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चचेरी बहन की रजाई
#70
और वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी, जिससे कि मेरे लंड को वो ठीक तरह से अपनी मजबूत पकड़ से पकड़ सके और उस समय उसके निप्पल मेरे मुँह के बिल्कुल पास थे और में उन्हें कस कसकर दबा रहा था. तभी अचानक से उसने अपने दूसरे बूब्स को जबरदस्ती मेरे मुँह में डालते हुए कहा कि चूसो इनको अपने मुँह में पूरा अंदर लेकर.

मैंने उसके एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसके साथ साथ में उसके दूसरे बूब्स की निप्पल को निचोड़ने लगा था और थोड़ी देर के लिए मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह से बाहर निकाला.
और में उससे कहने लगा में हमेशा से तुम्हारे कसे हुए बूब्स को देखकर मन ही मन इनके बारे में सोचता था और में हमेशा बड़ा हैरान भी होता था और मुझे इनको छूने की हमेशा बहुत इच्छा होती थी और मेरा मन करता था कि में इन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दूँ और में इनका पूरा रस पी जाऊं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 06-06-2022, 03:05 PM



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