31-05-2022, 05:54 PM
मैंने सोचा कि आज कुछ भी हो जाये, मैं आज दीदी की पेंटी में अपना लंड का पानी ज़रूर लगाऊंगा.
तभी दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोली- इधर आकर देख … लगता है कि आज बारिश होगी.
मैं तुरंत उनके पीछे से खड़ा होकर आसमान देखने लगा.
मेरा लंड एकदम खड़ा था इसलिये सीधा उनकी गांड में जाकर घुस गया.
मैं एक बार तो डर गया कि दीदी गुस्सा ना हो जाये.
पर दीदी हंसी और बोली- तुम अब बड़े हो गये हो!
मैं समझ नहीं पाया.
मैंने जब दुबारा पूछा तो सिर्फ़ हंसी और कुछ नहीं बोली.
और फिर अपनी गांड मेरी तरफ और फैलाकर खड़ी हो गयी.
अब मेरा लंड उनकी चूत पर लग रहा था.
तभी दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोली- इधर आकर देख … लगता है कि आज बारिश होगी.
मैं तुरंत उनके पीछे से खड़ा होकर आसमान देखने लगा.
मेरा लंड एकदम खड़ा था इसलिये सीधा उनकी गांड में जाकर घुस गया.
मैं एक बार तो डर गया कि दीदी गुस्सा ना हो जाये.
पर दीदी हंसी और बोली- तुम अब बड़े हो गये हो!
मैं समझ नहीं पाया.
मैंने जब दुबारा पूछा तो सिर्फ़ हंसी और कुछ नहीं बोली.
और फिर अपनी गांड मेरी तरफ और फैलाकर खड़ी हो गयी.
अब मेरा लंड उनकी चूत पर लग रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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