26-05-2022, 03:33 PM
(This post was last modified: 15-08-2022, 11:42 AM by neerathemall. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
ज अच्छे से अपने दिल की कर लेना. मुझे कहा जाना हैं.
शाम को उसकी मम्मी बाजार चली गयी. उनको कुछ सामान लाना था. वो दो तीन घंटे बाद आने वाली थी. हमारे पास में यही मौका था.
हम दोनो घर मे अकेले थे. दीपशिखा ने दरवाजा बंद कर दिया. उसके दरवाजा बंद करते ही मैंने किस करना स्टार्ट कर दिया. दीपशिखा ने बोला कि रुको मेरे राजा, अपने पास 3 घंटे का टाइम है. मैने बोला कि अब रहा नही जाता मेरी जान.
मैं उसे किस करते हुए बिस्तर तक ले गया. फिर उसे बिस्तर पे लिटा दिया. उसने सलवार और सूट पहन था. मैंने उसका सलवार और सूट उतार दिया. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. मैं उसके होंठो को किस कर रहा था. एक हाथ से उसके चुचे दबा रहा था.
मैं उसकी गर्दन पे किस करते हुए उसके चुचो को ब्रा से बाहर निकालने लगा. मैने उसकी ब्रा खोल दी. उसके 32 के चुचे आज़ाद हो गए. दीपशिखा शर्मा गयी.
उसने दोनो हाथो से अपने चुचो को छिपा लिया. मैने प्यार से उसके होंठो पे किस किया और उसके हाथो को हटा दिया. उसके एक हाथ को अपने लोड़ा पे रख दिया. दीपशिखा मेरे लोड़ा को पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी.
मैं उसके चुचो को मुँह में लेकर पीने लगा. दीपशिखा की सिसकारी निकलने लगी. वो आह आह करने लगी .वो कहने लगी कि मेरे चुचो का सारा रस पी जाओ.
मैं एक हाथ से उसके चुचे दबा रहा था और एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से चूत सहला रहा था. परम सुंदरी की तरह वो उछल उछल कर मुझसे चुदने की कामना कर रही थी
उसकी चूत से पानी निकल रहा था. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. उसके मुंह से सिसकारी निकल रही थी.
वो बोलने लगी कि अब मत तड़पाओ मेरे राजा. अब रहा नही जाता. जल्दी से अपना लोड़ा मेरी चूत में डाल दो.
अब मैने उसकी पैंटी भी निकाल दी और उसकी गीली चूत पे अपने होंठ रख दिये. वो तड़प उठी. मैं उसकी चूत चाटने लगा. फिर वो कहने लगी कि इसे खा जाओ मेरे राजा.
अपनी जीभ को मैं उसकी चूत में डालने लगा.
वो पागल होने लगी.
मैं उसकी चूत में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा. उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी.
वो बोली कि अब मेरा माल निकलने वाला है. उसके पाँव कांपने लगे और उसका पानी निकल गया. मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया. उसकी चूत के पानी थोड़ा नमकीन था.
उसके बाद मैं ऊपर आ गया और दीपशिखा को बोला कि मेरा लोड़ा चूसे. उसने मना कर दिया. मैने उसके मुंह मे एक उंगली डाली और बोला कि ऐसा ही टेस्ट होता है लोड़ा का.
फिर उसने मेरे पैंट को निकाल दिया. उसने मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया. मैंने अपनी टीशर्ट भी निकाल दिया. अब हम दोनों नंगे हो गए. उसने मेरे 6 इंच लंबे लोड़ा को मुँह में डाला और उसे चूसने लगी. ये उसका पहली बार था.
उसे ढंग से लोड़ा चूसना नही आता था. फिर मैंने उसे बिस्तर पे लिटा दिया और उसकी चूत पे अपना लोड़ा घूमाने लगा. वो तड़पने लगी और कहने लगी कि राम अब मत तड़पाओ. मेरी चूत में अपना लोड़ा डाल दो.
मैं उसे और तड़पाना चाहता था. अब दीपशिखा से रह नही जा रहा था. वो अपनी गांड उचका के लोड़ा को टच कर रही थी.
मैंने उससे पूछा कि क्या उसने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
उसने ना में सिर हिलाया. मैंने उससे कहा कि पहली बार में थोड़ा सा दर्द होता है.
उसके बाद मैने उसके होंठो पे अपने होंठ रख दिये.
शाम को उसकी मम्मी बाजार चली गयी. उनको कुछ सामान लाना था. वो दो तीन घंटे बाद आने वाली थी. हमारे पास में यही मौका था.
हम दोनो घर मे अकेले थे. दीपशिखा ने दरवाजा बंद कर दिया. उसके दरवाजा बंद करते ही मैंने किस करना स्टार्ट कर दिया. दीपशिखा ने बोला कि रुको मेरे राजा, अपने पास 3 घंटे का टाइम है. मैने बोला कि अब रहा नही जाता मेरी जान.
मैं उसे किस करते हुए बिस्तर तक ले गया. फिर उसे बिस्तर पे लिटा दिया. उसने सलवार और सूट पहन था. मैंने उसका सलवार और सूट उतार दिया. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. मैं उसके होंठो को किस कर रहा था. एक हाथ से उसके चुचे दबा रहा था.
मैं उसकी गर्दन पे किस करते हुए उसके चुचो को ब्रा से बाहर निकालने लगा. मैने उसकी ब्रा खोल दी. उसके 32 के चुचे आज़ाद हो गए. दीपशिखा शर्मा गयी.
उसने दोनो हाथो से अपने चुचो को छिपा लिया. मैने प्यार से उसके होंठो पे किस किया और उसके हाथो को हटा दिया. उसके एक हाथ को अपने लोड़ा पे रख दिया. दीपशिखा मेरे लोड़ा को पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी.
मैं उसके चुचो को मुँह में लेकर पीने लगा. दीपशिखा की सिसकारी निकलने लगी. वो आह आह करने लगी .वो कहने लगी कि मेरे चुचो का सारा रस पी जाओ.
मैं एक हाथ से उसके चुचे दबा रहा था और एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से चूत सहला रहा था. परम सुंदरी की तरह वो उछल उछल कर मुझसे चुदने की कामना कर रही थी
उसकी चूत से पानी निकल रहा था. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. उसके मुंह से सिसकारी निकल रही थी.
वो बोलने लगी कि अब मत तड़पाओ मेरे राजा. अब रहा नही जाता. जल्दी से अपना लोड़ा मेरी चूत में डाल दो.
अब मैने उसकी पैंटी भी निकाल दी और उसकी गीली चूत पे अपने होंठ रख दिये. वो तड़प उठी. मैं उसकी चूत चाटने लगा. फिर वो कहने लगी कि इसे खा जाओ मेरे राजा.
अपनी जीभ को मैं उसकी चूत में डालने लगा.
वो पागल होने लगी.
मैं उसकी चूत में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा. उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी.
वो बोली कि अब मेरा माल निकलने वाला है. उसके पाँव कांपने लगे और उसका पानी निकल गया. मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया. उसकी चूत के पानी थोड़ा नमकीन था.
उसके बाद मैं ऊपर आ गया और दीपशिखा को बोला कि मेरा लोड़ा चूसे. उसने मना कर दिया. मैने उसके मुंह मे एक उंगली डाली और बोला कि ऐसा ही टेस्ट होता है लोड़ा का.
फिर उसने मेरे पैंट को निकाल दिया. उसने मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया. मैंने अपनी टीशर्ट भी निकाल दिया. अब हम दोनों नंगे हो गए. उसने मेरे 6 इंच लंबे लोड़ा को मुँह में डाला और उसे चूसने लगी. ये उसका पहली बार था.
उसे ढंग से लोड़ा चूसना नही आता था. फिर मैंने उसे बिस्तर पे लिटा दिया और उसकी चूत पे अपना लोड़ा घूमाने लगा. वो तड़पने लगी और कहने लगी कि राम अब मत तड़पाओ. मेरी चूत में अपना लोड़ा डाल दो.
मैं उसे और तड़पाना चाहता था. अब दीपशिखा से रह नही जा रहा था. वो अपनी गांड उचका के लोड़ा को टच कर रही थी.
मैंने उससे पूछा कि क्या उसने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
उसने ना में सिर हिलाया. मैंने उससे कहा कि पहली बार में थोड़ा सा दर्द होता है.
उसके बाद मैने उसके होंठो पे अपने होंठ रख दिये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.