31-05-2022, 05:55 PM
मैंने सोचा कि दीदी को मेरे लंड का पूरा पता चल रहा होगा फिर भी नहीं बोल रही है.
तब मैंने सोचा कि शायद दीदी को मज़ा आ रहा होगा.
मैं सोचने लगा कि अब कैसे पता करूँ?
तो मैं अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
दीदी कुछ नहीं बोली.
मैं समझ गया कि दीदी को मज़ा आ रहा है.
मैंने अपने तौलिये में से अपना लंड बाहर निकाला और दीदी का स्कर्ट थोड़ा ऊपर करके अपना लंड उनकी पेंटी पर लगा दिया.
और मेरा लंड दीदी की गांड की दरार में घुस गया.
अब दीदी को मेरा लंड पूरा मज़ा दे रहा था.
उनकी गांड इतनी नर्म थी कि जब मैं अपना लंड उनकी गांड पर दबाता तब उनके चूतड़ फैल जाते.
कुछ ही देर में दीदी की पेंटी चूत के पास में भीग चुकी थी. मेरे लंड और उनकी चूत को एक दूसरे के पानी का मज़ा मिलने लगा.
तब मैंने सोचा कि शायद दीदी को मज़ा आ रहा होगा.
मैं सोचने लगा कि अब कैसे पता करूँ?
तो मैं अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
दीदी कुछ नहीं बोली.
मैं समझ गया कि दीदी को मज़ा आ रहा है.
मैंने अपने तौलिये में से अपना लंड बाहर निकाला और दीदी का स्कर्ट थोड़ा ऊपर करके अपना लंड उनकी पेंटी पर लगा दिया.
और मेरा लंड दीदी की गांड की दरार में घुस गया.
अब दीदी को मेरा लंड पूरा मज़ा दे रहा था.
उनकी गांड इतनी नर्म थी कि जब मैं अपना लंड उनकी गांड पर दबाता तब उनके चूतड़ फैल जाते.
कुछ ही देर में दीदी की पेंटी चूत के पास में भीग चुकी थी. मेरे लंड और उनकी चूत को एक दूसरे के पानी का मज़ा मिलने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.