26-05-2022, 11:30 AM
(This post was last modified: 26-05-2022, 11:38 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
:shy: :shy: :shy:में बहुत डर गया और फिर मैंने दीदी से माफी माँगी और कहा कि में फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा, प्लीज मुझे माफ़ कर दो, प्लीज यह बात किसी को मत बताना वर्ना मेरी बहुत पिटाई होगी. फिर मेरे बहुत समझाने पर दीदी मान गई और फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि यह बताओ तुमने मुझे पेशाब करते हुए कितनी बार देखा है? तो मैंने कहा कि सिर्फ चार बार और फिर वो बहुत गुस्से में वहां से चली गई और उन्होंने दो दिन तक मुझसे बात नहीं की. फिर चाची ने एक दिन कहा कि क्या बात है तुम दोनों का कोई झगड़ा हुआ है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं एसी कोई बात नहीं है, बस ऐसे ही थोड़ा सा.
उसके अगले दिन दीदी मुझसे बोली कि आज हमे आँगन की सफाई करनी है तो तुम मेरे साथ मेरी मदद करना, मैंने कहा कि ठीक है और मैंने उनकी सफाई में पूरी पूरी मदद की और फिर दो दिन बाद हम सब खाना ख़ाकर बैठे हुए थे और उस समय रात के करीब 9 बजे थे कि तभी अचानक से लाईट चली गई तो चाची ने मोमबत्ती जलाई और हम फिर आँगन में आ गये. अब चाचा सोने चले गये और चाची को भी नींद आ रही थी. तभी दीदी ने कहा कि रेहान मेरे साथ आना.
फिर उन्होंने मुझे एक मोमबत्ती दे दी और मुझसे कहा कि चलो, वो मुझे बाथरूम के पास ले गई और कहा कि तुम यहीं पर रूको मुझे बाथरूम जाना है और फिर वो मुझसे मोमबत्ती लेकर बाथरूम के अंदर चली गई और जैसे ही दीदी दरवाजे को अंदर से बंद करने लगी तो मैंने उनसे कहा कि दीदी यहाँ पर बहुत अंधेरा है और मुझे अँधेरे में डर लगता है, प्लीज तुम दरवाज़ा बंद मत करो. तो दीदी फिर गुस्सा हो गई और कहा कि तुझे शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए, में तेरी बहन हूँ? और में यहाँ पर तेरे सामने पेशाब करूं? फिर मैंने कहा कि तो क्या हुआ दीदी मैंने तो इससे पहले भी कई बार आपको पेशाब करते हुए देखा है ना? तो वो बोली कि चुप बेशर्म कहीं का, लेकिन मैंने फिर भी उनसे आग्रह किया और कहा कि में वहां पर नहीं देखूंगा, लेकिन आप दरवाजा बंद ना करे.
उसके अगले दिन दीदी मुझसे बोली कि आज हमे आँगन की सफाई करनी है तो तुम मेरे साथ मेरी मदद करना, मैंने कहा कि ठीक है और मैंने उनकी सफाई में पूरी पूरी मदद की और फिर दो दिन बाद हम सब खाना ख़ाकर बैठे हुए थे और उस समय रात के करीब 9 बजे थे कि तभी अचानक से लाईट चली गई तो चाची ने मोमबत्ती जलाई और हम फिर आँगन में आ गये. अब चाचा सोने चले गये और चाची को भी नींद आ रही थी. तभी दीदी ने कहा कि रेहान मेरे साथ आना.
फिर उन्होंने मुझे एक मोमबत्ती दे दी और मुझसे कहा कि चलो, वो मुझे बाथरूम के पास ले गई और कहा कि तुम यहीं पर रूको मुझे बाथरूम जाना है और फिर वो मुझसे मोमबत्ती लेकर बाथरूम के अंदर चली गई और जैसे ही दीदी दरवाजे को अंदर से बंद करने लगी तो मैंने उनसे कहा कि दीदी यहाँ पर बहुत अंधेरा है और मुझे अँधेरे में डर लगता है, प्लीज तुम दरवाज़ा बंद मत करो. तो दीदी फिर गुस्सा हो गई और कहा कि तुझे शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए, में तेरी बहन हूँ? और में यहाँ पर तेरे सामने पेशाब करूं? फिर मैंने कहा कि तो क्या हुआ दीदी मैंने तो इससे पहले भी कई बार आपको पेशाब करते हुए देखा है ना? तो वो बोली कि चुप बेशर्म कहीं का, लेकिन मैंने फिर भी उनसे आग्रह किया और कहा कि में वहां पर नहीं देखूंगा, लेकिन आप दरवाजा बंद ना करे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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