26-05-2022, 05:46 PM
शादी के बाद दीदी की चूंचियां बड़ी हो गई है,बदन और गदरा गया है,चेहरे में चमक आ गई है,उसके चुतड भर कर गोल मटोल हो गए हैं जो कमर के नीचे मटकी की तरह लगती है. कुल मिला कर वो एक गदराई हुए आंटी की तरह मस्त और सेक्सी हो गई है. जब वो चलती है तो उसके चुतड ऐसे हिलते हैं की लंड तन कर खड़ा हो जाता है. जब वो झुकती है तो उसकी मस्त-मस्त चुंचियां दिखाई देती है तो मन करता है की बस पकड़ कर मसल डालूं लेकिन मन को दबा कर रह जाता हूँ क्योकि वो मेरी बहन लगती है. कभी-कभी तो चूत को याद कर के मुठ मारे बिना चैन नहीं आता है. एक दिन मैंने उससे यूँ ही मजाक में पूछ लिया-दीदी मुझे मामा कब बनाओगी.
वो बोली- अभी तो मेरे खेलने-खाने के दिन हैं.
उसने खाने शब्द पर जोर देकर कहा था और खिल-खिला कर हंस पड़ी. मैंने कहा- अच्छा दीदी क्या खाती हो. उसने मुझे तिरछी नज़रों से देखते हुए कहा- दीदी से ऐसे थोड़े ही पूछते हैं ,अभी तो हमलोग फॅमिली-प्लानिंग का सोच रहे हैं. मैंने अनजान बनते हुये पूछा-फ़ेमिली प्लानिंग क्या होता है दीदी. इस में जरुरत के हिसाब से बच्चा पैदा करते हैं और ये पिल्स,कण्डोमसे कण्ट्रोल होता है ,मैं तो पिल्स यूज करती हूँ और फिर मस्त चुद. दीदी ने चुदाई अधुरा छोड़ दिया,मेरा तो लंड खड़ा हो गया,मुझे लग रहा था दीदी मुझे लाइन दे रही है.
वो बोली- अभी तो मेरे खेलने-खाने के दिन हैं.
उसने खाने शब्द पर जोर देकर कहा था और खिल-खिला कर हंस पड़ी. मैंने कहा- अच्छा दीदी क्या खाती हो. उसने मुझे तिरछी नज़रों से देखते हुए कहा- दीदी से ऐसे थोड़े ही पूछते हैं ,अभी तो हमलोग फॅमिली-प्लानिंग का सोच रहे हैं. मैंने अनजान बनते हुये पूछा-फ़ेमिली प्लानिंग क्या होता है दीदी. इस में जरुरत के हिसाब से बच्चा पैदा करते हैं और ये पिल्स,कण्डोमसे कण्ट्रोल होता है ,मैं तो पिल्स यूज करती हूँ और फिर मस्त चुद. दीदी ने चुदाई अधुरा छोड़ दिया,मेरा तो लंड खड़ा हो गया,मुझे लग रहा था दीदी मुझे लाइन दे रही है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
