Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 1 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest ठंड में भाई का लन्ड
#5
आंधी तेज चल रही थी ठंड के मौसम में लंड का एहसास ,,आअह्ह्ह्ह्ह, मेरा शरीर गरम हो चुका था, मैं अजय का लंड मेरे भोसड़े में लेने के लिए काफी व्याकुल थी।

मैं चुदना चाह रही थी, तभी अजय ने मेरे ऊपर के गीले कपडो को उतार दिया, ओर मेरे बड़े बड़े चूचे उसके सामने जैसे ही आजाद हुए वो बच्चो की तरह पिने लगा।

मैंने पूछा अजय क्या मिल रहा है इसमें, इसमें से तो कुछ भी नहीं निकलेगा, अजय ने कहा दीदी जब लड़की की चूची को पियों को अमृत दूध से नहीं बूर से निकलने लगती है देखो हाथ लगा के अपनी चूत पे अमृत निकल रहा होगा।

मैंने अपने सलवार का नाड़ा ढीला किया और चूत पे हाथ लगा के देखा तो चूत गरम हो चुकी थी और लस लसीला पदार्थ निकल रहा था, मैंने कहा हाँ अजय सही कर रहे हो चूत से तो अमृत निकल रहा है पर तुम ऊपर क्या कर रहे हो पीना है तो अमृत पियो।

वो चूची को छोड़कर निचे बैठ गया और मैंने दोनों पैर फैला दिए बीच में आके मेरी चूत को चाटने लगा, मैं बैचेन होने लगी, मैं उसके बाल को पकड़ के उसका मुँह भोसड़े में सटाये जा रही थी, मैंने कहा बस अजय अब चोद दो मुझे।

पूरी कर लो अपनी हसरत, मैं तुम्हारी हूँ आज रात के लिए, जो मर्ज़ी कर लो मेरे साथ मैं तुम्हारी हूँ, डिअर, आई लव यू माय ब्रदर, उसने मुझे गोद में उठा लिया।

और पलंग पे लिटा दिया, मेरे भोसड़े में खुजली हो रही थी, लग रहा था, जल्दी से लोड़ा, भोसड़े में ले लू, तभी अजय मेरे पैर के पास बैठ गया मेरे दोनों पैर को फैला दिया और अपना लौड़ा, भोसड़े के ऊपर से गांड के छेद तक रगड़ा।

ऐसा उसने चार पांच बार किया मैं तो उसकी लंड की रगड़न से काफी परेशान हो रही थी, मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अज्जु मजा लेने में लगा हूँआ था। अचानक उसने पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया।आआआआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह।

बाहर निकाल इसको भोसडी के तेरी माँ को चोदु मादरचोद आआआअह्हह्हह्ह….मैं दर्द से कराह रही थी, उसका लंड मेरी चूत में सेट हो चुका था, मेरी आँख में आंसू आ गए थे क्यों
की ये मेरी पहली चुदाई थी।

उसने लण्ड को धीरे धीरे निकाला और फिर से एक झटका दिया, मैं तो पहले समझ रही थी उसका लंड पूरा चला गया पर मैं गलत थी उसका लंड आधा ही अंदर गया था, अब दो इंच और गया तीसरे झटके में पूरा लंड मेरी चूत से होते हूँए पेट तक जा रहा था।

दर्द का एहसास हो रहा था पर ये एहसास अच्छा था, फिर वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा, मैंने भी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, कमरे में सिर्फ ऊऊऊऊआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्..ठोक भेनचोद अपनी बहन को ले रंडी आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाके छोडूंगा.. तेज कर बहन के लोडे, जैसी आवाजे आ रही थी।

और कुछ अंतिम झटके मेरी चमचम चूत में उसका पानी निकलने के साथ लगे। फिर कई तरह से मुझे पूरी रात उछाल उछाल कर चोदा। मैंने पूछा तुम्हें इतने सारे पोज कैसे आते हैं, तो वो बोला हमलोग एडल्ट मूवी देखते है इसलिए मुझे पता है चुदाई का पोजीशन क्या होना चाहिए।

रात भर चोदने के बाद मेरा भोसड़ा सूज गया था दर्द के मारे चला नहीं जा रहा था सुबह के करीब चार बजे अजय वापस अपने बंगले में सोने चला गया और मैं भी सो गयी, उस रात का
चुदाई का एहसास गजब का था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: ठंड में भाई का लन्ड - by neerathemall - 26-05-2022, 05:27 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)