31-05-2022, 10:44 PM
(This post was last modified: 01-06-2022, 10:54 AM by Hot_Guy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
Part 22
अगले दिन फ़िरोज़ खान और रुबिका अपने पड़ोस में रहने वाले रवि वर्मा और सोनाली वर्मा के मम्मी पापा से मिलने उनके घर पहुंच गए और उन्हें अपने आने का कारण भी बताया।
रवि और सोनाली के पापा महेश वर्मा स्टेट बैंक में मैनेजर थे। उनकी उम्र लगभग 40 साल की थी। उनकी पत्नी अंजली बेहद खूबसूरत और गोरी थी और 37 साल की उम्र में भी उसने अपने बदन की खूबसूरती, कसाव और फिगर को बरकरार रखा हुआ था।
शादी को लेकर बड़ी अड़चन इस बात की वजह से आ रही थी कि सोनाली हिन्दू और परवेज़ ,., परिवार से थी।
बात को बिगड़ते देख फ़िरोज़ खान ने चालाकी और मक्कारी दिखाते हुए सोनाली के मम्मी पापा से कहा : भाई साहब आजकल के बच्चों से गलती तो हो ही जाती है। हमारे परवेज़ की शादी तो कहीं न कहीं हो ही जाएगी लेकिन आपकी बेटी जो कि परवेज़ के बच्चे की माँ बनने वाली है, उसे शायद दूसरा लड़का मिलने में दिक्कत हो सकती है।
फ़िरोज़ खान का यह सफेद झूठ एकदम काम कर गया और सोनाली और परवेज़ की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ आनन फानन में कर दी गई।
सोनाली अब परवेज़ के यहाँ आ गई थी। उसकी आज सुहागरात थी। हिना ने भी अपनी भाभी सोनाली को सुहागरात के लिए बिल्कुल तैयार करके उसे उसके कमरे में घूंघट करके बिस्तर पर बिठा दिया था।
रात को दस बजे परवेज़ कमरे में घुसा तो सोनाली साड़ी के घूंघट में बिस्तर पर बैठी हुई थी। परवेज़ ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और बिस्तर के सामने पड़े सोफे पर बैठते हुए सोनाली से बोला : बिस्तर से उठकर मेरे पास आओ
सोनाली शर्माते हुए बिस्तर से उठी और परवेज़ के सामने आकर खड़ी हो गईं।
परवेज़ : साड़ी उतारो
सोनाली ने लाल रंग की बनारसी साड़ी उतार दी
साड़ी उतरते ही सोनाली का खूबसूरत बदन ब्लॉउज़ और पेटीकोट में कसा हुआ परवेज़ के सामने था। परवेज़ का लण्ड खड़ा हो चुका था।
परवेज़ : ब्लॉउज़ और पेटीकोट भी उतारो
सोनाली ने धीरे धीरे ब्लॉउज़ और पेटीकोट भी उतार दिए। उसके बदन पर अब ब्रा और पैंटी बची थी और काफी सारे जेवरात भी उसके बदन पर नज़र आ रहे थे।
परवेज़ उसके बदन की खूबसूरती देखकर अपने लण्ड पर हाथ फिराते हुए बोला : सब कुछ उतारो। सारे जेवरात भी उतारो। मुझे तुम्हारा बदन एकदम नंगा चाहिए। तुम्हारे कोरे बदन को जब मैं अपने हाथों से सहलाऊँ तो कुछ भी बीच मे नही आना चाहिये। चलो शुरू हो जाओ
सोनाली ने एक एक करके अपने सारे जेवर उतारे और फिर बहुत शर्माते हुए अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी।
परवेज़ ने एक नज़र ने उसके खूबसूरत और सेक्सी नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक जी भरकर देखा-उसका खूबसूरत गोरा चेहरा, गुलाबी होंठ, मस्त मस्त मखमली मम्मे, चिकना समतल पेट, पतली चिकनी कमर और केले जैसी चिकनी और सुडौल जाँघे किसी को भी बेकाबू करने के लिए काफी थीं।
परवेज़ : यह हार क्यों पहना हुआ है, इसे भी उतारो
सोनाली : यह मंगलसूत्र है, इसे नही उतारा जाता है। यह हमारे सुहाग की निशानी है।
परवेज़ ( हंसते हुए) : यह सब हमारे यहाँ नही होता है। वैसे भी कल हम तुम्हारा धर्म परिवर्तन करवाकर काज़ी को बुलाकर अपनी रीति रिवाज से तुम्हारा निकाह करवाने वाले है। चलो इस मंगल सूत्र को भी उतारो।
सोनाली ने न चाहते हुए भी अपना मंगलसूत्र भी उतार दिया और अपने एक हाथ से अपने मम्मे और दूसरे हाथ से अपने चिकने योनि प्रदेश (चूत)को ढंककर खड़ी हो गई।
परवेज़ : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और अपने बदन को धीरे धीरे गोल गोल घुमाओ।
सोनाली ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए और धीरे धीरे गोल गोल घूमने लगी।
काफी देर तक परवेज़ सोनाली के बदन की इस तरह से नुमायश देखता रहा और अपना लण्ड सहलाता रहा
शेष अगले भाग में
अगले दिन फ़िरोज़ खान और रुबिका अपने पड़ोस में रहने वाले रवि वर्मा और सोनाली वर्मा के मम्मी पापा से मिलने उनके घर पहुंच गए और उन्हें अपने आने का कारण भी बताया।
रवि और सोनाली के पापा महेश वर्मा स्टेट बैंक में मैनेजर थे। उनकी उम्र लगभग 40 साल की थी। उनकी पत्नी अंजली बेहद खूबसूरत और गोरी थी और 37 साल की उम्र में भी उसने अपने बदन की खूबसूरती, कसाव और फिगर को बरकरार रखा हुआ था।
शादी को लेकर बड़ी अड़चन इस बात की वजह से आ रही थी कि सोनाली हिन्दू और परवेज़ ,., परिवार से थी।
बात को बिगड़ते देख फ़िरोज़ खान ने चालाकी और मक्कारी दिखाते हुए सोनाली के मम्मी पापा से कहा : भाई साहब आजकल के बच्चों से गलती तो हो ही जाती है। हमारे परवेज़ की शादी तो कहीं न कहीं हो ही जाएगी लेकिन आपकी बेटी जो कि परवेज़ के बच्चे की माँ बनने वाली है, उसे शायद दूसरा लड़का मिलने में दिक्कत हो सकती है।
फ़िरोज़ खान का यह सफेद झूठ एकदम काम कर गया और सोनाली और परवेज़ की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ आनन फानन में कर दी गई।
सोनाली अब परवेज़ के यहाँ आ गई थी। उसकी आज सुहागरात थी। हिना ने भी अपनी भाभी सोनाली को सुहागरात के लिए बिल्कुल तैयार करके उसे उसके कमरे में घूंघट करके बिस्तर पर बिठा दिया था।
रात को दस बजे परवेज़ कमरे में घुसा तो सोनाली साड़ी के घूंघट में बिस्तर पर बैठी हुई थी। परवेज़ ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और बिस्तर के सामने पड़े सोफे पर बैठते हुए सोनाली से बोला : बिस्तर से उठकर मेरे पास आओ
सोनाली शर्माते हुए बिस्तर से उठी और परवेज़ के सामने आकर खड़ी हो गईं।
परवेज़ : साड़ी उतारो
सोनाली ने लाल रंग की बनारसी साड़ी उतार दी
साड़ी उतरते ही सोनाली का खूबसूरत बदन ब्लॉउज़ और पेटीकोट में कसा हुआ परवेज़ के सामने था। परवेज़ का लण्ड खड़ा हो चुका था।
परवेज़ : ब्लॉउज़ और पेटीकोट भी उतारो
सोनाली ने धीरे धीरे ब्लॉउज़ और पेटीकोट भी उतार दिए। उसके बदन पर अब ब्रा और पैंटी बची थी और काफी सारे जेवरात भी उसके बदन पर नज़र आ रहे थे।
परवेज़ उसके बदन की खूबसूरती देखकर अपने लण्ड पर हाथ फिराते हुए बोला : सब कुछ उतारो। सारे जेवरात भी उतारो। मुझे तुम्हारा बदन एकदम नंगा चाहिए। तुम्हारे कोरे बदन को जब मैं अपने हाथों से सहलाऊँ तो कुछ भी बीच मे नही आना चाहिये। चलो शुरू हो जाओ
सोनाली ने एक एक करके अपने सारे जेवर उतारे और फिर बहुत शर्माते हुए अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी।
परवेज़ ने एक नज़र ने उसके खूबसूरत और सेक्सी नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक जी भरकर देखा-उसका खूबसूरत गोरा चेहरा, गुलाबी होंठ, मस्त मस्त मखमली मम्मे, चिकना समतल पेट, पतली चिकनी कमर और केले जैसी चिकनी और सुडौल जाँघे किसी को भी बेकाबू करने के लिए काफी थीं।
परवेज़ : यह हार क्यों पहना हुआ है, इसे भी उतारो
सोनाली : यह मंगलसूत्र है, इसे नही उतारा जाता है। यह हमारे सुहाग की निशानी है।
परवेज़ ( हंसते हुए) : यह सब हमारे यहाँ नही होता है। वैसे भी कल हम तुम्हारा धर्म परिवर्तन करवाकर काज़ी को बुलाकर अपनी रीति रिवाज से तुम्हारा निकाह करवाने वाले है। चलो इस मंगल सूत्र को भी उतारो।
सोनाली ने न चाहते हुए भी अपना मंगलसूत्र भी उतार दिया और अपने एक हाथ से अपने मम्मे और दूसरे हाथ से अपने चिकने योनि प्रदेश (चूत)को ढंककर खड़ी हो गई।
परवेज़ : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और अपने बदन को धीरे धीरे गोल गोल घुमाओ।
सोनाली ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए और धीरे धीरे गोल गोल घूमने लगी।
काफी देर तक परवेज़ सोनाली के बदन की इस तरह से नुमायश देखता रहा और अपना लण्ड सहलाता रहा
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा