26-05-2022, 06:19 PM
उसकी प्यासी चूत लप-लप करते हुए मेरे लंड को रगड़ रही थी की मेरे लंड का मोटा सुपाडा उसकी चूत में घुस गया. उसके मुंह से सिसकी निकल गई ,तभी अचानक उसने खुद को अलग कर लिया और बोलने लगी-भाई ये ठीक नहीं है ये तो पाप हो जाएगा. वासना के कारण हमदोनो भटक से गए थे. नव्या नायर का चेहरा शर्म से लाल हो गया था ,उसने अपना मुंह हथेलियों से छुपा रखा था की तभी उसने अपनी उँगलियों के बीच से मुझे देखते हुए मुस्कुरा दी. मैंने सर झुकाते हुए कहा-सोरी दीदी,पता नहीं मुझे क्या हो गया था. उसने मेरी छाती पर सर रखते हुए कहा-भाई सोरी तो मुझे कहना चाहिए.
मैंने उसके माथे पर चुम्मा लेते हुए सोरी कहा और बाहर चला गया.
शाम को जीजाजी घर आये,खाना -वाना खाया और फिर नाईट शिफ्ट पर काम के लिए निकल गए. रात हो गई थी मैं सोने अपने कमरे में जा चूका था,पर नींद नहीं आ रही थी ,रह-रह के मेरी बहन नव्या नायर का सेक्सी जिस्म मुझे याद आने लगा था ,मेरा लंड खड़ा होकर अपने साइज़ में आ गया था,मैं नव्या नायर की चूत के लिए मचल उठा और अपने लंड को हाथों से दबा दिया की तभी मेरे कमरे का दरवाज़ा खुला और सामने मेरी बहन नव्या नायर खड़ी थी.
वो मेरे हाथों में लंड देख कर वापस जाने लगी,फिर रुक कर उसने मेरे लंड की तरफ देखा,मुझे लगा की उसे मेरे लाल सुपाडे ने उसको बाँध लिया था. मैंने चादर ओढ़ते हुए कहा-क्या हुआ दीदी. उसने कहा-कुछ नहीं,आज तेज बारिश हो रही है और मुझे अकेले में डर लग रहा है. उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पर ही अटकी हुई थी. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए कहा-पलंग तो छोटा है पर आ जाओ,यहीं मेरे साथ सो जाओ और मैं चादर हटा कर एक तरफ हो गया.
मैंने उसके माथे पर चुम्मा लेते हुए सोरी कहा और बाहर चला गया.
शाम को जीजाजी घर आये,खाना -वाना खाया और फिर नाईट शिफ्ट पर काम के लिए निकल गए. रात हो गई थी मैं सोने अपने कमरे में जा चूका था,पर नींद नहीं आ रही थी ,रह-रह के मेरी बहन नव्या नायर का सेक्सी जिस्म मुझे याद आने लगा था ,मेरा लंड खड़ा होकर अपने साइज़ में आ गया था,मैं नव्या नायर की चूत के लिए मचल उठा और अपने लंड को हाथों से दबा दिया की तभी मेरे कमरे का दरवाज़ा खुला और सामने मेरी बहन नव्या नायर खड़ी थी.
वो मेरे हाथों में लंड देख कर वापस जाने लगी,फिर रुक कर उसने मेरे लंड की तरफ देखा,मुझे लगा की उसे मेरे लाल सुपाडे ने उसको बाँध लिया था. मैंने चादर ओढ़ते हुए कहा-क्या हुआ दीदी. उसने कहा-कुछ नहीं,आज तेज बारिश हो रही है और मुझे अकेले में डर लग रहा है. उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पर ही अटकी हुई थी. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए कहा-पलंग तो छोटा है पर आ जाओ,यहीं मेरे साथ सो जाओ और मैं चादर हटा कर एक तरफ हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.