीख उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसकी चीख दबाने के लिए मैंने उसके होंठ अपने होंठों से दबा दिए. उसने उस वक़्त काफी कोशिश की मुझे हटाने की क्योंकि उसे दर्द हो रहा था.
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, धीरे धीरे मैंने धक्के की रफ्तार को बढ़ाया और उसे भी तब मजा आने लगा। मैंने अब उसके होंठों से अपने होंठ हटा लिये. अब वो पूरे मस्ती में चुदवा रही थी, उसका जोश देखने लायक ही था, वो भी मेरा पूरा साथ देते हुए मुझे पकड़ के चूत उठा उठा कर चुदवा रही थी.
उसके उछलते हुए मम्मे आग में घी जैसे काम कर रहे थे।
कुछ देर बाद मैंने उससे मेज की तरफ इशारा करते हुए कहा- चलो उसे पकड़ के झुक जाओ!
वो समझ गई कि मैं उसकी गान्ड मारने की बात कर रहा हूं, उसने कहा- बहुत दर्द होगा … नहीं?
मैंने उसे बांहों में उठा कर चुम्मा करते हुए मेज के पास खड़ा किया और उसके मना करते करते मैंने उसे झुका दिया था। अनुपमा लगातार मना कर रही थी लेकिन मैं कुछ सुनने के मूड में नहीं था.
मैंने उसके मम्मे सहलाते हुए कहा- जानू कुछ पल का दर्द … बस फिर मजा ही मजा।
ये कहते हुए मैंने गान्ड को हाथ से फैलाया और छेद पर अपना सुपारा रख कर अंदर डालने की कोशिश करने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 06-06-2022, 03:50 PM



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