03-06-2022, 09:48 AM
जब रोहित ऑफिस के बाद अपनी खूबसूरत पत्नी को पार्टी में ले जाने के लिए घर आया, तब कामना को ऐसी खुली हुई पोशाक में देख के वह बहुत ही नाराज हुए। उसे वह कुछ जरूरत से ज्यादा विस्फोटक लगे। ऐसी अश्लील पोशाक कोई जानबूझकर पहनती है क्या? लोग क्या कहेंगे? ऐसे जाएगी तो पार्टी में अये सभी मेहमानों को लागेका की उसने एक रैंड से शादी की है। अपने भरे बदन को हद से ज्यादा दिखा रही है। इससे गलत संकेत जा सकता है। पार्टी में कोई भी उससे बत्तमीज़ी कर सकता है। ऐसी पार्टिओं में बहुत सरे लोग आते है। कौन जाने किसकी नीयत क्या है?ऐसे खुल्लम खुल्ला जाएगी तो जरूर अपने साथ उसे भी ले डूबेगी। पार्टी में उसके बोस लोग भी आएंगे। कुछ उल्टा सीधा हो गया तो उन लोगों के सामने उसके मान-संमान का धजिया उर जायेगा।
उसने अपने पत्नी को गंभीर आवाज में कहा, "ये क्या पहनी हो? पार्टी में क्या ऐसे जाओगी?"
पति का गंभीर मुँह देख कर कामना को अंदाजा लग गया की उसे उसकी पहनावा पसंद नहीं आया। उसे इसी बात का डर था। रोहित बारे पुराने ख़यालात के इंसान हे। वह पहले से ही जानती थी की उनसे ये मॉडर्न ज़माने का ड्रेस हजम नहीं होगा। पर फिर भी उम्मीद लगाए बैठी थी की सायद इस आधुनिक परिधान में उसका मनमोहक रूप देखने के बाद उनका रूढ़िवादी मन गल जाये। लेकिन दुर्भाग्यपूर्व, उसे फिर से हताश होना पड़ा। पर इस बार उसने भी मन बना ली थी। जरूरत पड़ने पर वह उससे लड़ेंगी। और उसने वही किया।
वह कड़कती आवाज़ में बोली, "किउं इसमें क्या बुराई है? तुमको क्या अच्छे नहीं लगे?"
बीवी का करारी जवाब सुन के वह भी चुप नहीं बैठे। पलट के वार की, "सायद तुमको ठीक तरह से दिखाई नहीं दे रहा की तुम कितनी बदचलन दिख रही हो। क्या तुम भूल गयी हैं कि तुम एक शादीशुदा औरत हैं?तुम्हारे पहनावा देख के कोई भी तुम्हे बाज़ारू समझेगा। ऐसी खुली हुई ड्रेस को पहन ने का क्या मतलब? मुझे तो समझ में यह नहीं आ रहा के तुम छुपा रही हो की दिखा रही हो। आज पार्टी में कितने सारे लोग होंगे। वे सब क्या सोचेंगे। और मेरे बॉसेस। वे क्या कहेंगे? ऐसे अर्धनग्न हो कर जाओगी तो सब लोग मुझ पर हि हसेंगे। सबके लिए मैं एक भद्दा सा मजाक बन जाऊंगा।"
पति के मुँह से इतना घिनौना अपवाद सुनके कामना आगबबूला हो उठी और गला चढ़ा कर अपनी तेज़ कटारी प्रतिक्रिया दी, "में जाउंगी और ज़रूर जाउंगी। और यही ड्रेस पहन कर जाउंगी। तुम्ही को सायद यह नहीं पता की जिसे तुम अधनंगा कह रहे हो वो आज की दुनिया में फैशन बन चूका है। आजकल पार्टियों में औरतें ऐसे ही मॉडर्न ड्रेस पहन के जाती है। एहि लेटेस्ट ट्रेंड है। कभी सुना है कोई किसी पार्टी में साड़ी-सलवार पहन के कोई गयी हो?पर तुम्हें यह सब कैसे पता होगा? तुम कब पार्टियों में जाते हो? तुम्हारे जान तो वो ऑफिस में अटकी है। तुम्हारे लिए तो काम ही भगवन है। कभी अपने काम से फुर्सत पाओ तो एकबार बहार निकालके देख लेना ये दुनिया कहाँ से कहाँ पहुंच चुकी है।"
लड़ाई बद से बदतर हो गई पर किसी भी पक्षों ने पीछे नहीं हटा। दोनों ही अपने स्थान पर डटे रहे। आधे घंटे तक दोनों मियां बीवी खूब झगड़े। आखिरकार हताश हो के रोहित ने अपने पत्नी को स्पष्ट रूप से समझने की कोशिश की, "यह ललचानेवाला पोशाक पार्टी में पहनके जाएगी तो निश्चित रूप से तुम मुसीबत मोर लोगी। उधर सब लोग अनजान होंगे। किसकी दिमाग में क्या चल रहा है किसे पता? तुम खतरे में पड़ सकती है। मुझे डर है की तुम्हारा कोई अनर्थ ना कर बैठे। ऐसा चांस किउं लेना जो इतना जोखिमभरा हो? यदि तुम पार्टी को निश्चिंत मन से एन्जॉय करना चाहती है, तो इस ड्रेस को उतार के कुछ ढंग का पहन ले। सुरक्षित रहने में ही समझदारी है।"
लेकिन कामना उसकी बातों में फसने वाली नहीं है। वह बहुत ही ज़िद्दी किसम का औरत है। एकबार जो ठान ले वो करके छोड़ती है। वह जानती थी कि वह कोई ऑर्थोडॉक्स कपड़े पहन के पार्टी पे नहीं जा सकती। उसकी प्लान के लिए जरूरी है कि पार्टी में आने वाले पुरुष उसकी ओर आकर्षित हों। तभी वह अपने पति के ठप मरी हुई करियर को कुछ गति दे सकती है।
वह पूरा दृढ़ हो के बोली, "तुम जो भी कहो, मुझे यही ड्रेस पहन कर पार्टी में जाना है। मेरे लिए तुम ज्यादा पदेसन मत हो। में बहुत अच्छे तरीके से अपनी सुरक्षा कर सकती हूँ। तुम्हे मुझे गार्ड देना नहीं पड़ेगा। मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ। मुझे लोगों की सोच का परवा नहीं है। वो जो चाहे मेरे बारे में सोच सकते है। में पार्टी का आनंद अपने ढंग से उठाउंगी। मुझे अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का पूरा हक़ है। यह हक़ मुझसे कोई नहीं छीन सकता। मुझे रोकने का कोशिश भी मत करना। नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मुझे अपने पसंद का ड्रेस पहन ने दो। नहीं तो मैं पार्टी पे नहीं जाऊंगी।"
यह अल्टीमेटम सुनने के बाद अपनी पत्नी की ज़िद के सामने रोहित ने हार मन लिया और दोनों मियां बीवी पार्टी पर चल दिए। पार्टी का आयोजन डिपार्टमेंट के आर.ओ. की फार्म हाउस पर किया गया है। बड़ा सा दो मंजिला माकन के सामने विशाल लॉन पर पार्टी चल रही है। लॉन के बीचोबीच एक गोल अस्थायी नाच ने की जगह बनाया गया है। पुरे डांस फ्लोर में ज्यादातर अंधेरा छाया हुआ है। एक ही लाइट टिमटिमाते हुए ज्वाल रही है। वह भी डिस्को। डीजे ब्यथ कर जोर जोर म्यूजिक बजा रहा है। लॉन के एक कोने में एक मिनी बार का भी बंदोबस्त किया गया है। ठीक उसके बगल में है फूड काउंटर। छे-सात वेटर पूरे लॉन में घूम रहे हैं और मेहमानों को खाना और ड्रिंक्स सर्वे कर रहे हैं। पार्टी जोरो शोरों से चल रही है।
फार्म हाउस पर पहुँचने के बाद भी पति-पत्नी के बीच विवाद मिट नहीं पाई। रोहित का निराश चेहरा चिल्ला चिल्ला कर बता रहा है कि अपनी खूबसूरत पत्नी से वह काफी ज्यादा नाराज है। इस पार्टी में आने के लिए अपने भद्दे पहनाबा ले कर कामना का जिद्दीपन रोहित ठीक तरह से हजम नहीं कर पाया। वह सचमुच गुस्से में था। जैसे ही वे पार्टी में पहुँचे, वह बार में जा के अपने लिए व्हिस्की की एक बड़ा सा पेग ले लेते है। दूसरी ओर, अपने उदास पतिदेव की भविष्यवाणी को पूरी तरह से सच साबित करते हुए कामना को पार्टी में आये पुरुषों से बहुत ज्यादा अटेंशन मिल रहा है और वह वास्तव में उनका आनंद ले रही है। अपनी लंबी बहस के चलते वे पार्टी में देर से आए हैं। हालाँकि, पहुँचने के बाद उसने तुरंत कुछ सिर घुमाना शुरू कर दिया। खासकर पार्टी के मेज़बान आर.ओ. महावीर गिल उसके एकदम दीवाने बन गए हैं। कामना ने जैसे ही पार्टी में प्रवेश कि, उन्होंने उसे काफी उत्साहपूर्वक स्वागत कि और तब से कभी भी उसे अपनी आंखों से दूर नहीं होने दि है। वह पास आने के बाद, कोई भी उसे फिर परेशान करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
उसने अपने पत्नी को गंभीर आवाज में कहा, "ये क्या पहनी हो? पार्टी में क्या ऐसे जाओगी?"
पति का गंभीर मुँह देख कर कामना को अंदाजा लग गया की उसे उसकी पहनावा पसंद नहीं आया। उसे इसी बात का डर था। रोहित बारे पुराने ख़यालात के इंसान हे। वह पहले से ही जानती थी की उनसे ये मॉडर्न ज़माने का ड्रेस हजम नहीं होगा। पर फिर भी उम्मीद लगाए बैठी थी की सायद इस आधुनिक परिधान में उसका मनमोहक रूप देखने के बाद उनका रूढ़िवादी मन गल जाये। लेकिन दुर्भाग्यपूर्व, उसे फिर से हताश होना पड़ा। पर इस बार उसने भी मन बना ली थी। जरूरत पड़ने पर वह उससे लड़ेंगी। और उसने वही किया।
वह कड़कती आवाज़ में बोली, "किउं इसमें क्या बुराई है? तुमको क्या अच्छे नहीं लगे?"
बीवी का करारी जवाब सुन के वह भी चुप नहीं बैठे। पलट के वार की, "सायद तुमको ठीक तरह से दिखाई नहीं दे रहा की तुम कितनी बदचलन दिख रही हो। क्या तुम भूल गयी हैं कि तुम एक शादीशुदा औरत हैं?तुम्हारे पहनावा देख के कोई भी तुम्हे बाज़ारू समझेगा। ऐसी खुली हुई ड्रेस को पहन ने का क्या मतलब? मुझे तो समझ में यह नहीं आ रहा के तुम छुपा रही हो की दिखा रही हो। आज पार्टी में कितने सारे लोग होंगे। वे सब क्या सोचेंगे। और मेरे बॉसेस। वे क्या कहेंगे? ऐसे अर्धनग्न हो कर जाओगी तो सब लोग मुझ पर हि हसेंगे। सबके लिए मैं एक भद्दा सा मजाक बन जाऊंगा।"
पति के मुँह से इतना घिनौना अपवाद सुनके कामना आगबबूला हो उठी और गला चढ़ा कर अपनी तेज़ कटारी प्रतिक्रिया दी, "में जाउंगी और ज़रूर जाउंगी। और यही ड्रेस पहन कर जाउंगी। तुम्ही को सायद यह नहीं पता की जिसे तुम अधनंगा कह रहे हो वो आज की दुनिया में फैशन बन चूका है। आजकल पार्टियों में औरतें ऐसे ही मॉडर्न ड्रेस पहन के जाती है। एहि लेटेस्ट ट्रेंड है। कभी सुना है कोई किसी पार्टी में साड़ी-सलवार पहन के कोई गयी हो?पर तुम्हें यह सब कैसे पता होगा? तुम कब पार्टियों में जाते हो? तुम्हारे जान तो वो ऑफिस में अटकी है। तुम्हारे लिए तो काम ही भगवन है। कभी अपने काम से फुर्सत पाओ तो एकबार बहार निकालके देख लेना ये दुनिया कहाँ से कहाँ पहुंच चुकी है।"
लड़ाई बद से बदतर हो गई पर किसी भी पक्षों ने पीछे नहीं हटा। दोनों ही अपने स्थान पर डटे रहे। आधे घंटे तक दोनों मियां बीवी खूब झगड़े। आखिरकार हताश हो के रोहित ने अपने पत्नी को स्पष्ट रूप से समझने की कोशिश की, "यह ललचानेवाला पोशाक पार्टी में पहनके जाएगी तो निश्चित रूप से तुम मुसीबत मोर लोगी। उधर सब लोग अनजान होंगे। किसकी दिमाग में क्या चल रहा है किसे पता? तुम खतरे में पड़ सकती है। मुझे डर है की तुम्हारा कोई अनर्थ ना कर बैठे। ऐसा चांस किउं लेना जो इतना जोखिमभरा हो? यदि तुम पार्टी को निश्चिंत मन से एन्जॉय करना चाहती है, तो इस ड्रेस को उतार के कुछ ढंग का पहन ले। सुरक्षित रहने में ही समझदारी है।"
लेकिन कामना उसकी बातों में फसने वाली नहीं है। वह बहुत ही ज़िद्दी किसम का औरत है। एकबार जो ठान ले वो करके छोड़ती है। वह जानती थी कि वह कोई ऑर्थोडॉक्स कपड़े पहन के पार्टी पे नहीं जा सकती। उसकी प्लान के लिए जरूरी है कि पार्टी में आने वाले पुरुष उसकी ओर आकर्षित हों। तभी वह अपने पति के ठप मरी हुई करियर को कुछ गति दे सकती है।
वह पूरा दृढ़ हो के बोली, "तुम जो भी कहो, मुझे यही ड्रेस पहन कर पार्टी में जाना है। मेरे लिए तुम ज्यादा पदेसन मत हो। में बहुत अच्छे तरीके से अपनी सुरक्षा कर सकती हूँ। तुम्हे मुझे गार्ड देना नहीं पड़ेगा। मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ। मुझे लोगों की सोच का परवा नहीं है। वो जो चाहे मेरे बारे में सोच सकते है। में पार्टी का आनंद अपने ढंग से उठाउंगी। मुझे अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का पूरा हक़ है। यह हक़ मुझसे कोई नहीं छीन सकता। मुझे रोकने का कोशिश भी मत करना। नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मुझे अपने पसंद का ड्रेस पहन ने दो। नहीं तो मैं पार्टी पे नहीं जाऊंगी।"
यह अल्टीमेटम सुनने के बाद अपनी पत्नी की ज़िद के सामने रोहित ने हार मन लिया और दोनों मियां बीवी पार्टी पर चल दिए। पार्टी का आयोजन डिपार्टमेंट के आर.ओ. की फार्म हाउस पर किया गया है। बड़ा सा दो मंजिला माकन के सामने विशाल लॉन पर पार्टी चल रही है। लॉन के बीचोबीच एक गोल अस्थायी नाच ने की जगह बनाया गया है। पुरे डांस फ्लोर में ज्यादातर अंधेरा छाया हुआ है। एक ही लाइट टिमटिमाते हुए ज्वाल रही है। वह भी डिस्को। डीजे ब्यथ कर जोर जोर म्यूजिक बजा रहा है। लॉन के एक कोने में एक मिनी बार का भी बंदोबस्त किया गया है। ठीक उसके बगल में है फूड काउंटर। छे-सात वेटर पूरे लॉन में घूम रहे हैं और मेहमानों को खाना और ड्रिंक्स सर्वे कर रहे हैं। पार्टी जोरो शोरों से चल रही है।
फार्म हाउस पर पहुँचने के बाद भी पति-पत्नी के बीच विवाद मिट नहीं पाई। रोहित का निराश चेहरा चिल्ला चिल्ला कर बता रहा है कि अपनी खूबसूरत पत्नी से वह काफी ज्यादा नाराज है। इस पार्टी में आने के लिए अपने भद्दे पहनाबा ले कर कामना का जिद्दीपन रोहित ठीक तरह से हजम नहीं कर पाया। वह सचमुच गुस्से में था। जैसे ही वे पार्टी में पहुँचे, वह बार में जा के अपने लिए व्हिस्की की एक बड़ा सा पेग ले लेते है। दूसरी ओर, अपने उदास पतिदेव की भविष्यवाणी को पूरी तरह से सच साबित करते हुए कामना को पार्टी में आये पुरुषों से बहुत ज्यादा अटेंशन मिल रहा है और वह वास्तव में उनका आनंद ले रही है। अपनी लंबी बहस के चलते वे पार्टी में देर से आए हैं। हालाँकि, पहुँचने के बाद उसने तुरंत कुछ सिर घुमाना शुरू कर दिया। खासकर पार्टी के मेज़बान आर.ओ. महावीर गिल उसके एकदम दीवाने बन गए हैं। कामना ने जैसे ही पार्टी में प्रवेश कि, उन्होंने उसे काफी उत्साहपूर्वक स्वागत कि और तब से कभी भी उसे अपनी आंखों से दूर नहीं होने दि है। वह पास आने के बाद, कोई भी उसे फिर परेशान करने की हिम्मत नहीं दिखाई।