26-05-2022, 12:35 PM
एक बार भाभी अपने कमरे में थी और भैया भी थे, और वो दोनों चुदाई कर मै उनके कमरे में चली गयी, उनको चुदाई करते देख मै अपने कमरे में वापस लौट आई। उनको चुदाई करते देख मेरा भी मन बन रहा था, मैने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया और अपने बैग से सबसे मोटा पेन निकाला और अपनी चूत में डालने लगी। मै मदहोश हो रही थी, और अपनी चूत के दाने को मसलते हुए पेन को अपनी चूत में डाल रही थी। और मेरे मन में किसी मोटे लंड से चुदने की बात चल रही थी। मैंने सोचा अब बहुत हुआ मुझे किसी ना किसी से तो चुदना ही होगा, कब तक अपने से चूत को चोदूंगी। मैने सोच लिया था की कोई तो होगा जो मुझसे प्यार करे और साथ में मेरी चुदाई करे। बहुत देर तक चूत में पेन डालने से मेरी गीली हो गई। जिससे मुझे अच्छा लग रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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