26-05-2022, 12:05 PM
एक बार मम्मी और पापा को शादी में शहर से बाहर 5 दिन के लिए जाना पड़ा.. तो मैंने सोचा आज दीदी से पूछूँगा कि वे कौन से दूध की खीर बनाती हैं।
रात को जब हम लोग खाने बैठे.. तो मैंने पूछ लिया- दीदी आप कौन से दूध से खीर बनाती हैं।
तो दीदी मुस्कराने लगीं और कहा- आज रात को मेरे पास आ जाना.. बता दूँगी।मैं रात को 11 बजे उनके पास गया.. तो दीदी ने मुस्कुरा कर कहा- आ गए..
मैंने कहा- हाँ..
तब दीदी ने कहा- सोचो.. तुम कौन से दूध की खीर खाते हो?
मैंने कहा- मुझे क्या पता।
तो दीदी ने कहा- बनो मत.. मैंने तुम्हें देख लिया है.. मेरा दूध निकालते हुए तुम मुझे देखते हो।
मैं चुप रहा.. तो दीदी बोली- अरे पगले इसमें शरमाने की क्या बात है।
इतना कह कर दीदी ने अपनी चूची बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दी और कहा- इसी के दूध की खीर खाते हो।
मैंने देखा कि क्या बड़ी मस्त चूची है.. और मैंने उसकी चूची की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने खुद मेरा हाथ लेकर अपने मम्मे पर रख दिया।
उनके मस्त मम्मे को मेरे थोड़ा सा दबाते ही उसमें से दूध की फुहार निकल पड़ी।
तो दीदी ने कहा- इसको बर्बाद नहीं करते हैं.. चलो जल्दी से इसे चूसो..
मैं चूसने लगा..
रात को जब हम लोग खाने बैठे.. तो मैंने पूछ लिया- दीदी आप कौन से दूध से खीर बनाती हैं।
तो दीदी मुस्कराने लगीं और कहा- आज रात को मेरे पास आ जाना.. बता दूँगी।मैं रात को 11 बजे उनके पास गया.. तो दीदी ने मुस्कुरा कर कहा- आ गए..
मैंने कहा- हाँ..
तब दीदी ने कहा- सोचो.. तुम कौन से दूध की खीर खाते हो?
मैंने कहा- मुझे क्या पता।
तो दीदी ने कहा- बनो मत.. मैंने तुम्हें देख लिया है.. मेरा दूध निकालते हुए तुम मुझे देखते हो।
मैं चुप रहा.. तो दीदी बोली- अरे पगले इसमें शरमाने की क्या बात है।
इतना कह कर दीदी ने अपनी चूची बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दी और कहा- इसी के दूध की खीर खाते हो।
मैंने देखा कि क्या बड़ी मस्त चूची है.. और मैंने उसकी चूची की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने खुद मेरा हाथ लेकर अपने मम्मे पर रख दिया।
उनके मस्त मम्मे को मेरे थोड़ा सा दबाते ही उसमें से दूध की फुहार निकल पड़ी।
तो दीदी ने कहा- इसको बर्बाद नहीं करते हैं.. चलो जल्दी से इसे चूसो..
मैं चूसने लगा..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
