26-05-2022, 01:38 PM
(This post was last modified: 26-05-2022, 01:38 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
एक रविवार के दिन मैं जब बाहर अपने काम से गया था और घर से सब लोग मौसी के यहाँ एक छोटे से फंक्शन में गए हुए थे, उनका रात नौ बजे तक आने का प्रोग्राम था, मेरा भी इसी समय के आस पास आने का था पर मेरा काम जल्दी खत्म हो गया और मैं सात बजे अपने घर पहुँच गया.
घर पहुँच कर याद आया कि सब लोग मौसी के यहाँ गए हुए हैं. मैंने दी के यहाँ टाइम पास करने का सोचा और उनके घर की बेल बजाई.
उन्होंने आकर दरवाजा खोला और बोलीं- क्या हुआ? घर पर ताला क्यों लगा है?
मैंने उन्हें सारी बात बताई तो वह बोलीं- ठीक है, तुम ऊपर आ जाओ, जब वो आ जाएँ तो चले जाना!
मैं जैसे उनके यहाँ जाता था, वैसे ही उनके यहाँ जाकर सोफे पर बैठ गया. सोफे के बराबर में ही एक सिंगल बेड बिछा हुआ था जिस पर वो भी बैठ गईं.
फिर हम लोग बातें करने लगे, उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी.
बातें करते करते वो आलती पालथी मार कर बैठ गई तो मेरी नजर उनके पैरों की तरफ चली गई और मुझे उनकी चूत की हल्की सी झलक दिखलाई दी क्योंकि उन्होंने नीचे पेंटी नहीं पहन रखी थी.
और मेरी नजर वहीं रुक गई.
वो समझ गई कि मैं क्या देख रहा हूँ.
तो वो बोली- ये क्या हो रहा है?
मैं बिना सोचे बोल गया- अच्छी है!
सुनते ही वो बोली- बीवी की अच्छी नहीं है क्या?
मैं बोला- चाटने नहीं देती!
इसके बाद हमारी बातचीत कुछ इस प्रकार हुई:
मैं उनके इस तरीके से पूछने पर हिम्मत करके बोला- मेरी चाटने की इच्छा को वो ज्यादातर मना कर देती है… क्या मैं अपनी इच्छा इस समय पूरी कर सकता हूँ?
तो वो बोली- शर्म नहीं आती मुझसे इस तरह से बात करते हुए?
मैं बोला- आती है… पर आपने भी तो एक भी बार कोशिश नहीं की ढकने की!
और अपनी जीभ बाहर निकाल कर बोला- देखो ना, कैसे तड़प रही है वहां पर लगने के लिए!
और अपने हाथ को उनकी जाँघों पर रख दिया.
घर पहुँच कर याद आया कि सब लोग मौसी के यहाँ गए हुए हैं. मैंने दी के यहाँ टाइम पास करने का सोचा और उनके घर की बेल बजाई.
उन्होंने आकर दरवाजा खोला और बोलीं- क्या हुआ? घर पर ताला क्यों लगा है?
मैंने उन्हें सारी बात बताई तो वह बोलीं- ठीक है, तुम ऊपर आ जाओ, जब वो आ जाएँ तो चले जाना!
मैं जैसे उनके यहाँ जाता था, वैसे ही उनके यहाँ जाकर सोफे पर बैठ गया. सोफे के बराबर में ही एक सिंगल बेड बिछा हुआ था जिस पर वो भी बैठ गईं.
फिर हम लोग बातें करने लगे, उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी.
बातें करते करते वो आलती पालथी मार कर बैठ गई तो मेरी नजर उनके पैरों की तरफ चली गई और मुझे उनकी चूत की हल्की सी झलक दिखलाई दी क्योंकि उन्होंने नीचे पेंटी नहीं पहन रखी थी.
और मेरी नजर वहीं रुक गई.
वो समझ गई कि मैं क्या देख रहा हूँ.
तो वो बोली- ये क्या हो रहा है?
मैं बिना सोचे बोल गया- अच्छी है!
सुनते ही वो बोली- बीवी की अच्छी नहीं है क्या?
मैं बोला- चाटने नहीं देती!
इसके बाद हमारी बातचीत कुछ इस प्रकार हुई:
मैं उनके इस तरीके से पूछने पर हिम्मत करके बोला- मेरी चाटने की इच्छा को वो ज्यादातर मना कर देती है… क्या मैं अपनी इच्छा इस समय पूरी कर सकता हूँ?
तो वो बोली- शर्म नहीं आती मुझसे इस तरह से बात करते हुए?
मैं बोला- आती है… पर आपने भी तो एक भी बार कोशिश नहीं की ढकने की!
और अपनी जीभ बाहर निकाल कर बोला- देखो ना, कैसे तड़प रही है वहां पर लगने के लिए!
और अपने हाथ को उनकी जाँघों पर रख दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
