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Misc. Erotica मस्तराम की डायरी के पन्नों से........... ़
#7
अगले दिन, हेडमास्टर साहब अपने कमरे में आंचल के साथ कुछ सामान्य चर्चा करते हैं। हेड मास्टर साहब के डेस्क के दूसरी ओर एक कुर्सी पर बैठी आंचल और उसकी नीले रंग की कुर्ती जिस पर छोटे-छोटे सफेद रंग के गोलाकार डॉट्स डिजाइन किए गए हैं, हेड मास्टर के उबाऊ से कमरे में एक नई जान फूंकने का काम कर रही है।
॑मैडम आपका रिकॉर्ड तो वाकई में प्रशंसनीय है। 23 साल की उम्र में ही आप Children Wishing Well से जुड़ी और 2 सालों में ही आप एक प्रतिष्ठित पद पर पहुंच गई हैं, इस अभूतपूर्व सफलता के लिए आपको बधाई’’- हेड मास्टर ने अभिवादन करते हुए कहा।
“धन्यवाद सर, दरअसल बचपन से ही मुझे बच्चों से बहुत लगाव रहा है। बहुत दुख होता है जब पढ़ने लिखने की उम्र में आज देश के हजारों बच्चे काम करने को मजबूर हैं। यही तमन्ना है कि ये बच्चे कॉलेज में रह कर अपने जीवन को सही दिशा दे पाए। आज की ऐसी विषम परिस्थितियों से लड़ने के जुनून ने ही मुझे एक एनजीओ ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया लेकिन मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मैं शिक्षा विभाग, राजस्थान की मेंटोर के पद पर नियुक्त कर दी जाऊंगी। इस विद्यालय में जहां बच्चों की अनुपस्थिति शायद सर्वाधिक है इसलिए इस विद्यालय को एक चुनौती के रूप में मैंने स्वीकार करने के लिए चुना है।‘’-आंचल बोली।
“लेकिन यहां के बच्चों को कॉलेज तक खींच पाना आपके लिए आसान नहीं होगा क्योंकि ये बच्चे बड़े ही जिद्दी हैं और इनमें से कुछ तो ज्यादा ही शरारती हैं''- हेड मास्टर बोले।
“वह सब आप मुझ पर छोड़ दें। सर, मेरे पास अपनी कुछ योजनाएं हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि ये बच्चे अपने आप को कॉलेज में आने से रोक नहीं पाएंगे।‘’- आंचल ने विश्वास के साथ जवाब दिया।
“मुझे विश्वास है कि आप कर सकती हैं। बहरहाल आप के कार्यालय में साफ सफाई का काम खत्म हो गया है एवं आपके रहने के लिए सरकारी आदेशानुसार एक बंगले का इंतजाम भी कर लिया गया है।आपकी एवं आपके घर की देखभाल के लिए हमने कुछ पर्सनल स्टाफ को नियुक्त किया है। आज से आप औपचारिक रूप से अपना पद ग्रहण कर सकती हैं।‘’- हेड मास्टर ने कहा।
आंचल ने उन्हें धन्यवाद दिया।
आंचल का पद अन्य सभी शिक्षकों से उच्च है। इस कारण उसे विद्यालय में एक अलग चेंबर प्रदान किया गया है। वह सभी शिक्षकों को आदेश दे सकती हैं। इतना ही नहीं, आंचल को एक बंगला भी आवंटित किया गया है एवं उन्हें उनका निजी स्टाफ भी प्रदान किया गया है। उनका नौकर आत्माराम, उनका माली चुन्नी, उनका बावर्ची ओमप्रकाश, उनका ड्राइवर बागा एवं उनके बंगले के चौकीदार सोनू व मोनू। इन लोगों के रहने की व्यवस्था भी बंगले के बाहर एक बड़े से हॉल में डोर मेट्री के रूप में की गई है। इसका अर्थ यह है कि कि आंचल  घर में चौबीसों घंटे इन छह नीचे तबके के नौकरों से घिरी रहेंगी। आंचल का नौकर आत्माराम एक 14 साल का पतला एवं नाटा सा लड़का है। उसका माली चुन्नी 40 साल का अधेड़ आदमी है। वह बिहार से है। उसका चेहरा सांवला,  सिर से गंजा और बड़े पेट वाला आदमी है। वह अधिकतर नंगे पांव ही रहता है। उसका ड्राइवर बागा, जो कि 24 साल का है, बड़ा ही धूर्त आदमी है और गुटके एवं पान का बड़ा शौकीन है। उसका बावर्ची ओम प्रकाश जो कि पास के कस्बे से आया हुआ एक 28 साल का देहाती आदमी है। वह अपने बड़बोले बन के लिए बड़ा बदनाम है।
दोनों चौकीदार सोनू और मोनू दोनों जुड़वा भाई हैं और बड़े ही नादान और नासमझ से हैं। साथ ही, बड़े डरपोक भी हैं। बहुत कम बोलते हैं और आंचल के सामने बड़े सकपकाए हुए से रहते हैं। इसका मतलब आंचल की दिनभर की हर गतिविधि से कोई ना कोई आदमी जुड़ा ही रहता है। जब आंचल सुबह सुबह दौड़ लगाती है या जिम में पसीना बहाती है या योग करती है अथवा कोई अन्य शारीरिक अभ्यास करती है तो आत्माराम, उनका नौकर, अपने पास तौलिया, पानी की बोतल, प्रोटीन जैसे सामान लेकर आंचल के पास ही खड़ा रहता है। फिर आंचल जब नहाने के बाद नाश्ते के मेज पर बैठती है तब तक ओमप्रकाश उनके लिए लजीज नाश्ते का प्रबंध कर चुका होता है और नाश्ता करने के दौरान वह आंचल के एक तरफ खड़ा रहता है। फिर ड्राइवर बागा उन्हें कार पर कॉलेज छोड़ कर आता है, दोपहर के भोजन के समय वापस कॉलेज से लेकर आता है फिर वापस छोड़ता है और शाम को कॉलेज की छुट्टी होने पर उन्हें कार से वापस घर लेकर आता है। समय-समय पर किसी चीज की जरूरत होने पर मंडी से सामान लेकर आने की जिम्मेदारी भी बागा पर ही है। फिर शाम को आंचल सभी नौकरों के साथ मैदान में कुछ ना कुछ खेलकर समय व्यतीत करती। यूं समझो कि सभी नौकरों की बल्ले-बल्ले हुई पड़ी है क्योंकि आंचल जैसी खूबसूरत जवानी के मजे लेने के उन्हें कई अवसर मिलते। आंचल का व्यवहार भी अपने नौकरों के साथ काफी दोस्ताना भरा रहता है।
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RE: मस्तराम की डायरी के पन्नों से........... ़ - by Sitman - 28-05-2022, 05:10 PM



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