05-06-2022, 07:12 AM
महाबीर गिल एक बिशाल आदमी हैं, बहुत ही लम्बे और वैसे ही बलवान। बड़े ही आसानी से उन्हें एक छोटामोटा सा दानव बुलाया जा सकता है। लेकिन उनका स्वभाव एकदम ही राक्षस जैसे नहीं है। बड़े ही हंसमुख किस्म का आदमी है। वह चालीस के हो चुके, मगर देखने में तीस-पैंतीस के आसपास लगते है। वह एक विधुर है, लेकिन जीवन का पूरा आनंद लेना पसंद करते है। रंगीन मिजाज के आदमी है और निश्चित रूप से जानते हैं की एक खूबसूरत महिला के साथ कैसे पेश आये। कामना को गिल साहब अच्छे लगे। इतनी प्रभाबशाली व्यक्तित्व के अंदर एक बूँद भी घमंड नहीं है। खुद आये है अपने डिपार्टमेंट के एक टुच्ची सी क्लर्क के बीवी की स्वागत करने। उनकी मेहमाननवाजी सीखने लायक है। गिल साहब ने बड़े हंसमुख तरीके से कामना का स्वागत किया। पार्टी में आते ही उन्होंने उसके हात में वोदका की एक बड़ी पेग थमा दिया और खुद व्हिस्की की एक छोटा पेग ले ली। शराब पिटे हुए बातचीत आगे बढ़ते ही उन्हें उसकी असली इरादों के बारे में सब पता चल गया। कामना ने खुद ही अपने मुँह से उन्हें सब कुछ बोल डाली।
"वेलकम, वेलकम! आप सायद हमारे जूनियर क्लर्क रोहित की पत्नी मिसेस देसाई हो! हम है इस पार्टी के होस्ट मनबीर गिल। गुड इवनिंग।"
वह उनसे मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ जी, अपने एकदम सही पकड़ा। में ही रोहित की पत्नी हूँ। पर आप प्लीज मुझे मेरे नाम से पुकारियेगा। मेरे नाम कामना है।"
जैसे ही वह मुस्कुराई, गिल साहब को लगा की इस सुंदरी को आसानी से वह फुसला सकते है। वैसे भी उसकी पहनावे देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है की वह थोड़ा सेक्स की भूखी होगी। उसका निकम्मा पति उसे सायद ठीक तरह से नियमित तौर पर बिस्तर पे संतुष्ट नहीं कर पता। नहीं तो कौन सा भले घर की औरत ऐसे खुले कपड़े पेहेनते हुए सौ अनजान लोगों के बीच में पार्टी करने के लिए अति है। गिल साहब बातचीत आगे बढ़ाने की कोशिश में लग गए। "जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। हम तुमको तुम्हारे नाम से ही बुलाएंगे। पर एक बात बताओ। तुम्हारा पति परमेश्वर किउं दिखाई नहीं दे रहे? तुम जैसे खूबसूरत बीवी को कोई अकेला छोड़ जाता है क्या? यहाँ आसपास बोहोत सारा गिर्द मंडरा रहे है। मौका पाते हि तुम जैसी परम सुंदरी को नोच के खाने के लिए तैयार बैठे है। हा हा हा हा!"
उनके मज़ाक थोड़ा सा अश्लील था, लेकिन उसने बुरा नहीं माना। कामना कतई एक स्पॉइलस्पोर्ट बनना नहीं चाहती। गिल साहब उसके मनोरंजन के लिए अन्य मेहमानों को जानबूझ कर टाल रहे थे। उनका उत्सुकता देख कर वह समझ गयी की उसकी प्रयाश सफल हो रही है। वह आज पार्टी में पति की कोम्पनी का कोई एक छोटामोटा अधिकारी को मन जितने आयी थी। पर उसकी किस्मत ऐसी चमकी की उसकी खूबसूरती देख कर खुद क्षेत्रीय अधिकारी या आर.ओ. ही उसपे लट्टू हो चुके है। ऐसे बड़े मगरमच्छ के ऊपर अपने पकड़ मज़बूत रखने के लिए थोड़ा सा छूट उन्हें देना ही पड़ेगा। मगरमच्छ का स्वभाब है काटना और यदि आप को उसे वश में करना हैं, तो आपको थोड़ा दर्द सहना पड़ेगा।
वह उनकी मज़ाक पे हस्ते हुए बोली, "अरे, रोहित नहीं है तो क्या! आप तो हो ना! मुझे तो आप तो बड़े हट्टे-कट्टे लग रहे है। आप मुझे बचाएंगे। वैसे भी, मुझे पता नहीं मेरे पति कहाँ चले गए। वह थोड़ा गुस्से में थे। वैसे कुछ नहीं, पार्टी पे आने से पहले हमारे बिच में थोड़ा लड़ाई हो गया। सायद इसीलिए वह जानबूझकर मुझसे दूर रह रहे है। रोहित के बिना मैं अकेली पार्टी पर बोर हो जाऊंगी। अगर आप मुझे थोड़ा कंपनी दे तो बहुत अच्छा होगा।"
कामना का जवाब सुन कर गिल साहब की तबियत एकदम हरी हो गया। यह शानदार औरत खूबसूरत ही नहीं मूर्ख भी है। इसके साथ सोने के लिए उन्हें ज़्यादा पापड़ नहीं बेलना पड़ेगा।
उन्होंने उसे तुरंत आश्वासन देते हुए कहा, "अरे, यह क्या पूछने की बात है! आप की ख्वाइश सर आंखों पर। तुम जैसी हसीना के लिए तो बन्दे का जान भी हाज़िर है। तुम्हारा पति एक नंबर का बेहकूफ है। इसीलिए तुम को अवॉयड कर रहा है। तुम्हारी जैसी सेक्सी बीवी अगर हमारे पाश होता तो हम उसे पलकों पर बिठा कर रखते। तुम उसको ज्यादा भाव मात दो। उसको जहाँ मर्ज़ी परे रहने दो। तुम एक ड्रिंक पकड़ो। रोहित को दिखा दो की उसके बिना भी तुम इस हसीन शाम का लुफ्त उठा सकती हो। ज्यादा मत सोचो। हम हैं ना। आज हम तुम्हारी मनोरंजन का प्रबंध करते है। और हम यह भी यकीन से कह सकते है के आज की शाम बड़ी रंगीन होने बलि है। इसलिए सबकुछ भूल कर सिर्फ एन्जॉय करो।"
गिल साहब एक वेटर को इशारे से बुलाया और वोडका का एक ग्लास उठा के कामना के हाथ में थमा दी। उन्होंने अपने लिए व्हिस्की ली और दोनों पिने लगी। उनके मीठी बोल सुनके कामना पूरी तरह से पिघल गई थी। बड़े दिनों के बाद कोई दिल खोल के उसके तारीफ कि है। उसके पतिदेव ने कभी भी ऐसे मीठे सब्द उसके ऊपर खरच नहीं किये है। इतनी तारीफें सुनने के बाद वह इतनी खुश हो गईं कि एक पल के लिए उसके पार्टी में आने की असली वजह ही भूल गईं। उल्टा भावुक हो के गिल साहब के सामने ही अपने पतिदेव की शिकायत करने बैठ गयी। अपना मन का पूरा भड़ास निकल दिया।
"जी, अपने एकदम ठीक कहा है। रोहित वाकई में बड़ा बेहकूफ है। इसीलिए इतनी साल से गधे की तरह काम करने की बाद भी एक भी प्रमोशन पाने में नाकामियाब रहे। आप को मालूम नहीं पर हमारे शादी को पांच साल हो चुके। फिर भी हम एक बच्चा नहीं लिए। सिर्फ उनकी लौ सैलरी की वजह से। अब तो यह नौबत आ गया है की रात को वह कुछ कर नहीं पते। ऑफिस करके जो थक जाते है। आप भले आदमी है। आप को यह सब कह सकती हूँ। वह तो मेरी बात सुनते ही नहीं। सारा दिन बस काम और काम। दिनभर काम में डूबे रहते है। उनके पास मुझे देखने को भी फुर्सत नहीं। ठीक है, में समाज सकता हूँ। बड़े डिपार्टमेंट में नौकरी करते है। काम का दबाव भी ज्यादा ही रहेगा। पर कठोर परिश्रम का कोई बढ़िया सा इनाम तो होगा। वह भी नहीं मिला तो इतना ज्यादा मेहनत का क्या मतलब। आदमी अच्छा पद और अच्छे कमाई के लिए ही तो इतना कष्ट उठाते है। पर मेरे पतिदेव इतने बुरबक है की वह सिर्फ काम करते है, फल कोई दूसरा ले जाते है। इसीलिए मैंने सोचा की में ही कुछ करूं। इतना सज धज के एहि सोच के पार्टी में आयी हूँ की सायद कोई भोलाभाला अधिकारी मुझसे टकड़ा जाये और वह मुझ लाचारी पे तरस खा कर अपनी नैया पार करा दे। लेकिन उनको इसमें भी आपत्ति है। उनको मेरी ड्रेसिंग सेंस पसंद नहीं आया। इसीलिए पार्टी में आने से पहले मुझसे झगड़ परे। अब आप ही बताओं, मैंने क्या बुरी पहनी है? हाँ, मानती हूँ मेरी ड्रेस थोड़ा खुली हुई है। पर आजकल तो एहि फैशन चल रही है। थोड़ा दिखाना, थोड़ा छुपाना। और यह बताओं, दिखाएंगे नहीं तो लुभाएंगे कैसे?"
कामना ने गिल साहब के बारे में जो सोचा वह पूरा का पूरा गलत है। मनबीर गिल बिलकुल ही अच्छे आदमी नहीं है। वह एक शातिर खिलाड़ी हैं। वह शिकार नहीं, खुद शिकारी है। कामना को आज की पार्टी में लाने का बंदोबस्त भी उन्ही की किया कराया है। उन्होंने ही दो हफ्ते पहले खुद उसके पास जा कर रोहित को अपने घर की पार्टी में आमंत्रित किया था। इत्तेफ़ाक़ से इस महीने की शुरुआत में उनकी नजर उनके ऑफिस में आयी एक बहुत ज्यादा सेक्सी औरत के ऊपर पड़ी। वह अपने पति को टिफिन देने आई थी, जिसे उल्लू के पट्ठे ने अपने घर पर भूल गया था। वह निकलने के बाद, उन्होंने उस सुंदरी के बारे में थोड़ा पूछताछ कि। पता चला कि वह डिपार्टमेंट में सात साल से गधो के तरह काम कर रहे एक जूनियर क्लर्क रोहित देसाई की प्यारी पत्नी है। ये भी पता चला की देसाईजी अपने ओहदे और कमाई से कुछ नाखुश है। और अगर जल्द ही कुछ अच्छा नहीं होता है, तो वह नौकरी से इस्तीफा भी दे सकते है।
मनबीर गिल ने योजना बनाई। महीने के आखिरी शनिवार को उनके घर पर हमेशा पार्टी होते हैं। वह हमेशा कुछ चुनिंदा लोगों को अपनी पार्टियों में आमंत्रित करते हैं। उनके कुछ भाग्यशाली कर्मचारियों को भी ये निमंत्रण मिलते हैं। इस बार उन्होंने रोहित और उसकी सेक्सी पत्नी को अपनी गेस्ट लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया। उन्होंने उसे जा कर बताया की वह उसकी कड़ी मेहनत से बहुत खुश है और यह निमंत्रण उस मान्यता का प्रतीक है। वह सोच रक्खे थे की पार्टी में आने के बाद पतिपत्नी के प्यारे जोड़ी को किसी बहाने अलग कर दिया जाये। एक बार उनके रस्ते से वह निकम्मा पति हाट जाये, फिर उनके लिखे उसकी मासूम पत्नी को बहकना कुछ मुश्किल काम नहीं। पर इस बिशेष दिन पर किस्मत उनके ऊपर थोड़ा ज्यादा ही मेहरबान है। झगड़े में हारे हुए रोहित पार्टी में पहुँचने के बाद गुस्से में खुद बा खुद अपनी खूबसूरत पत्नी को अकेला छोड़ के शराब पिने बार स्टाल पर जा के बैठ जाता है और उन्हें बिना पसीना बहाए कामना के साथ अकेले समय बिताने का मौका मिल जाता है।
गिल साहब एक मंझे हुए खिलाड़ी है। वह मिनटों में कामना के दिल जीत ली। जब उन्हें पता चला कि ये शानदार औरत अपने पतिदेव से खुश नहीं है और चाहती है की ऑफिस में उसका कोई सिफारिश कर दे, उन्होंने अपना पासा फेंका।
उन्होंने अपने गले में शहद डालकर उससे कहा, "अरे डार्लिंग, इतना क्या पड़ेशानी! चलो तुमको थोड़ा हल्का कर देते है। तुम सिर्फ हमारा छोटा सा एक ख्वाइश पूरी कर दो, बाकि सोब कुछ हम संभल लेंगे। तुम्हारे निकम्मे पति को जूनियर क्लर्क से सीधा अफ़सर बना देंगे। तीन गुना कमाई होगी और रुतवा भी बढ़ जायेंगे। चाहो तो अपना परिवार भी शुरू कर सकते हो। रोहित को हम अपनी छत्रछाया में ले लेंगे। हम यह भी देखेंगे की वह तुमसे अच्छे से पेश आये। तुम्हारी ऊपर कोई रोकटोक ना हो। तुम जो मर्ज़ी पहनोगी। जो मर्ज़ी करोगी। वह कुछ नहीं कहेगा। एहि चाहती हो ना? तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। बस! अब तो खुश हो ना?"
पहले तो कामना को समझ नहीं आया कि उन्हें क्या जवाब दे। प्रस्ताव इतना ज्यादा लाभदायक है कि इसे कभी भी आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन उसे लग रहा है कि इसमें ज़रूर कुछ खोट हैं। यह सुझाव थोड़ा ज्यादा ही अच्छा है। इस लिए उसे शक है की जो दिख रहा है, वह असल में है नहीं।
कामना ने जल्दी से अपने ड्रिंक ख़तम की और सीधे सीधे पूछ लिया, "वाओ! आप यह कर सकते है क्या? मुझे यकीन ही नहीं हो रहा। सचमुच में आप मेरे लिए यह करनेवाले है? वाओ! आप सच में महान है। पर आप यह तो बोले ही नहीं के आप मुझसे क्या चाहते हो?"
सीधा सवाल का सीधा जवाब होना चाहिए। पर महाबीर गिल ने इस सवाल का सीधा जवाब देना उचित नहीं समझे। वह जानते थे इसका जवाब थोड़ा नजाकत से देना अच्छा होगा। उन्होंने फिर एक वेटर को इशारे से बुलाया और एक बार फिर शराब की दो ग्लास उठा ली। वोडका कामना को दे के खुद व्हिस्की की दो सिप लिए और फिर एकदम शांत तरीके से उसके सामने असली बात रख दि।
"देखो कामना, हम तुम्हे झूठ नहीं बोलेंगे। तुम हमको बहुत अच्छे लगे। और हमको लगता हे की हम भी तुम्हे पसंद आये। तुम जानती नहीं हो पर हम एक बिधुर है। हमारे प्यारे पत्नी को स्वर्गबास हुए बहुत शाल बिट गए। इतनी शाल अकेले बिताने के बाद, हम एक नारी की कोमल स्पर्श के लिए तरस गए है। तुम्हारे खूबसूरती देख कर बड़े दिनों के बाद हमारे मन में खुश ख्वाइशे जगी है। हम इतने सालों से एक संत की भूमिका निभाते चले आये है। जो काफी बोरिंग है। पर तुम्हे देखा तो बहक जाने का मन किया। आज का पूरा शाम हम तुम्हारे साथ बिताना चाहते है। तुमसे बातें करना चाहते है। तुम्हे थोड़ा सा छेड़ना भी चाहते है। तुम्हारी साथ थोड़ा डांस भी करने की आशा रखते है। तुम्हें थोड़ा छू के देखना चाहते हैं। हम तुम्हारे साथ आज एक मनोरंजक भरे शाम बिताना चाहते है। आज की रात तुम्हारे लिए भी एक चुनौती होगी। हमारे डिपार्टमेंट के सभी अफ़सर और उनके धरम पत्नी से एहि आशा रखते हे की वह हमारे सब के साथ बड़े मैत्रीपूर्ण तरीके से पेश आये और सबके साथ संपर्क बनाए रखें। मैनेजमेंट का काम आसान नहीं होता। सभी को खुश रख परता है। इसके लिए कभी-कभी थोड़ा समझौता भी करना परता है। नहीं तो तरक़्क़ी नहीं होती। हम जानते है तुम हुम्हे निराश नहीं करोगी और यही उम्मीद करते हैं कि इस परीक्षा में आसानी से खड़े उतरेगी। ज़िन्दगी में कुछ भी मुफ्त नहीं आता। कुछ पाना है, तो फिर कुछ देना भी पड़ेगा। यह जीबन के ही उसूल है।"
उनके शब्दों का एक गहरा अर्थ है। यह सब कुछ, या कुछ भी नहीं। कामना समझ गई। गिल साहब ने कुछ भी छुपाने की कोशिश नहीं की। बड़े ही स्पस्ट तरीके से बता दी है की उनसे कुछ काम निकलना है तो आज शाम अपनी हसीन सांगत से उन्हें भी खुश करना पड़ेगा। मनबीर गिल सुरुआत से ही उसके साथ इतने मीठे से पेस आये कि कामना को यकीन था की वह पक्का जेंटलमैन है और एक शादीशुदा औरत का ज्यादा फायदा नहीं उठाएंगे। हालाँकि उन्होंने बहुत ही विनय पुर्बक अपनी वासना को पेश कि है, पर उसे पक्का भदोसा था की उन जैसे सज्जन व्यक्ति कभी हदें नहीं पर कर सकते।
"वेलकम, वेलकम! आप सायद हमारे जूनियर क्लर्क रोहित की पत्नी मिसेस देसाई हो! हम है इस पार्टी के होस्ट मनबीर गिल। गुड इवनिंग।"
वह उनसे मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ जी, अपने एकदम सही पकड़ा। में ही रोहित की पत्नी हूँ। पर आप प्लीज मुझे मेरे नाम से पुकारियेगा। मेरे नाम कामना है।"
जैसे ही वह मुस्कुराई, गिल साहब को लगा की इस सुंदरी को आसानी से वह फुसला सकते है। वैसे भी उसकी पहनावे देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है की वह थोड़ा सेक्स की भूखी होगी। उसका निकम्मा पति उसे सायद ठीक तरह से नियमित तौर पर बिस्तर पे संतुष्ट नहीं कर पता। नहीं तो कौन सा भले घर की औरत ऐसे खुले कपड़े पेहेनते हुए सौ अनजान लोगों के बीच में पार्टी करने के लिए अति है। गिल साहब बातचीत आगे बढ़ाने की कोशिश में लग गए। "जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। हम तुमको तुम्हारे नाम से ही बुलाएंगे। पर एक बात बताओ। तुम्हारा पति परमेश्वर किउं दिखाई नहीं दे रहे? तुम जैसे खूबसूरत बीवी को कोई अकेला छोड़ जाता है क्या? यहाँ आसपास बोहोत सारा गिर्द मंडरा रहे है। मौका पाते हि तुम जैसी परम सुंदरी को नोच के खाने के लिए तैयार बैठे है। हा हा हा हा!"
उनके मज़ाक थोड़ा सा अश्लील था, लेकिन उसने बुरा नहीं माना। कामना कतई एक स्पॉइलस्पोर्ट बनना नहीं चाहती। गिल साहब उसके मनोरंजन के लिए अन्य मेहमानों को जानबूझ कर टाल रहे थे। उनका उत्सुकता देख कर वह समझ गयी की उसकी प्रयाश सफल हो रही है। वह आज पार्टी में पति की कोम्पनी का कोई एक छोटामोटा अधिकारी को मन जितने आयी थी। पर उसकी किस्मत ऐसी चमकी की उसकी खूबसूरती देख कर खुद क्षेत्रीय अधिकारी या आर.ओ. ही उसपे लट्टू हो चुके है। ऐसे बड़े मगरमच्छ के ऊपर अपने पकड़ मज़बूत रखने के लिए थोड़ा सा छूट उन्हें देना ही पड़ेगा। मगरमच्छ का स्वभाब है काटना और यदि आप को उसे वश में करना हैं, तो आपको थोड़ा दर्द सहना पड़ेगा।
वह उनकी मज़ाक पे हस्ते हुए बोली, "अरे, रोहित नहीं है तो क्या! आप तो हो ना! मुझे तो आप तो बड़े हट्टे-कट्टे लग रहे है। आप मुझे बचाएंगे। वैसे भी, मुझे पता नहीं मेरे पति कहाँ चले गए। वह थोड़ा गुस्से में थे। वैसे कुछ नहीं, पार्टी पे आने से पहले हमारे बिच में थोड़ा लड़ाई हो गया। सायद इसीलिए वह जानबूझकर मुझसे दूर रह रहे है। रोहित के बिना मैं अकेली पार्टी पर बोर हो जाऊंगी। अगर आप मुझे थोड़ा कंपनी दे तो बहुत अच्छा होगा।"
कामना का जवाब सुन कर गिल साहब की तबियत एकदम हरी हो गया। यह शानदार औरत खूबसूरत ही नहीं मूर्ख भी है। इसके साथ सोने के लिए उन्हें ज़्यादा पापड़ नहीं बेलना पड़ेगा।
उन्होंने उसे तुरंत आश्वासन देते हुए कहा, "अरे, यह क्या पूछने की बात है! आप की ख्वाइश सर आंखों पर। तुम जैसी हसीना के लिए तो बन्दे का जान भी हाज़िर है। तुम्हारा पति एक नंबर का बेहकूफ है। इसीलिए तुम को अवॉयड कर रहा है। तुम्हारी जैसी सेक्सी बीवी अगर हमारे पाश होता तो हम उसे पलकों पर बिठा कर रखते। तुम उसको ज्यादा भाव मात दो। उसको जहाँ मर्ज़ी परे रहने दो। तुम एक ड्रिंक पकड़ो। रोहित को दिखा दो की उसके बिना भी तुम इस हसीन शाम का लुफ्त उठा सकती हो। ज्यादा मत सोचो। हम हैं ना। आज हम तुम्हारी मनोरंजन का प्रबंध करते है। और हम यह भी यकीन से कह सकते है के आज की शाम बड़ी रंगीन होने बलि है। इसलिए सबकुछ भूल कर सिर्फ एन्जॉय करो।"
गिल साहब एक वेटर को इशारे से बुलाया और वोडका का एक ग्लास उठा के कामना के हाथ में थमा दी। उन्होंने अपने लिए व्हिस्की ली और दोनों पिने लगी। उनके मीठी बोल सुनके कामना पूरी तरह से पिघल गई थी। बड़े दिनों के बाद कोई दिल खोल के उसके तारीफ कि है। उसके पतिदेव ने कभी भी ऐसे मीठे सब्द उसके ऊपर खरच नहीं किये है। इतनी तारीफें सुनने के बाद वह इतनी खुश हो गईं कि एक पल के लिए उसके पार्टी में आने की असली वजह ही भूल गईं। उल्टा भावुक हो के गिल साहब के सामने ही अपने पतिदेव की शिकायत करने बैठ गयी। अपना मन का पूरा भड़ास निकल दिया।
"जी, अपने एकदम ठीक कहा है। रोहित वाकई में बड़ा बेहकूफ है। इसीलिए इतनी साल से गधे की तरह काम करने की बाद भी एक भी प्रमोशन पाने में नाकामियाब रहे। आप को मालूम नहीं पर हमारे शादी को पांच साल हो चुके। फिर भी हम एक बच्चा नहीं लिए। सिर्फ उनकी लौ सैलरी की वजह से। अब तो यह नौबत आ गया है की रात को वह कुछ कर नहीं पते। ऑफिस करके जो थक जाते है। आप भले आदमी है। आप को यह सब कह सकती हूँ। वह तो मेरी बात सुनते ही नहीं। सारा दिन बस काम और काम। दिनभर काम में डूबे रहते है। उनके पास मुझे देखने को भी फुर्सत नहीं। ठीक है, में समाज सकता हूँ। बड़े डिपार्टमेंट में नौकरी करते है। काम का दबाव भी ज्यादा ही रहेगा। पर कठोर परिश्रम का कोई बढ़िया सा इनाम तो होगा। वह भी नहीं मिला तो इतना ज्यादा मेहनत का क्या मतलब। आदमी अच्छा पद और अच्छे कमाई के लिए ही तो इतना कष्ट उठाते है। पर मेरे पतिदेव इतने बुरबक है की वह सिर्फ काम करते है, फल कोई दूसरा ले जाते है। इसीलिए मैंने सोचा की में ही कुछ करूं। इतना सज धज के एहि सोच के पार्टी में आयी हूँ की सायद कोई भोलाभाला अधिकारी मुझसे टकड़ा जाये और वह मुझ लाचारी पे तरस खा कर अपनी नैया पार करा दे। लेकिन उनको इसमें भी आपत्ति है। उनको मेरी ड्रेसिंग सेंस पसंद नहीं आया। इसीलिए पार्टी में आने से पहले मुझसे झगड़ परे। अब आप ही बताओं, मैंने क्या बुरी पहनी है? हाँ, मानती हूँ मेरी ड्रेस थोड़ा खुली हुई है। पर आजकल तो एहि फैशन चल रही है। थोड़ा दिखाना, थोड़ा छुपाना। और यह बताओं, दिखाएंगे नहीं तो लुभाएंगे कैसे?"
कामना ने गिल साहब के बारे में जो सोचा वह पूरा का पूरा गलत है। मनबीर गिल बिलकुल ही अच्छे आदमी नहीं है। वह एक शातिर खिलाड़ी हैं। वह शिकार नहीं, खुद शिकारी है। कामना को आज की पार्टी में लाने का बंदोबस्त भी उन्ही की किया कराया है। उन्होंने ही दो हफ्ते पहले खुद उसके पास जा कर रोहित को अपने घर की पार्टी में आमंत्रित किया था। इत्तेफ़ाक़ से इस महीने की शुरुआत में उनकी नजर उनके ऑफिस में आयी एक बहुत ज्यादा सेक्सी औरत के ऊपर पड़ी। वह अपने पति को टिफिन देने आई थी, जिसे उल्लू के पट्ठे ने अपने घर पर भूल गया था। वह निकलने के बाद, उन्होंने उस सुंदरी के बारे में थोड़ा पूछताछ कि। पता चला कि वह डिपार्टमेंट में सात साल से गधो के तरह काम कर रहे एक जूनियर क्लर्क रोहित देसाई की प्यारी पत्नी है। ये भी पता चला की देसाईजी अपने ओहदे और कमाई से कुछ नाखुश है। और अगर जल्द ही कुछ अच्छा नहीं होता है, तो वह नौकरी से इस्तीफा भी दे सकते है।
मनबीर गिल ने योजना बनाई। महीने के आखिरी शनिवार को उनके घर पर हमेशा पार्टी होते हैं। वह हमेशा कुछ चुनिंदा लोगों को अपनी पार्टियों में आमंत्रित करते हैं। उनके कुछ भाग्यशाली कर्मचारियों को भी ये निमंत्रण मिलते हैं। इस बार उन्होंने रोहित और उसकी सेक्सी पत्नी को अपनी गेस्ट लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया। उन्होंने उसे जा कर बताया की वह उसकी कड़ी मेहनत से बहुत खुश है और यह निमंत्रण उस मान्यता का प्रतीक है। वह सोच रक्खे थे की पार्टी में आने के बाद पतिपत्नी के प्यारे जोड़ी को किसी बहाने अलग कर दिया जाये। एक बार उनके रस्ते से वह निकम्मा पति हाट जाये, फिर उनके लिखे उसकी मासूम पत्नी को बहकना कुछ मुश्किल काम नहीं। पर इस बिशेष दिन पर किस्मत उनके ऊपर थोड़ा ज्यादा ही मेहरबान है। झगड़े में हारे हुए रोहित पार्टी में पहुँचने के बाद गुस्से में खुद बा खुद अपनी खूबसूरत पत्नी को अकेला छोड़ के शराब पिने बार स्टाल पर जा के बैठ जाता है और उन्हें बिना पसीना बहाए कामना के साथ अकेले समय बिताने का मौका मिल जाता है।
गिल साहब एक मंझे हुए खिलाड़ी है। वह मिनटों में कामना के दिल जीत ली। जब उन्हें पता चला कि ये शानदार औरत अपने पतिदेव से खुश नहीं है और चाहती है की ऑफिस में उसका कोई सिफारिश कर दे, उन्होंने अपना पासा फेंका।
उन्होंने अपने गले में शहद डालकर उससे कहा, "अरे डार्लिंग, इतना क्या पड़ेशानी! चलो तुमको थोड़ा हल्का कर देते है। तुम सिर्फ हमारा छोटा सा एक ख्वाइश पूरी कर दो, बाकि सोब कुछ हम संभल लेंगे। तुम्हारे निकम्मे पति को जूनियर क्लर्क से सीधा अफ़सर बना देंगे। तीन गुना कमाई होगी और रुतवा भी बढ़ जायेंगे। चाहो तो अपना परिवार भी शुरू कर सकते हो। रोहित को हम अपनी छत्रछाया में ले लेंगे। हम यह भी देखेंगे की वह तुमसे अच्छे से पेश आये। तुम्हारी ऊपर कोई रोकटोक ना हो। तुम जो मर्ज़ी पहनोगी। जो मर्ज़ी करोगी। वह कुछ नहीं कहेगा। एहि चाहती हो ना? तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। बस! अब तो खुश हो ना?"
पहले तो कामना को समझ नहीं आया कि उन्हें क्या जवाब दे। प्रस्ताव इतना ज्यादा लाभदायक है कि इसे कभी भी आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन उसे लग रहा है कि इसमें ज़रूर कुछ खोट हैं। यह सुझाव थोड़ा ज्यादा ही अच्छा है। इस लिए उसे शक है की जो दिख रहा है, वह असल में है नहीं।
कामना ने जल्दी से अपने ड्रिंक ख़तम की और सीधे सीधे पूछ लिया, "वाओ! आप यह कर सकते है क्या? मुझे यकीन ही नहीं हो रहा। सचमुच में आप मेरे लिए यह करनेवाले है? वाओ! आप सच में महान है। पर आप यह तो बोले ही नहीं के आप मुझसे क्या चाहते हो?"
सीधा सवाल का सीधा जवाब होना चाहिए। पर महाबीर गिल ने इस सवाल का सीधा जवाब देना उचित नहीं समझे। वह जानते थे इसका जवाब थोड़ा नजाकत से देना अच्छा होगा। उन्होंने फिर एक वेटर को इशारे से बुलाया और एक बार फिर शराब की दो ग्लास उठा ली। वोडका कामना को दे के खुद व्हिस्की की दो सिप लिए और फिर एकदम शांत तरीके से उसके सामने असली बात रख दि।
"देखो कामना, हम तुम्हे झूठ नहीं बोलेंगे। तुम हमको बहुत अच्छे लगे। और हमको लगता हे की हम भी तुम्हे पसंद आये। तुम जानती नहीं हो पर हम एक बिधुर है। हमारे प्यारे पत्नी को स्वर्गबास हुए बहुत शाल बिट गए। इतनी शाल अकेले बिताने के बाद, हम एक नारी की कोमल स्पर्श के लिए तरस गए है। तुम्हारे खूबसूरती देख कर बड़े दिनों के बाद हमारे मन में खुश ख्वाइशे जगी है। हम इतने सालों से एक संत की भूमिका निभाते चले आये है। जो काफी बोरिंग है। पर तुम्हे देखा तो बहक जाने का मन किया। आज का पूरा शाम हम तुम्हारे साथ बिताना चाहते है। तुमसे बातें करना चाहते है। तुम्हे थोड़ा सा छेड़ना भी चाहते है। तुम्हारी साथ थोड़ा डांस भी करने की आशा रखते है। तुम्हें थोड़ा छू के देखना चाहते हैं। हम तुम्हारे साथ आज एक मनोरंजक भरे शाम बिताना चाहते है। आज की रात तुम्हारे लिए भी एक चुनौती होगी। हमारे डिपार्टमेंट के सभी अफ़सर और उनके धरम पत्नी से एहि आशा रखते हे की वह हमारे सब के साथ बड़े मैत्रीपूर्ण तरीके से पेश आये और सबके साथ संपर्क बनाए रखें। मैनेजमेंट का काम आसान नहीं होता। सभी को खुश रख परता है। इसके लिए कभी-कभी थोड़ा समझौता भी करना परता है। नहीं तो तरक़्क़ी नहीं होती। हम जानते है तुम हुम्हे निराश नहीं करोगी और यही उम्मीद करते हैं कि इस परीक्षा में आसानी से खड़े उतरेगी। ज़िन्दगी में कुछ भी मुफ्त नहीं आता। कुछ पाना है, तो फिर कुछ देना भी पड़ेगा। यह जीबन के ही उसूल है।"
उनके शब्दों का एक गहरा अर्थ है। यह सब कुछ, या कुछ भी नहीं। कामना समझ गई। गिल साहब ने कुछ भी छुपाने की कोशिश नहीं की। बड़े ही स्पस्ट तरीके से बता दी है की उनसे कुछ काम निकलना है तो आज शाम अपनी हसीन सांगत से उन्हें भी खुश करना पड़ेगा। मनबीर गिल सुरुआत से ही उसके साथ इतने मीठे से पेस आये कि कामना को यकीन था की वह पक्का जेंटलमैन है और एक शादीशुदा औरत का ज्यादा फायदा नहीं उठाएंगे। हालाँकि उन्होंने बहुत ही विनय पुर्बक अपनी वासना को पेश कि है, पर उसे पक्का भदोसा था की उन जैसे सज्जन व्यक्ति कभी हदें नहीं पर कर सकते।