31-05-2022, 05:53 PM
मेरी बहन अरुणिमा एक दिन घर के आँगन में नहा रही थी.
उसी टाइम मैं कॉलेज से घर आया.
माँ मार्केट गयी थी.
मैं अंदर गया तो मेरे होश उड़ गये.
मैंने देखा कि मेरी बहन अरुणिमा एकदम नंगी होकर नहा रही थी.
उसका चेहरा दूसरी तरफ था इसलिये वो मुझे नहीं देख सकी.
मैं तुरंत दूसरे कमरे में चला गया.
उस कमरे में बहुत अँधेरा रहता है.
मैं वहां खिड़की से नंगी बहन को नहाते हुये देखने लगा. उसकी गोरी चिकनी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने पहली बार अपनी सेक्सी जवान बहन की गांड देखी थी.
मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी अरुणिमा दीदी इतनी सुंदर होगी.
वासनावश मैं अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा.
तभी अरुणिमा दीदी सीधी होकर नहाने लगी.
उसकी बड़ी बड़ी चूची और चूत देखकर मेरे लंड से पानी निकलने लगा.
मैंने कभी भी अरुणिमा दीदी को चोदने का नहीं सोचा था लेकिन मैंने आज सोच लिया था कि मैं अरुणिमा दीदी के कामुक शरीर का मज़ा ज़रूर लूँगा.
मैंने अरुणिमा को पूरा वक्त नंगी नहाते देखा.
फिर उसने कपड़े पहन लिये और अरुणिमा करने के लिये मंदिर वाले कमरे में चली गयी.
फिर मैं भी धीरे से बाहर आकर वापस घर में आया.
फिर उसी दिन शाम को दीदी बालकनी में खड़ी थी.
मैं भी उसी समय जाकर खड़ा होकर दीदी से बात करने लगा.
हमारी बालकनी बहुत छोटी है, उसमें सिर्फ़ एक जना ही खड़ा हो सकता है.
दीदी आगे झुक कर खड़ी थी और मैं उनके पीछे खड़ा होकर बात कर रहा था.
मेरा पूरा ध्यान उनकी गांड पर ही था.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
तभी अनायास मेरा लंड उनकी गांड के बीच में अचानक लग गया.
मैं डर गया कि शायद दीदी समझ ना जाये.
लेकिन अरुणिमा दीदी को पता नहीं चल रहा था.
अब मैं अपना लंड उनकी गांड के बीच में जानबूझ कर दबाने लगा.
मेरा आधा लंड उनकी सलवार में घुस गया था लेकिन दीदी मुझसे बात करती जा रही थी.
अचानक दीदी ने और झुक कर अपनी टांगें और फैला दी.
और अब मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था.
अचानक मम्मी ने दीदी को आवाज़ दी और दीदी तुरंत मेरे लंड को धक्का देकर नीचे चली गयी.
आज मेरा लंड पहली बार किसी चूत के ऊपर रगड़ रहा था.
उसी टाइम मैं कॉलेज से घर आया.
माँ मार्केट गयी थी.
मैं अंदर गया तो मेरे होश उड़ गये.
मैंने देखा कि मेरी बहन अरुणिमा एकदम नंगी होकर नहा रही थी.
उसका चेहरा दूसरी तरफ था इसलिये वो मुझे नहीं देख सकी.
मैं तुरंत दूसरे कमरे में चला गया.
उस कमरे में बहुत अँधेरा रहता है.
मैं वहां खिड़की से नंगी बहन को नहाते हुये देखने लगा. उसकी गोरी चिकनी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने पहली बार अपनी सेक्सी जवान बहन की गांड देखी थी.
मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी अरुणिमा दीदी इतनी सुंदर होगी.
वासनावश मैं अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा.
तभी अरुणिमा दीदी सीधी होकर नहाने लगी.
उसकी बड़ी बड़ी चूची और चूत देखकर मेरे लंड से पानी निकलने लगा.
मैंने कभी भी अरुणिमा दीदी को चोदने का नहीं सोचा था लेकिन मैंने आज सोच लिया था कि मैं अरुणिमा दीदी के कामुक शरीर का मज़ा ज़रूर लूँगा.
मैंने अरुणिमा को पूरा वक्त नंगी नहाते देखा.
फिर उसने कपड़े पहन लिये और अरुणिमा करने के लिये मंदिर वाले कमरे में चली गयी.
फिर मैं भी धीरे से बाहर आकर वापस घर में आया.
फिर उसी दिन शाम को दीदी बालकनी में खड़ी थी.
मैं भी उसी समय जाकर खड़ा होकर दीदी से बात करने लगा.
हमारी बालकनी बहुत छोटी है, उसमें सिर्फ़ एक जना ही खड़ा हो सकता है.
दीदी आगे झुक कर खड़ी थी और मैं उनके पीछे खड़ा होकर बात कर रहा था.
मेरा पूरा ध्यान उनकी गांड पर ही था.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
तभी अनायास मेरा लंड उनकी गांड के बीच में अचानक लग गया.
मैं डर गया कि शायद दीदी समझ ना जाये.
लेकिन अरुणिमा दीदी को पता नहीं चल रहा था.
अब मैं अपना लंड उनकी गांड के बीच में जानबूझ कर दबाने लगा.
मेरा आधा लंड उनकी सलवार में घुस गया था लेकिन दीदी मुझसे बात करती जा रही थी.
अचानक दीदी ने और झुक कर अपनी टांगें और फैला दी.
और अब मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था.
अचानक मम्मी ने दीदी को आवाज़ दी और दीदी तुरंत मेरे लंड को धक्का देकर नीचे चली गयी.
आज मेरा लंड पहली बार किसी चूत के ऊपर रगड़ रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
