26-05-2022, 05:21 PM
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही कोई भी नादानी हो ही जाती है और कुछ वैसी ही एक नादानी बचपन में अपने चचेरे भाई के साथ चुदाई होने से हो गई थी..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)