05-06-2022, 12:38 AM
(This post was last modified: 05-06-2022, 11:27 AM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 26
अगले दिन सुबह 11 बजे काज़ी साहब पहुंच गए। उनके साथ उनके दो असिस्टेंट ज़फर और असलम भी आये थे।
काज़ी साहब ने आते ही कहा : जिस हिन्दू लड़की का निकाह होना है, पहले उसका धर्म परिवर्तन किया जाएगा और फिर उसकी पाकीज़गी की रस्म अदा की जाएगी। यह सब करने में हम लोगों को 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है। उस लड़की को हमारे सामने पेश करो।
मेहमानों वाला एक कमरा काजी साहब को अपनी रस्मे पूरी करने के लिए दे दिया गया था।
कमरे में डबल बेड, सोफा सेट, कुर्सियां आदि सभी जरूरत का सामान था और अंदर अटैच्ड वाशरूम भी था।
काज़ी साहब अपने असिस्टेंट ज़फर और असलम के साथ कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और वहाँ सोनाली के आने का इंतज़ार करने लगे।
काज़ी साहब की उम्र तकरीबन 50 साल के आसपास थी और ज़फर और असलम दोनों 24 -25 साल के नौजवान थे
कुछ ही देर में हिना सोनाली को लेकर काज़ी साहब के पास आ गई।
काज़ी ,ज़फर और असलम ने एक नज़र सोनाली पर डाली और फिर हिना से बोले : ठीक है,अब तुम जाओ। हमे इस लड़की का धर्म परिवर्तन और पाकीज़गी की रस्म पूरा करने में तकरीबन 3 घंटे का समय लगेगा। इस दौरान हम लोगों को कोई डिस्टर्ब नही करेगा।
हिना सोनाली को वहाँ छोड़कर वापस आ गयी
हिना के जाने के बाद काज़ी सोनाली से सख्त लहजे में कडककर बोला : दरवाज़े को अंदर से बंद करो
काज़ी की रौबीली आवाज़ सुनकर सोनाली ने जल्दी से दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया।
सोनाली ने इस समय हरे रंग की शिफॉन की साड़ी और मैचिंग ब्लॉउज़ और पेटीकोट पहना हुआ था जिसमे वह बेहद खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। साड़ी में उसकी मस्त फिगर भी नज़र आ रही थी और उसके चिकने पेट, नाभि, पतली कमर की भरपूर झलक भी उन तीनों को मिल रही थी। तीनों के लण्ड सेक्सी सोनाली को देखकर तनकर खड़े हो चुके थे।
काज़ी और उसके असिस्टेंट अक्सर यह तमाशा करते रहते थे और उन्हें यह अच्छी तरह मालूम था कि लड़कियों से सख्त और रौबीली आवाज़ में बात करने से ही वे उनके हुक्म की तामील ठीक से करती हैं। काज़ी के अस्सिटेंट ज़फर और असलम तो अव्वल दर्जे के बदमाश थे और लड़कियों पर पूरी दबंगई का इस्तेमाल करते थे।
काज़ी ,ज़फर और असलम सोफे पर बैठे हुए थे
काज़ी सोनाली से बोला : चल इधर आकर खड़ी हो हमारे सामने
सोनाली उन तीनों के सामने जाकर खड़ी हो गई
काज़ी : क्या नाम है तेरा ?
सोनाली : जी सोनाली वर्मा
काज़ी : हम तीनों मिलकर आज तेरा धर्म परिवर्तन करके तुझे ,., बना देंगे और फिर तेरा नाम सोनाली खान हो जाएगा। अब तुझसे जो भी सवाल किया जाए उसका सही सही जबाब देना है। समझी ?
सोनाली : जी समझ गयी
काज़ी : फिर यह बता कि शादी से पहले तेरे बदन को किसी मर्द ने छुआ है या नही ?
सोनाली को कुछ समझ नही आया कि क्या जबाब दे क्योंकि उसे पता था कि परवेज़ ने शादी से पहले ही सिनेमा हाल में काफी बदतमीजी की थी।
सोनाली : जी नही, शादी से पहले किसी मर्द ने मुझे नही छुआ
ज़फर : शादी के बाद कितने मर्दों ने तेरे बदन को छुआ है, यह बता
ज़फर के सवाल पर सोनाली का चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो गया लेकिन फिर भी वह झूठ बोली : शादी के बाद बस मेरे पति ने ही मुझे छुआ है।
काज़ी : ठीक है, तुम सच बोल रही हो या झूठ बोल रही हो, हम इसकी भी जांच करते है। असलम जरा चेक करो कि यह लौंडिया सच बोल रही है या झूठ।
असलम की पैंट में उसका लण्ड बहुत बड़ा टेन्ट बना चुका था। अपने लण्ड पर हाथ फेरते हुए वह सोफे से उठकर सोनाली के पास आकर खड़ा हो गया और उससे बेहद रौबीली आवाज़ में बोला : चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठा
शेष अगले भाग में
अगले दिन सुबह 11 बजे काज़ी साहब पहुंच गए। उनके साथ उनके दो असिस्टेंट ज़फर और असलम भी आये थे।
काज़ी साहब ने आते ही कहा : जिस हिन्दू लड़की का निकाह होना है, पहले उसका धर्म परिवर्तन किया जाएगा और फिर उसकी पाकीज़गी की रस्म अदा की जाएगी। यह सब करने में हम लोगों को 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है। उस लड़की को हमारे सामने पेश करो।
मेहमानों वाला एक कमरा काजी साहब को अपनी रस्मे पूरी करने के लिए दे दिया गया था।
कमरे में डबल बेड, सोफा सेट, कुर्सियां आदि सभी जरूरत का सामान था और अंदर अटैच्ड वाशरूम भी था।
काज़ी साहब अपने असिस्टेंट ज़फर और असलम के साथ कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और वहाँ सोनाली के आने का इंतज़ार करने लगे।
काज़ी साहब की उम्र तकरीबन 50 साल के आसपास थी और ज़फर और असलम दोनों 24 -25 साल के नौजवान थे
कुछ ही देर में हिना सोनाली को लेकर काज़ी साहब के पास आ गई।
काज़ी ,ज़फर और असलम ने एक नज़र सोनाली पर डाली और फिर हिना से बोले : ठीक है,अब तुम जाओ। हमे इस लड़की का धर्म परिवर्तन और पाकीज़गी की रस्म पूरा करने में तकरीबन 3 घंटे का समय लगेगा। इस दौरान हम लोगों को कोई डिस्टर्ब नही करेगा।
हिना सोनाली को वहाँ छोड़कर वापस आ गयी
हिना के जाने के बाद काज़ी सोनाली से सख्त लहजे में कडककर बोला : दरवाज़े को अंदर से बंद करो
काज़ी की रौबीली आवाज़ सुनकर सोनाली ने जल्दी से दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया।
सोनाली ने इस समय हरे रंग की शिफॉन की साड़ी और मैचिंग ब्लॉउज़ और पेटीकोट पहना हुआ था जिसमे वह बेहद खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। साड़ी में उसकी मस्त फिगर भी नज़र आ रही थी और उसके चिकने पेट, नाभि, पतली कमर की भरपूर झलक भी उन तीनों को मिल रही थी। तीनों के लण्ड सेक्सी सोनाली को देखकर तनकर खड़े हो चुके थे।
काज़ी और उसके असिस्टेंट अक्सर यह तमाशा करते रहते थे और उन्हें यह अच्छी तरह मालूम था कि लड़कियों से सख्त और रौबीली आवाज़ में बात करने से ही वे उनके हुक्म की तामील ठीक से करती हैं। काज़ी के अस्सिटेंट ज़फर और असलम तो अव्वल दर्जे के बदमाश थे और लड़कियों पर पूरी दबंगई का इस्तेमाल करते थे।
काज़ी ,ज़फर और असलम सोफे पर बैठे हुए थे
काज़ी सोनाली से बोला : चल इधर आकर खड़ी हो हमारे सामने
सोनाली उन तीनों के सामने जाकर खड़ी हो गई
काज़ी : क्या नाम है तेरा ?
सोनाली : जी सोनाली वर्मा
काज़ी : हम तीनों मिलकर आज तेरा धर्म परिवर्तन करके तुझे ,., बना देंगे और फिर तेरा नाम सोनाली खान हो जाएगा। अब तुझसे जो भी सवाल किया जाए उसका सही सही जबाब देना है। समझी ?
सोनाली : जी समझ गयी
काज़ी : फिर यह बता कि शादी से पहले तेरे बदन को किसी मर्द ने छुआ है या नही ?
सोनाली को कुछ समझ नही आया कि क्या जबाब दे क्योंकि उसे पता था कि परवेज़ ने शादी से पहले ही सिनेमा हाल में काफी बदतमीजी की थी।
सोनाली : जी नही, शादी से पहले किसी मर्द ने मुझे नही छुआ
ज़फर : शादी के बाद कितने मर्दों ने तेरे बदन को छुआ है, यह बता
ज़फर के सवाल पर सोनाली का चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो गया लेकिन फिर भी वह झूठ बोली : शादी के बाद बस मेरे पति ने ही मुझे छुआ है।
काज़ी : ठीक है, तुम सच बोल रही हो या झूठ बोल रही हो, हम इसकी भी जांच करते है। असलम जरा चेक करो कि यह लौंडिया सच बोल रही है या झूठ।
असलम की पैंट में उसका लण्ड बहुत बड़ा टेन्ट बना चुका था। अपने लण्ड पर हाथ फेरते हुए वह सोफे से उठकर सोनाली के पास आकर खड़ा हो गया और उससे बेहद रौबीली आवाज़ में बोला : चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठा
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा