26-05-2022, 12:08 PM
थोड़ी देर बाद दीदी ने कहा- अब मेरे भाई मुझे.. चोद दो.. अब रहा नहीं जाता।
फिर क्या था.. मैंने अपना लंड दीदी की बुर के मुँह पर रखा.. और एक ज़ोर का झटका दिया.. तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में अन्दर घुस गया और दीदी के मुँह से ‘आआ..आआआअ’ निकल गई।
फिर क्या था.. मैंने अपना लंड दीदी की बुर के मुँह पर रखा.. और एक ज़ोर का झटका दिया.. तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में अन्दर घुस गया और दीदी के मुँह से ‘आआ..आआआअ’ निकल गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
