26-05-2022, 11:30 AM
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(26-05-2022, 11:28 AM)neerathemall Wrote:दीदी की चूत का जलवा
मेरी चचेरी बहन जो मुझसे से उम्र में तीन साल बड़ी है उसकी है और सबसे पहले में उसका और अपना परिचय आप सभी से करवा देता हूँ. मेरी उम्र अभी 25 साल है और में दुबई में एक बहुत बड़ी कम्पनी में काम करता हूँ और मेरी बहन जिसका नाम नाज़िया है वो अभी 28 साल की और उसकी शादी हो चुकी है.
नाज़िया बहुत ही सुंदर गोरे रंग की और शुरू से बहुत हॉट, सेक्सी लड़की है और यह बात कुछ साल पुरानी है जब में 20 साल का था और वो 23 साल की थी. तब मेरे कॉलेज की छुट्टियों में मेरे चाचा जी गावं से मुझे लेने आते थे और में उनके साथ चला जाता था. मेरे चाचा जी गावं के एक पोस्ट ऑफिस में काम किया करते थे और चाची जी घर का काम करती थी. उनकी यह एक ही बेटी थी जिसका नाम नाज़िया था.
फिर एक बार में और नाज़िया दीदी बाहर आँगन में बैठे हुए कुछ बातें कर रहे थे कि तभी अचानक दीदी ने मुझसे कहा कि तुम दस मिनट इंतजार करो और में अभी आती हूँ. मैंने पूछा कि आप कहाँ जा रही हो? तो वो हंसकर बोली कि में बाथरूम जा रही हूँ और यह बात सुनकर मुझे कुछ कुछ होने लगा और में भी धीरे से उनके पीछे पीछे चला गया. वो बाथरूम के अंदर चली गयी और में बाहर धीरे से वहां पर जाकर रुक गया. तभी मेरी नज़र नीचे दरवाजे पर गई जहाँ पर थोड़ी सी खुली जगह थी और मैंने वहां से अंदर देखा तो में एकदम चकित होकर देखता ही रह गया, क्योंकि दीदी नीचे बैठकर पेशाब कर रही थी और उनकी वो गोरी गोरी चूत और हल्के हल्के बाल में तो एकदम दीवाना ही हो गया था, क्योंकि मैंने ऐसी गुलाबी चूत पहले कभी नहीं देखी थी.
फिर दीदी ने पानी से अपनी चूत को धोया और उठने लगी तभी में वहां से भाग आया और फिर चुपचाप अपनी जगह पर बैठ गया. फिर तो बस में रोज़ ही इस बात का इंतज़ार करता कि दीदी कब बाथरूम जाएगी और में उनकी नंगी सुंदर चूत को देखूंगा? फिर मुझे कम से कम चार से पांच बार फिर से ऐसा ही मौका मिला और मैंने दीदी की चूत को जी भरकर देखा.
एक दिन में कुछ सामान लेने बाहर मार्केट गया हुआ था और जब में सामान लेकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची सो रही है, लेकिन मुझे नाज़िया दीदी कहीं भी नज़र नहीं आई तो में बाहर बाथरूम के पास गया तो मुझे पानी की आवाज़ आने लगी और अब में समझ गया कि दीदी अंदर ही है और टाईम ना खराब करते हुए में नीचे बैठकर देखने ही लगा था कि तभी दीदी ने अचानक से दरवाजा खोल दिया और अब उन्होंने मुझे देख लिया और वो समझ गई. फिर उन्होंने मुझे बहुत डांटा और बहुत गुस्सा हुई और कहा कि तुम कितने गंदे हो, क्या तुम्हे शरम नहीं आती अपनी दीदी को इस तरह देखते हुए? रूको में अभी अम्मी को बताती हूँ.

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
