06-06-2022, 03:41 PM
मेरे लन्ड को हाथ में लेकर उसकी चुम्मी ली और बोली- इस मासूम को तो मैं बहुत प्यार करूँगी।
फिर उसने लन्ड को ऊपर नीचे किया और फिर उसे चूसने लगी।
मानो मैं तो सातवें आसमान में पहुंच गया।
फिर वो मुझे किस करके बोली- आप जब तक राजगढ़ में हो, आपको खुश रखूंगी।
और मुझे गले लगाकर अपने घर चली गयी।
सिलसिला आगे बढ़ने को था। सीमा जब भी आती सीधे मेरी गोद में बैठ जाती थी। जिससे लन्ड गर्म हो जाता था और धीरे धीरे हिलोरे मारता था।
बातों ही बातों में सीमा हाथ पीछे करके लोअर के अंदर हाथ घुसा देती और मेरे लन्ड को पकड़ कर आगे पीछे करती।
मुझे बिस्तर पे लिटाकर धीरे से लोअर सरकाती और लंड को बाहर निकालकर उसे चूसती। मैं तो सातवें आसमान की सैर कर आता। उसके बूब्स को दबाता और निप्पल्स को चूसता और होंठों से दबाता।
इसी क्रम में मेरा छूटने को होता तो अपनी ब्रा पर मेरा वीर्य लेकर बड़ी खुश हो जाती थी सीमा।
एक दिन मैं सब्जी बना रहा था और टमाटर काट ही रहां था कि चाकू फिसला और मेरी उंगली ही कट गई।
लो हो गया कल्याण!
दोपहर में सीमा आयी, उसने सब्जी बनाई फिर हमने लंच किया।
उसके बाद उसने कहा- मुझे कुछ चाहिए।
मैंने कहा- उंगली ठीक हो जाने दो. फिर …
फिर वो मेरा लंड चूसकर घर चली गयी।
अगले महीने … एक दिन सीमा बोली- अब तो मेरी इच्छा पूरी कर दो। तुम नामर्द हो क्या? जो एक लड़की आगे से तुमको चोदने के लिए कह रही है और तुम कुछ करते ही नहीं।
मुझे बड़ा गुस्सा आया। फिर उसे मैंने घर से निकाल दिया।
आगे कैसे उसने रात के 4 बजे मेरी नींद उड़ाई? यह तो मैं सोच भी नहीं सकता था.
रात के 4 बजे अनजाने नम्बर से कॉल आया. मैंने नहीं उठाया. फिर रिंग बजी तो मैंने रिसीव किया।
मैं- हेलो?
कॉलर- हेलो मेरी जान।
मैं- कौन है भाई?!!
कॉलर- दरवाजा तो खोलो.
मैंने गेट खोला- सामने सीमा थी.
हे भगवान! सुबह के 4 बजे यह लड़की … यहां … मैंने अंदर बुलाया, गेट बंद किया।
सीमा- क्यों जनाब कैसा लगा सरप्राइज?
मैं- तुम पागल तो नहीं हो? इतनी रात में क्या कर रही हो?
सीमा- आपसे मिलने आयी हूँ। लाइट ऑफ करो..
उसने मुझे कस गले लगाया और लोअर के ऊपर से ही मेरा लन्ड दबाने लगी।
फिर बिस्तर पे हम मस्ती करने लगे।
उसने अपनी टॉप उतार दिया और मेरी टीशर्ट, फिर अपनी समीज और मेरा बनियान.
फिर मेरा लोअर खींचने लगी, मैंने उसकी ब्रा को अनहुक कर दिया।
मेरा लन्ड तो तनकर क़ुतुब मीनार हक गया था। उसने अपनी लेग्गिंस भी उतार दी, और मैं भी अपने शॉर्ट्स में था।
हम दोनों गुत्थम गुत्थी होने लगे। उसने बड़े ज़ोरों से किस करना शुरू कर दिया। मैंने भी फ्रेंच किस की। फिर उसके बूब्स को दबाने लगा और निप्पल को काटने और चूसने लगा। उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे नीचे आकर लन्ड चूसने लगी, मेरी गोटियों के साथ खेलने लगी। उन्हें भी मुंह में भर भर के चूस लेती।
फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसके गुलाबी चुत से खेलने लगा। उंगली डालकर उसे टीज़ करने लगा।
वो गर्म होने लगी, मेरे कान को काटने लगी, बालो को सहलाने लगी. मेरे पूरे बदन को चूमने लगी।
मैं उसको भी पूरे बदन पर किस करने लगा।
उसने कहा- अब मुझे चाहिए.
मैंने कंडोम का पैक खोला और उसे दिया. उसने मेरे लन्ड पर कंडोम लगाया। फिर मेरे लन्ड को अपनी चुत के द्वार पर सेट कर दिया।
और उसके बाद हम लोग सुख के सागर में डूब गए।
20-25 मिनट की चुदाई के बाद हम लोग कॉफ़ी पीने लगे।
मेरी गोद से उठकर वो डॉगी पोजीशन में आ गयी और बोली- अब डोगी स्टाइल में चुदायी करेंगे।
मैंने चुत में लुंड सेट करके उसकी धमाकेदार चुदायी की। वो 2 बार झड़ गयी और हम सो गए।
सुबह 11 बजे नींद खुली। तो उसका वो गेरुआ रंग मानो खिल सा गया था।
मुझे किस करके वो नंगे बदन ही बाथरूम में शावर लेने चली गयी। पीछे पीछे मैं भी गया।
और नहाते नहाते एक बार फिर चुदायी का खेल शुरु हो गया.
फिर उसने लन्ड को ऊपर नीचे किया और फिर उसे चूसने लगी।
मानो मैं तो सातवें आसमान में पहुंच गया।
फिर वो मुझे किस करके बोली- आप जब तक राजगढ़ में हो, आपको खुश रखूंगी।
और मुझे गले लगाकर अपने घर चली गयी।
सिलसिला आगे बढ़ने को था। सीमा जब भी आती सीधे मेरी गोद में बैठ जाती थी। जिससे लन्ड गर्म हो जाता था और धीरे धीरे हिलोरे मारता था।
बातों ही बातों में सीमा हाथ पीछे करके लोअर के अंदर हाथ घुसा देती और मेरे लन्ड को पकड़ कर आगे पीछे करती।
मुझे बिस्तर पे लिटाकर धीरे से लोअर सरकाती और लंड को बाहर निकालकर उसे चूसती। मैं तो सातवें आसमान की सैर कर आता। उसके बूब्स को दबाता और निप्पल्स को चूसता और होंठों से दबाता।
इसी क्रम में मेरा छूटने को होता तो अपनी ब्रा पर मेरा वीर्य लेकर बड़ी खुश हो जाती थी सीमा।
एक दिन मैं सब्जी बना रहा था और टमाटर काट ही रहां था कि चाकू फिसला और मेरी उंगली ही कट गई।
लो हो गया कल्याण!
दोपहर में सीमा आयी, उसने सब्जी बनाई फिर हमने लंच किया।
उसके बाद उसने कहा- मुझे कुछ चाहिए।
मैंने कहा- उंगली ठीक हो जाने दो. फिर …
फिर वो मेरा लंड चूसकर घर चली गयी।
अगले महीने … एक दिन सीमा बोली- अब तो मेरी इच्छा पूरी कर दो। तुम नामर्द हो क्या? जो एक लड़की आगे से तुमको चोदने के लिए कह रही है और तुम कुछ करते ही नहीं।
मुझे बड़ा गुस्सा आया। फिर उसे मैंने घर से निकाल दिया।
आगे कैसे उसने रात के 4 बजे मेरी नींद उड़ाई? यह तो मैं सोच भी नहीं सकता था.
रात के 4 बजे अनजाने नम्बर से कॉल आया. मैंने नहीं उठाया. फिर रिंग बजी तो मैंने रिसीव किया।
मैं- हेलो?
कॉलर- हेलो मेरी जान।
मैं- कौन है भाई?!!
कॉलर- दरवाजा तो खोलो.
मैंने गेट खोला- सामने सीमा थी.
हे भगवान! सुबह के 4 बजे यह लड़की … यहां … मैंने अंदर बुलाया, गेट बंद किया।
सीमा- क्यों जनाब कैसा लगा सरप्राइज?
मैं- तुम पागल तो नहीं हो? इतनी रात में क्या कर रही हो?
सीमा- आपसे मिलने आयी हूँ। लाइट ऑफ करो..
उसने मुझे कस गले लगाया और लोअर के ऊपर से ही मेरा लन्ड दबाने लगी।
फिर बिस्तर पे हम मस्ती करने लगे।
उसने अपनी टॉप उतार दिया और मेरी टीशर्ट, फिर अपनी समीज और मेरा बनियान.
फिर मेरा लोअर खींचने लगी, मैंने उसकी ब्रा को अनहुक कर दिया।
मेरा लन्ड तो तनकर क़ुतुब मीनार हक गया था। उसने अपनी लेग्गिंस भी उतार दी, और मैं भी अपने शॉर्ट्स में था।
हम दोनों गुत्थम गुत्थी होने लगे। उसने बड़े ज़ोरों से किस करना शुरू कर दिया। मैंने भी फ्रेंच किस की। फिर उसके बूब्स को दबाने लगा और निप्पल को काटने और चूसने लगा। उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे नीचे आकर लन्ड चूसने लगी, मेरी गोटियों के साथ खेलने लगी। उन्हें भी मुंह में भर भर के चूस लेती।
फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसके गुलाबी चुत से खेलने लगा। उंगली डालकर उसे टीज़ करने लगा।
वो गर्म होने लगी, मेरे कान को काटने लगी, बालो को सहलाने लगी. मेरे पूरे बदन को चूमने लगी।
मैं उसको भी पूरे बदन पर किस करने लगा।
उसने कहा- अब मुझे चाहिए.
मैंने कंडोम का पैक खोला और उसे दिया. उसने मेरे लन्ड पर कंडोम लगाया। फिर मेरे लन्ड को अपनी चुत के द्वार पर सेट कर दिया।
और उसके बाद हम लोग सुख के सागर में डूब गए।
20-25 मिनट की चुदाई के बाद हम लोग कॉफ़ी पीने लगे।
मेरी गोद से उठकर वो डॉगी पोजीशन में आ गयी और बोली- अब डोगी स्टाइल में चुदायी करेंगे।
मैंने चुत में लुंड सेट करके उसकी धमाकेदार चुदायी की। वो 2 बार झड़ गयी और हम सो गए।
सुबह 11 बजे नींद खुली। तो उसका वो गेरुआ रंग मानो खिल सा गया था।
मुझे किस करके वो नंगे बदन ही बाथरूम में शावर लेने चली गयी। पीछे पीछे मैं भी गया।
और नहाते नहाते एक बार फिर चुदायी का खेल शुरु हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.