25-05-2022, 04:39 PM
अपने पापा के जबरदस्त लंड से चुदने के बाद मेरी चूत आज बहुत दिनों के बाद शांत हो गई थी. कुछ देर के बाद मैंने अपने चूचों को छू कर देखा तो उनमें दर्द हो रहा था. पापा ने दबा दबाकर मेरे चूचों को नोंच डाला था. मेरे निप्पल अभी भी तने हुए थे. मैंने पापा की तरफ देखा तो वह भी बिल्कुल शांत थे.
कुछ देर तक नंगे पड़े रहने के बाद पापा फिर से तैयार हो गये. उन्होंने फिर से मेरी चूत को निशाना बनाया. दूसरी बार में पापा ने मुझे कुतिया बनाकर चोदा और मेरी गांड में उंगली भी डाली. तीसरी बार में उन्होंने मुझे बेड पर नीचे लटका कर चोदा और इस प्रकार उस रात चार बार पापा ने मेरी चूत को पेला. मेरी चूत मार कर पापा ने सच में उसका भोसड़ा बना दिया था. पापा और मैं उस दिन सुबह देर तक सोते रहे.
उसके बाद तो पापा कई बार मेरी चूत को चोद चुके हैं. मेरी माँ के साथ-साथ वह मेरी चूत की प्यास बुझाते रहते हैं. मुझे भी अपने पापा के लंड से चुदने में अलग ही मजा आता है. अब मैं पापा के लंड से चुदने का पूरा मजा लेती रहती हूँ. मगर साथ ही मेरे मन में इस बात को लेकर भी कौतूहल चलता रहता है कि मैं एक बार पापा को अपनी माँ की चुदाई करते हुए भी देखूं. अब मैं इसी इंतजार में रहती हूँ कि पापा से कब इस बारे में बात करूँ.
अब तो मैं रोहित के लंड से भी परहेज नहीं करना चाहती. मगर अभी तक रोहित ने मुझे उस दिन के बाद दोबारा से छेड़ने की कोशिश नहीं की है. मुझे पता है कि मेरा भाई जल्दी ही फिर से मेरे बदन के साथ खेलने का मौका ढूंढेगा. बस मैं इंतजार करती रहती हूँ कि मेरी कौन सी इच्छा पहले पूरी होगी.
अपने भाई रोहित के लंड से चुदने की या अपने माँ और पापा की लाइव चुदाई देखने की?
कुछ देर तक नंगे पड़े रहने के बाद पापा फिर से तैयार हो गये. उन्होंने फिर से मेरी चूत को निशाना बनाया. दूसरी बार में पापा ने मुझे कुतिया बनाकर चोदा और मेरी गांड में उंगली भी डाली. तीसरी बार में उन्होंने मुझे बेड पर नीचे लटका कर चोदा और इस प्रकार उस रात चार बार पापा ने मेरी चूत को पेला. मेरी चूत मार कर पापा ने सच में उसका भोसड़ा बना दिया था. पापा और मैं उस दिन सुबह देर तक सोते रहे.
उसके बाद तो पापा कई बार मेरी चूत को चोद चुके हैं. मेरी माँ के साथ-साथ वह मेरी चूत की प्यास बुझाते रहते हैं. मुझे भी अपने पापा के लंड से चुदने में अलग ही मजा आता है. अब मैं पापा के लंड से चुदने का पूरा मजा लेती रहती हूँ. मगर साथ ही मेरे मन में इस बात को लेकर भी कौतूहल चलता रहता है कि मैं एक बार पापा को अपनी माँ की चुदाई करते हुए भी देखूं. अब मैं इसी इंतजार में रहती हूँ कि पापा से कब इस बारे में बात करूँ.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
