06-06-2022, 03:43 PM
मेरी दीदी की शादी की बात है, मेरी दीदी की शादी होने जा रही थी. उस वजह से हमारे घर में काफी मेहमान आए हुए थे. उनमें बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां और भाभियां आई हुई थीं.
जवानी के जोश में मेरी आंखें किसी खूबसूरत माल के लिए मचल रही थीं. तभी मेरी नज़र मेरी कजिन यानि चचेरी बहन पर गई, वो बहुत ही गजब का माल लग रही थी. हम दोनों बहुत दिनों बाद मिल रहे थे. मुझे नहीं पाता था कि वो भी मुझे चोरी चोरी देख रही थी.
वैसे तो हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती थी मगर मुलाक़ात नहीं होती थी. आज मेरी बहन की शादी में मेरे कई सारे दोस्त भी मेरे घर आए हुए थे.
उसी दौरान मेरे एक दोस्त की नज़र मेरी इसी बहन पर पड़ गई.
उसने मुझसे कहा कि लक्की अपनी कजिन से मेरी दोस्ती करवा दे.
मुझे उसकी बात से थोड़ा बुरा लगा, तब भी मैंने उससे कह दिया कि चल देखता हूँ.
उधर मेरे सारे रिश्तेदार आदि सभी थे, इसलिए मैं अपने दोस्त से अपनी कजिन की दोस्ती नहीं करवा सका.
मैंने अपनी कजिन की बहन से कहा कि उसको बोलो कि लक्की बाहर बुला रहा है. मुझे उससे कुछ काम है.
वो ये सुनकर सर हिलाते हुए कजिन के पास चली गई.
मैंने उसको अपनी कजिन के पास जाते देखा और उससे कुछ बात कहते हुए देखा तो मैं बाहर आ गया. यहां मैं एक तरफ अकेले में खड़ा हो गया और कजिन के आने का इंतजार करने लगा.
वो कुछ देर … मतलब करीब 15 मिनट बाद बाहर आयी. उसने सफ़ेद कलर की फ्रॉक जैसी ड्रेस पहनी हुई थी. उस ड्रेस में वो बिल्कुल कटीला माल लग रही थी.
उसने मेरे पास आते ही मुझसे मुस्कुरा कर कहा- अकेले में क्यों बुलाया है?
मैंने उससे कहा कि मेरा दोस्त तुमसे मिलना चाहता है.
उसने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- वो तुमसे दोस्ती करना चाहता है.
इस पर उसने कुछ नहीं बोला और वो वहां से भाग गई.
मुझे लगा कि इसको लाज आ गई होगी इसलिए ये भाग गई. लेकिन उसकी आंखों की शरारत देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगा.
इसके बाद से मैं शादी के कामों में लग गया और सब कुछ भूल गया. मैं दीदी की शादी में सारी रात नहीं सो पाया था. सुबह हुई, तो मेरी दीदी की विदाई हो चुकी थी. सारा काम खत्म होने के बाद मैं सोने के लिए ऊपर चला गया. दो तीन से लगातार काम के कारण मेरा ठीक से सोना नहीं हो पाया था, इसलिए मैंने ऊपर एक कमरे में जगह देखी और पसर गया.
काफी सारे रिश्तेदारों के कारण घर खचाखच भरा हुआ था. शादी होते ही कई मेहमान रात को ही निकल गए थे और कुछ विदा के समय ही चले गए थे. मुझे नहीं मालूम था कि इस कमरे में कौन सा मेहमान रुका था और वो चला गया है या अभी नहीं गया है.
मैंने इस सबसे बेखबर होकर अपनी टांगें पसारीं और आंखें बंद कर लीं. मुझे जल्दी ही गहरी नींद आ गई.
मैंने सोते सोते महसूस किया कि कोई मुझे जगा रहा था, पर मैं इस वक्त थकान के कारण इस हालत में नहीं था कि जाग सकूँ. लेकिन मुझे लगातार किसी के टच का अहसास हुआ, तो मेरी नींद कमजोर हो गई और मेरी आंख खुल गई. देखा तो सामने मेरी कजिन थी, जो अपने सोने के लिए मेरे बाजू में जगह बना रही थी.
उसे देख कर मुझे याद आ गया कि अपनी कजिन से जानकारी करूं कि क्या हुआ था, तुम उस समय वहां से ऐसे क्यों भाग गई थीं.
जवानी के जोश में मेरी आंखें किसी खूबसूरत माल के लिए मचल रही थीं. तभी मेरी नज़र मेरी कजिन यानि चचेरी बहन पर गई, वो बहुत ही गजब का माल लग रही थी. हम दोनों बहुत दिनों बाद मिल रहे थे. मुझे नहीं पाता था कि वो भी मुझे चोरी चोरी देख रही थी.
वैसे तो हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती थी मगर मुलाक़ात नहीं होती थी. आज मेरी बहन की शादी में मेरे कई सारे दोस्त भी मेरे घर आए हुए थे.
उसी दौरान मेरे एक दोस्त की नज़र मेरी इसी बहन पर पड़ गई.
उसने मुझसे कहा कि लक्की अपनी कजिन से मेरी दोस्ती करवा दे.
मुझे उसकी बात से थोड़ा बुरा लगा, तब भी मैंने उससे कह दिया कि चल देखता हूँ.
उधर मेरे सारे रिश्तेदार आदि सभी थे, इसलिए मैं अपने दोस्त से अपनी कजिन की दोस्ती नहीं करवा सका.
मैंने अपनी कजिन की बहन से कहा कि उसको बोलो कि लक्की बाहर बुला रहा है. मुझे उससे कुछ काम है.
वो ये सुनकर सर हिलाते हुए कजिन के पास चली गई.
मैंने उसको अपनी कजिन के पास जाते देखा और उससे कुछ बात कहते हुए देखा तो मैं बाहर आ गया. यहां मैं एक तरफ अकेले में खड़ा हो गया और कजिन के आने का इंतजार करने लगा.
वो कुछ देर … मतलब करीब 15 मिनट बाद बाहर आयी. उसने सफ़ेद कलर की फ्रॉक जैसी ड्रेस पहनी हुई थी. उस ड्रेस में वो बिल्कुल कटीला माल लग रही थी.
उसने मेरे पास आते ही मुझसे मुस्कुरा कर कहा- अकेले में क्यों बुलाया है?
मैंने उससे कहा कि मेरा दोस्त तुमसे मिलना चाहता है.
उसने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- वो तुमसे दोस्ती करना चाहता है.
इस पर उसने कुछ नहीं बोला और वो वहां से भाग गई.
मुझे लगा कि इसको लाज आ गई होगी इसलिए ये भाग गई. लेकिन उसकी आंखों की शरारत देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगा.
इसके बाद से मैं शादी के कामों में लग गया और सब कुछ भूल गया. मैं दीदी की शादी में सारी रात नहीं सो पाया था. सुबह हुई, तो मेरी दीदी की विदाई हो चुकी थी. सारा काम खत्म होने के बाद मैं सोने के लिए ऊपर चला गया. दो तीन से लगातार काम के कारण मेरा ठीक से सोना नहीं हो पाया था, इसलिए मैंने ऊपर एक कमरे में जगह देखी और पसर गया.
काफी सारे रिश्तेदारों के कारण घर खचाखच भरा हुआ था. शादी होते ही कई मेहमान रात को ही निकल गए थे और कुछ विदा के समय ही चले गए थे. मुझे नहीं मालूम था कि इस कमरे में कौन सा मेहमान रुका था और वो चला गया है या अभी नहीं गया है.
मैंने इस सबसे बेखबर होकर अपनी टांगें पसारीं और आंखें बंद कर लीं. मुझे जल्दी ही गहरी नींद आ गई.
मैंने सोते सोते महसूस किया कि कोई मुझे जगा रहा था, पर मैं इस वक्त थकान के कारण इस हालत में नहीं था कि जाग सकूँ. लेकिन मुझे लगातार किसी के टच का अहसास हुआ, तो मेरी नींद कमजोर हो गई और मेरी आंख खुल गई. देखा तो सामने मेरी कजिन थी, जो अपने सोने के लिए मेरे बाजू में जगह बना रही थी.
उसे देख कर मुझे याद आ गया कि अपनी कजिन से जानकारी करूं कि क्या हुआ था, तुम उस समय वहां से ऐसे क्यों भाग गई थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.