06-06-2022, 12:21 PM
यह एक बेमिसाल समझौता है जिसे किसी भी हालत में उसे पूरी करनी पड़ेगी। नहीं तो उसके हात में कुछ भी नहीं आएगा। अगर कुछ उल्टा सीधा हुआ तो कामना एक लम्बे खाई में भी गिर सकती है। वह दुविधा में पर गयी। निश्चित रूप से सौदा बहुत ही लाभजनक लग रहा है। एकबार गिल साहब को ठीक तरह से खुश दे तो यकीनन उसके ऊपर पैसा की बरसात होगी। पर आज के पुरे शाम का रिमोट कंट्रोल उन्हीं की हत में रहेगा। वह उसे किसी भी हद तक नचा सकते है। पर वह चाहे भी तो इनकार नहीं कर सकती है। उन्होंने यह पूरी तरीके से स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह उनकी किसी भी इच्छा को पूरा करने में नाकामियाब रहती है, तो सौदा रद्द कर दिया जाएगा।
यह सौदा दो धारी तलवार है। कुछ इधर उधर हुआ तो उसके लिए यह बहुत भरी पर सकता है। उसे समझ में नहीं आया की वह करे तो क्या करे। एक तरफ समाज में मुँह काला होने का डर है, तो दूसरी तरफ उसी समाज में प्रतिस्ठा पाने का लालच। दोनों में से कोई एक को चुनना बड़ा ही कठिन है। गिल साहब जैसे इतने बड़े आदमी को इंकार करना कामना के लिए लगभग नामुमकिन है। उसकी इतने बड़े उपकार करने के लिए वह खुद आगे आये है। अब उन्हें वह ना बोल देती है तो उनके लिए यह काफी अपमानजनक होगा। और यह हुआ तो सायद उसकी पतिदेव को हमेशा के लिए अपनी नौकरी से हात धोना पड़ेगा, जो वह बिलकुल ही नहीं चाहती। लेकिन फिर, यदि वह पूरी तरह से किसी अजनबी पर भरोसा करके उसकी इच्छाओं के आगे घुटने टेक दे, तोह यह सच्ची में एक मूर्खता का परिचय होगा।
कामना बड़े उलझन में पर गयी और टेंशन में आ कर अपनी हात में पकडे हुए वोडका की ग्लास को एक ही घूँट में खली कर दिया। महाबीर गिल उसे गौर से घूर रहे थे। वह माहिर खिलाडी है। उसकी घबराहट देख कर उन्होंने हलके से उसके खुली पीठ पे अपने एक हात रखा और धीरे से दो-तीनबार थपथपाये।
"इतना मत सोचो डार्लिंग की सर फट जाये। हम कोई राक्षस नहीं है जो तुम्हे खा जायेंगे। हम तुमसे कभी भी ज़बरदस्ती नहीं करेंगे। खुदा ना खास्ता, हमारे कुछ भी तुम्हे पसंद नहीं आये तो कभी भी हमें बोल सकती हो। हम तुरंत रुक जायेंगे। लेकिन हमें लगता नहीं की ऐसी नौबत आएगी। जो भी होगा तुम्हारे मर्ज़ी से ही होगा। अब तो सब सही है ना? क्या अभी भी कोई परेशानी है?बोलो तो तुम्हारे लिए वो भी दूर किये देते है।"
वह उसे आश्वस्त करते हुए अपनी उँगलियों से उसकी कोमल पीठ को सहलाने लग गए। उसकी नरम पीठ पर उनकी प्यार भरा स्पर्श काम कर गया। कामना ने अपने मन बना ली। उसने गिल साहब के ऊपर अपनी आस्था ना खोने का फैसला लिया। इज़्ज़त और उन्नति में, वह दूसरे को चुना। सौदा इतना ललचानेवाला है की उसे ठुकराना बहुत ही मुश्किल है। थोड़ा जोखिम भरा ज़रूर है, पर चलेगा। गिल साहब उसके साथ काफी शरारती हो सकते हैं। पर उसे लगता नहीं की उनकी जैसे जेंटलमैन आदमी ज्यादा नीचे गिर पायेगा। ज्यादा से ज्यादा वह क्या कर सकते है?उसको चुम सकते है। थोड़ा बोहोत इधर उधर छू सकते है। लगता नहीं की इससे ज्यादा वह कुछ करने का सोचे है।
आजकल के पार्टियों में ऐसी छेड़खानी होना तो आम बात है। इससे ज्यादा तो कामना के साथ कॉलेज के दिनों में हो चुकी है। उन दिनों में स्मार्ट फोन नहीं हुआ करता था। इसलिए वह बच गई। नहीं तो ज़रूर कुछ पोर्नोग्राफिक साइट पे उसके आज एम्.एम्.एस पाए गए होते। यह एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति है और इससे झूझने के लिए थड़ासा साहस दिखाना ज़रूरी है। शायद वह पीछे हट जाती। लेकिन अब तक वो वोडका के दो बड़े पेग गटक चुकी है । शराब ने उसे थोड़ा ज्यादा ही आत्मविश्वासी बना दि है। वह ये चुनौती उठाने के लिए राजी हो गयी।
पूरा जोश के साथ कह दी, "ठीक है! मैं तैयार हूँ। आप जो भी चाहोगे में करुँगी। पर आप अपना वादा ना भूलना। रोहित को कल ही आप अफ़सर बना देंगे। और में भी कोशिश करुँगी की आप को कोई भी शिकायत का मौका ना मिले।"
महाबीर गिल एही तो सुनना चाहते थे। उन्होंने तुरंत अवसर का लाभ उठाया और कामना को उनके साथ डांस करने के लिए पूछा। "क्या बात है! बहुत बढ़िया! यहीं जुनून मुझे चाहिए। चलो अभी डांस फ्लोर पर चलो। वहां बोहोत लोग नाच रहे है। तुम भी हमारे साथ थोड़ा सा अपनी कमर हिलालो।"
दोनों सीधा लॉन के बीचो बीच अस्थायी डांस फ्लोर के तरफ अपने पैर बड़ा दी। जाते वक़्त दोनों की नज़र उसकी बगल में खरी हुई मिनी बार के ऊपर परे। दोनों ने देखा की वहां एक कोने में ज़मीन के ऊपर रोहित पुरे नशे में धुत हो कर सोये परे है। पति को इतनी बूड़ि हालत में देख के कामना एकदम से रुक गयी। दो पल के लिए तो वह अपने आँखों को ही बिस्वास कर नहीं पाई। कोई कैसे इतना लापरवाह हो सकते है? कोनसा आदमी एक निराले पार्टी में सौ अनजान लोगों के बिच में अपने ही खूबसूरत बीवी को अकेला असहाय छोड़ के दारू पि कर पुरे होश खो बैठता है?उसे रोना आ गया। ऐसी लाचारी उसने ज़िन्दगी में कभी महसूस नहीं की। वह शायद रो ही पड़ती, लेकिन गिल साहब ने उसकी आँखों में नमी देख कर तुरंत परिस्थिति को सुधरने को कूदे।
"तुम फ़िक्र मत करो कामना। हम है ना। तुम्हारे पति को लॉन पर सोने की ज़रूरत नहीं। हम उसे हमारे घर अंदर लेके जाने का आयोजन करते है। वह बाकी रात वहां बिता सकता है। कल सुबह वह पूरा नार्मल हो जायेगा। तब तुम उसे अपने घर ले जा सकते हो। तुम बस अपना मूड खराब मत करो। हम सब कुछ संभल लेंगे। तुम डांस करने के लिए आयी हो। जाओ डांस करो। बेहतर होगा कि पहले एक ड्रिंक ले लो, फिर जा के नाचो। एकदम टेंशन मत लो। सिर्फ एन्जॉय करो। हम अभी सब ठीक कड़ देते है। हमे बस दो मिनट दो। हम सब बंदोबस्त करके तुम्हारे पास चले आएंगे।"
गिल साहब सब कुछ संभल ने बार की ओर चल दिए। कामना को कुछ भी कहने का अवसर नहीं मिला। वह कहती भी तो क्या कहती? उसकी पियक्कड़ पति ने आज जो कांड किये है, उसके बाद कुछ भी कहना बेहकूफी होगा। कामना बहुत ही शर्मिंदा थी। और नाराज भी। अपनी नाराजगी और सर्मिंदगी दोनों को भूलने के लिए वह गिल साहब के सुझाव मान ली और वेटर से वोडका का एक बड़ा सा पेग उठके जल्दी जल्दी ख़तम कर दी। कुछी समय के अंदर तीन तीन पेग वोडका पि लेने से उसे हल्का सा नशा चढ़ गया। दारू पिने के बाद वह डांस फ्लोर पे पाँव रक्खी और मिनटों की अंदर उसपर आग लगा दिया।
यह सौदा दो धारी तलवार है। कुछ इधर उधर हुआ तो उसके लिए यह बहुत भरी पर सकता है। उसे समझ में नहीं आया की वह करे तो क्या करे। एक तरफ समाज में मुँह काला होने का डर है, तो दूसरी तरफ उसी समाज में प्रतिस्ठा पाने का लालच। दोनों में से कोई एक को चुनना बड़ा ही कठिन है। गिल साहब जैसे इतने बड़े आदमी को इंकार करना कामना के लिए लगभग नामुमकिन है। उसकी इतने बड़े उपकार करने के लिए वह खुद आगे आये है। अब उन्हें वह ना बोल देती है तो उनके लिए यह काफी अपमानजनक होगा। और यह हुआ तो सायद उसकी पतिदेव को हमेशा के लिए अपनी नौकरी से हात धोना पड़ेगा, जो वह बिलकुल ही नहीं चाहती। लेकिन फिर, यदि वह पूरी तरह से किसी अजनबी पर भरोसा करके उसकी इच्छाओं के आगे घुटने टेक दे, तोह यह सच्ची में एक मूर्खता का परिचय होगा।
कामना बड़े उलझन में पर गयी और टेंशन में आ कर अपनी हात में पकडे हुए वोडका की ग्लास को एक ही घूँट में खली कर दिया। महाबीर गिल उसे गौर से घूर रहे थे। वह माहिर खिलाडी है। उसकी घबराहट देख कर उन्होंने हलके से उसके खुली पीठ पे अपने एक हात रखा और धीरे से दो-तीनबार थपथपाये।
"इतना मत सोचो डार्लिंग की सर फट जाये। हम कोई राक्षस नहीं है जो तुम्हे खा जायेंगे। हम तुमसे कभी भी ज़बरदस्ती नहीं करेंगे। खुदा ना खास्ता, हमारे कुछ भी तुम्हे पसंद नहीं आये तो कभी भी हमें बोल सकती हो। हम तुरंत रुक जायेंगे। लेकिन हमें लगता नहीं की ऐसी नौबत आएगी। जो भी होगा तुम्हारे मर्ज़ी से ही होगा। अब तो सब सही है ना? क्या अभी भी कोई परेशानी है?बोलो तो तुम्हारे लिए वो भी दूर किये देते है।"
वह उसे आश्वस्त करते हुए अपनी उँगलियों से उसकी कोमल पीठ को सहलाने लग गए। उसकी नरम पीठ पर उनकी प्यार भरा स्पर्श काम कर गया। कामना ने अपने मन बना ली। उसने गिल साहब के ऊपर अपनी आस्था ना खोने का फैसला लिया। इज़्ज़त और उन्नति में, वह दूसरे को चुना। सौदा इतना ललचानेवाला है की उसे ठुकराना बहुत ही मुश्किल है। थोड़ा जोखिम भरा ज़रूर है, पर चलेगा। गिल साहब उसके साथ काफी शरारती हो सकते हैं। पर उसे लगता नहीं की उनकी जैसे जेंटलमैन आदमी ज्यादा नीचे गिर पायेगा। ज्यादा से ज्यादा वह क्या कर सकते है?उसको चुम सकते है। थोड़ा बोहोत इधर उधर छू सकते है। लगता नहीं की इससे ज्यादा वह कुछ करने का सोचे है।
आजकल के पार्टियों में ऐसी छेड़खानी होना तो आम बात है। इससे ज्यादा तो कामना के साथ कॉलेज के दिनों में हो चुकी है। उन दिनों में स्मार्ट फोन नहीं हुआ करता था। इसलिए वह बच गई। नहीं तो ज़रूर कुछ पोर्नोग्राफिक साइट पे उसके आज एम्.एम्.एस पाए गए होते। यह एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति है और इससे झूझने के लिए थड़ासा साहस दिखाना ज़रूरी है। शायद वह पीछे हट जाती। लेकिन अब तक वो वोडका के दो बड़े पेग गटक चुकी है । शराब ने उसे थोड़ा ज्यादा ही आत्मविश्वासी बना दि है। वह ये चुनौती उठाने के लिए राजी हो गयी।
पूरा जोश के साथ कह दी, "ठीक है! मैं तैयार हूँ। आप जो भी चाहोगे में करुँगी। पर आप अपना वादा ना भूलना। रोहित को कल ही आप अफ़सर बना देंगे। और में भी कोशिश करुँगी की आप को कोई भी शिकायत का मौका ना मिले।"
महाबीर गिल एही तो सुनना चाहते थे। उन्होंने तुरंत अवसर का लाभ उठाया और कामना को उनके साथ डांस करने के लिए पूछा। "क्या बात है! बहुत बढ़िया! यहीं जुनून मुझे चाहिए। चलो अभी डांस फ्लोर पर चलो। वहां बोहोत लोग नाच रहे है। तुम भी हमारे साथ थोड़ा सा अपनी कमर हिलालो।"
दोनों सीधा लॉन के बीचो बीच अस्थायी डांस फ्लोर के तरफ अपने पैर बड़ा दी। जाते वक़्त दोनों की नज़र उसकी बगल में खरी हुई मिनी बार के ऊपर परे। दोनों ने देखा की वहां एक कोने में ज़मीन के ऊपर रोहित पुरे नशे में धुत हो कर सोये परे है। पति को इतनी बूड़ि हालत में देख के कामना एकदम से रुक गयी। दो पल के लिए तो वह अपने आँखों को ही बिस्वास कर नहीं पाई। कोई कैसे इतना लापरवाह हो सकते है? कोनसा आदमी एक निराले पार्टी में सौ अनजान लोगों के बिच में अपने ही खूबसूरत बीवी को अकेला असहाय छोड़ के दारू पि कर पुरे होश खो बैठता है?उसे रोना आ गया। ऐसी लाचारी उसने ज़िन्दगी में कभी महसूस नहीं की। वह शायद रो ही पड़ती, लेकिन गिल साहब ने उसकी आँखों में नमी देख कर तुरंत परिस्थिति को सुधरने को कूदे।
"तुम फ़िक्र मत करो कामना। हम है ना। तुम्हारे पति को लॉन पर सोने की ज़रूरत नहीं। हम उसे हमारे घर अंदर लेके जाने का आयोजन करते है। वह बाकी रात वहां बिता सकता है। कल सुबह वह पूरा नार्मल हो जायेगा। तब तुम उसे अपने घर ले जा सकते हो। तुम बस अपना मूड खराब मत करो। हम सब कुछ संभल लेंगे। तुम डांस करने के लिए आयी हो। जाओ डांस करो। बेहतर होगा कि पहले एक ड्रिंक ले लो, फिर जा के नाचो। एकदम टेंशन मत लो। सिर्फ एन्जॉय करो। हम अभी सब ठीक कड़ देते है। हमे बस दो मिनट दो। हम सब बंदोबस्त करके तुम्हारे पास चले आएंगे।"
गिल साहब सब कुछ संभल ने बार की ओर चल दिए। कामना को कुछ भी कहने का अवसर नहीं मिला। वह कहती भी तो क्या कहती? उसकी पियक्कड़ पति ने आज जो कांड किये है, उसके बाद कुछ भी कहना बेहकूफी होगा। कामना बहुत ही शर्मिंदा थी। और नाराज भी। अपनी नाराजगी और सर्मिंदगी दोनों को भूलने के लिए वह गिल साहब के सुझाव मान ली और वेटर से वोडका का एक बड़ा सा पेग उठके जल्दी जल्दी ख़तम कर दी। कुछी समय के अंदर तीन तीन पेग वोडका पि लेने से उसे हल्का सा नशा चढ़ गया। दारू पिने के बाद वह डांस फ्लोर पे पाँव रक्खी और मिनटों की अंदर उसपर आग लगा दिया।