25-05-2022, 04:44 PM
अजय को रजनी ने साइड की तरफ लिटा लिया, क्योंकि वो बड़ी देर से अपना भार उनपर डालकर चड़ा हुआ था...अब अजय बीच मे था और उसके एक तरफ प्राची और दूसरी तरफ उसकी सास थी.
प्राची दूसरी तरफ करवट लेकर सो रही थी..इसलिए उसकी तरफ से निश्चिन्त होकर अजय अपनी सास के मुम्मों से खेलने लगा...उसने एक-2 करके सारे बटन खोल दिए..और नीचे हाथ करके उनका पायजामा भी घुटनो तक कर दिया...अब वो अपने हाथों को उपर से नीचे तक बिना किसी रोक-टोक के घुमा रहा था.
उनके बड़े-2 मुम्मे ,थोड़ा बड़ा हुआ सा पेट और नीचे की तरफ बिना हलके बालों वाली चूत की गर्मी को महसूस करते हुए अजय का लंड एक बार फिर से तैयार हो गया.
अजय पीठ के बल लेट गया और उसकी सास के हाथ एक बार फिर से अपने दामाद के लंड की सेवा करने लगे...अजय तो अपनी आँखे बंद करके जमाई राजा बना हुआ सा अपनी सेवा करवा रहा था...की अचानक प्राची के खर्राटे बंद हो गये...ऐसा तभी होता था जब उसकी नींद खुलने वाली होती थी, दोनो की साँसे उपर की उपर रह गयी...रजनी ने फटाफट अपने कपड़े ठीक किए और पलटकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया...और ये काम बिजली की तेज़ी से किया उसने...और अजय ने भी अपना खड़ा हुआ लंड फिर से पायजामे के अंदर ठूस लिया..और ऐसा करने के अगले ही पल प्राची ने करवट ली और अपना हाथ अजय के उपर रख दिया..वो हाथ उसकी छातियों पर आया था...उसने कुछ टटोला और एकदम से अपनी आँखे खोल दी..और अजय को अपनी बगल मे लेटा हुआ देखकर वो हैरान रह गयी और दबे हुए स्वर मे बोली : "अजय !!!!!!!!!! तुम और यहा....''
अजय ने भी अपनी आँखे खोल दी और खिसियानी हँसी हँसता हुआ वो प्राची को देखने लगा.
अजय की तो दिल की धड़कन इतनी तेज चल रही थी की उसे खुद ही सुनाई दे रही थी...बस वो किसी तरह अपनी घबराहट को अपने चेहरे पर नही आने दे रहा था..
प्राची उसे कुछ देर तक तो एकटक देखती रही और फिर उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गयी और वो धीरे से फुसफुसाई : "निन्नी नही आ रही थी ना मेरे गन्दू को मेरे बिना....हम्म्म्म ...''
और इतना कहकर वो झुकी और उसने एक गीली सी किस्सस कर दी अजय के चेहरे पर.
अजय ने कुछ राहत की साँस ली...और अपने आप को संभालकर बोला : "हाँ मेरी जान....तुम तो जानती हो की तुम्हारे बिना मैं एक रात भी नही रह सकता....और डॉक्टर ने तो ना जाने कितने महीने का परहेज बता दिया है...''
प्राची हंस दी और बोली : "मुझे पता था, इस बात का सबसे ज़्यादा दुख आपको ही होगा...पर डोंट वरी डार्लिंग, उसका भी कोई ना कोई जुगाड़ निकाल ही लेंगे...सिर्फ़ एक ही रास्ता तो बंद हुआ है...बाकी के तो खुले है...''
इतना कहते हुए प्राची का दाँया हाथ अजय के लंड की तरफ सरक गया.... उसके उफान मारते हुए लंड को उसने एक ही झटके मे पकड़कर नींबू की तरह निचोड़ दिया..
''आआआआआआआआआअहह धीरे करो....धीरे....''
प्राची : "ओहो.....तो जनाब पूरे तैयार होकर आए हो....मेरी मेहनत बच गयी वरना तुम्हारा लंड चूसकर इसको उठाना पड़ता....''
अजय का डिल धक् से रह गया...क्योंकि वो जानता था की वो जो भी बातें कर रहे हैं,वो उसकी सास सुन रही होगी..
अब प्राची बेचारी को कौन समझाए की ये उसकी वजह से नहीं बल्कि माँ की मेहनत की वजह से खड़ा हुआ है
अजय : "सुनो ना....चलो दूसरे रूम में चलते हैं.....यहा माँ सो रही है तुम्हारी...''
प्राची : "अच्छा जी....जब तुम अपने आप आए थे तो माँ की चिंता नही थी...अब क्यों डर रहे हो...यही लेटे रहो चुपचाप....मैं भी तो देखूँ की अपनी सास के रहते हुए तुम्हारे लंड में वो कड़कपन रहता है या नही...जो होना चाहिए..वैसे भी बुड्ढी एक बार सो जाए तो सुबह से पहले उठने वाली नही है...तुम फ़िक्र मत करो.''
अजय के साथ-2 रजनी भी अपनी बेटी के मुँह से अपने लिए ऐसी बात सुनकर हैरान रह गयी ...क्योंकि आज से पहले प्राची ने इस तरह से कभी सम्बोधित नही किया था अपनी माँ को.
अजय : "ये क्या बोल रही हो...थोड़ी तमीज़ से बोलो, आख़िर तुम्हारी माँ है ये...''
अजय तो अपनी तरफ से इसलिए अपनी सास की तरफ से बोल रहा था क्योंकि उसे तो लेनी थी उसकी बाद में , ऐसे में अपनी बीबी के साथ मिलकर वो भी अगर उसे बेइज्जत करने लगता तो बाद मे उसकी चूत मारनी मुश्किल हो जाती..
प्राची : "ओहो....देखो तो ....अपनी सास के लिए कितना प्यार उमड़ रहा है मेरे राजा के दिल मे...कही इनके उपर बुरी नज़र तो नही है ना तुम्हारे लंड की....हैं....बोलो ....ही ही....''
बेचारे अजय का चेहरा लाल सा हो गया, आज पता नही हुआ क्या था प्राची को, ऐसी बातें उसने आज से पहले कभी नही की थी...और आज कर भी रही थी तो अपनी सोती हुई माँ के सामने, जो असल में जाग रही थी...
अजय : "न .... नही तो....ये कैसा सवाल है....तुम भी ना....''
प्राची भी मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी...वैसे भी सोने से पहले उसकी चूत में काफ़ी खुजली हो रही थी...पर अपनी माँ के होते हुए उसने बड़ी मुश्किल से उस खुजली को रोका था...इसलिए उसे आज अपनी लाइफ मे पहली बार अपनी माँ के उपर गुस्सा आ रहा था जो उसकी देखभाल का बहाना करके उसके पास सो रही थी आज की रात.....
अब आधी रात के समय अजय को अपने बिस्तर पर पाकर प्राची की चूत फिर से कुलबुलाने लगी..पर डॉक्टर की हिदायत भी उसे याद थी, इसलिए उसने अब तक रोका हुआ था अपने आप को...वरना अजय के कड़क लंड पर हाथ लगाने के बाद एक सेकेंड की देरी किए बिना वो उसपर सवार हो चुकी होती...
और अब अजय को अपनी माँ की वजह से ऐसे शरमाता हुआ देखकर उसे बड़ा मज़ा आ रहा था...
प्राची : "अच्छा , लेकिन ऐसा हो जाए तो पता भी नही चलेगा, देखो तो ज़रा,मेरी माँ को....उनके बदन को देखकर लगता ही नही है की ये नानी बनने वाली हैं...''
प्राची दूसरी तरफ करवट लेकर सो रही थी..इसलिए उसकी तरफ से निश्चिन्त होकर अजय अपनी सास के मुम्मों से खेलने लगा...उसने एक-2 करके सारे बटन खोल दिए..और नीचे हाथ करके उनका पायजामा भी घुटनो तक कर दिया...अब वो अपने हाथों को उपर से नीचे तक बिना किसी रोक-टोक के घुमा रहा था.
उनके बड़े-2 मुम्मे ,थोड़ा बड़ा हुआ सा पेट और नीचे की तरफ बिना हलके बालों वाली चूत की गर्मी को महसूस करते हुए अजय का लंड एक बार फिर से तैयार हो गया.
अजय पीठ के बल लेट गया और उसकी सास के हाथ एक बार फिर से अपने दामाद के लंड की सेवा करने लगे...अजय तो अपनी आँखे बंद करके जमाई राजा बना हुआ सा अपनी सेवा करवा रहा था...की अचानक प्राची के खर्राटे बंद हो गये...ऐसा तभी होता था जब उसकी नींद खुलने वाली होती थी, दोनो की साँसे उपर की उपर रह गयी...रजनी ने फटाफट अपने कपड़े ठीक किए और पलटकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया...और ये काम बिजली की तेज़ी से किया उसने...और अजय ने भी अपना खड़ा हुआ लंड फिर से पायजामे के अंदर ठूस लिया..और ऐसा करने के अगले ही पल प्राची ने करवट ली और अपना हाथ अजय के उपर रख दिया..वो हाथ उसकी छातियों पर आया था...उसने कुछ टटोला और एकदम से अपनी आँखे खोल दी..और अजय को अपनी बगल मे लेटा हुआ देखकर वो हैरान रह गयी और दबे हुए स्वर मे बोली : "अजय !!!!!!!!!! तुम और यहा....''
अजय ने भी अपनी आँखे खोल दी और खिसियानी हँसी हँसता हुआ वो प्राची को देखने लगा.
अजय की तो दिल की धड़कन इतनी तेज चल रही थी की उसे खुद ही सुनाई दे रही थी...बस वो किसी तरह अपनी घबराहट को अपने चेहरे पर नही आने दे रहा था..
प्राची उसे कुछ देर तक तो एकटक देखती रही और फिर उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गयी और वो धीरे से फुसफुसाई : "निन्नी नही आ रही थी ना मेरे गन्दू को मेरे बिना....हम्म्म्म ...''
और इतना कहकर वो झुकी और उसने एक गीली सी किस्सस कर दी अजय के चेहरे पर.
अजय ने कुछ राहत की साँस ली...और अपने आप को संभालकर बोला : "हाँ मेरी जान....तुम तो जानती हो की तुम्हारे बिना मैं एक रात भी नही रह सकता....और डॉक्टर ने तो ना जाने कितने महीने का परहेज बता दिया है...''
प्राची हंस दी और बोली : "मुझे पता था, इस बात का सबसे ज़्यादा दुख आपको ही होगा...पर डोंट वरी डार्लिंग, उसका भी कोई ना कोई जुगाड़ निकाल ही लेंगे...सिर्फ़ एक ही रास्ता तो बंद हुआ है...बाकी के तो खुले है...''
इतना कहते हुए प्राची का दाँया हाथ अजय के लंड की तरफ सरक गया.... उसके उफान मारते हुए लंड को उसने एक ही झटके मे पकड़कर नींबू की तरह निचोड़ दिया..
''आआआआआआआआआअहह धीरे करो....धीरे....''
प्राची : "ओहो.....तो जनाब पूरे तैयार होकर आए हो....मेरी मेहनत बच गयी वरना तुम्हारा लंड चूसकर इसको उठाना पड़ता....''
अजय का डिल धक् से रह गया...क्योंकि वो जानता था की वो जो भी बातें कर रहे हैं,वो उसकी सास सुन रही होगी..
अब प्राची बेचारी को कौन समझाए की ये उसकी वजह से नहीं बल्कि माँ की मेहनत की वजह से खड़ा हुआ है
अजय : "सुनो ना....चलो दूसरे रूम में चलते हैं.....यहा माँ सो रही है तुम्हारी...''
प्राची : "अच्छा जी....जब तुम अपने आप आए थे तो माँ की चिंता नही थी...अब क्यों डर रहे हो...यही लेटे रहो चुपचाप....मैं भी तो देखूँ की अपनी सास के रहते हुए तुम्हारे लंड में वो कड़कपन रहता है या नही...जो होना चाहिए..वैसे भी बुड्ढी एक बार सो जाए तो सुबह से पहले उठने वाली नही है...तुम फ़िक्र मत करो.''
अजय के साथ-2 रजनी भी अपनी बेटी के मुँह से अपने लिए ऐसी बात सुनकर हैरान रह गयी ...क्योंकि आज से पहले प्राची ने इस तरह से कभी सम्बोधित नही किया था अपनी माँ को.
अजय : "ये क्या बोल रही हो...थोड़ी तमीज़ से बोलो, आख़िर तुम्हारी माँ है ये...''
अजय तो अपनी तरफ से इसलिए अपनी सास की तरफ से बोल रहा था क्योंकि उसे तो लेनी थी उसकी बाद में , ऐसे में अपनी बीबी के साथ मिलकर वो भी अगर उसे बेइज्जत करने लगता तो बाद मे उसकी चूत मारनी मुश्किल हो जाती..
प्राची : "ओहो....देखो तो ....अपनी सास के लिए कितना प्यार उमड़ रहा है मेरे राजा के दिल मे...कही इनके उपर बुरी नज़र तो नही है ना तुम्हारे लंड की....हैं....बोलो ....ही ही....''
बेचारे अजय का चेहरा लाल सा हो गया, आज पता नही हुआ क्या था प्राची को, ऐसी बातें उसने आज से पहले कभी नही की थी...और आज कर भी रही थी तो अपनी सोती हुई माँ के सामने, जो असल में जाग रही थी...
अजय : "न .... नही तो....ये कैसा सवाल है....तुम भी ना....''
प्राची भी मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी...वैसे भी सोने से पहले उसकी चूत में काफ़ी खुजली हो रही थी...पर अपनी माँ के होते हुए उसने बड़ी मुश्किल से उस खुजली को रोका था...इसलिए उसे आज अपनी लाइफ मे पहली बार अपनी माँ के उपर गुस्सा आ रहा था जो उसकी देखभाल का बहाना करके उसके पास सो रही थी आज की रात.....
अब आधी रात के समय अजय को अपने बिस्तर पर पाकर प्राची की चूत फिर से कुलबुलाने लगी..पर डॉक्टर की हिदायत भी उसे याद थी, इसलिए उसने अब तक रोका हुआ था अपने आप को...वरना अजय के कड़क लंड पर हाथ लगाने के बाद एक सेकेंड की देरी किए बिना वो उसपर सवार हो चुकी होती...
और अब अजय को अपनी माँ की वजह से ऐसे शरमाता हुआ देखकर उसे बड़ा मज़ा आ रहा था...
प्राची : "अच्छा , लेकिन ऐसा हो जाए तो पता भी नही चलेगा, देखो तो ज़रा,मेरी माँ को....उनके बदन को देखकर लगता ही नही है की ये नानी बनने वाली हैं...''