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Incest मैंने बुआ को चोदा गर्मियों की छुट्टी में।
#37
"अच्छी है। मैं आपका एहसानमंद हुँ कि आपने मुझे ये मौका दिया। इसे मैं किसी कीमत पर राज ही रखुँगा।"

तभी वह मेरे बगल में बैठ गया और मुझसे पूछा "आप ठीक तो हैं ना बुआ।"
मैं बोली "ठीक हुँ।"
उसके बाद उसने मेरे पति के सामने ही मुझे किस करने लगा। मैं थोडा़ हिचकिचायी फिर रवि के सिर पकड़कर किस करते हुए उसका साथ देने लगी।
उसने मेरे नाइटी के उपर से ही मेरी चुँचियों को मसलना शुरु किया। मैं अब उत्तेजित हो रही थी। तभी उसने एक झटके से मेरी नाइटी निकाल फेंकी।
मैंने कोई अंडरवियर नहीं पहना था। अब मैं नंगे ही अपने पति के सामने पडी़ थी।
तभी रवि ने मेरे चूत को चाटना शुरु किया। अब मेरी हालत पतली होने लगी। मैंने रवि को अपने चूत से हटाया और उसे नंगा कर दिया। उसका लंड पूरी तरह खडा़ हो चुका था। मैंने उसके लंड को थोडी़ देर चूसा और अपनी टाँगों को फैलाकर चोदने का इशारा किया।
तभी मैंने विवेक को देखा। वो धीरे धीरे अपना लंड मसल रहे थे। तभी रवि ने अपना लंड मेरे चूत पर सटाया और एक झटके से अंदर कर दिया।
मैं थोडा़ चिहुँकी और कमर हिलाकर रवि का साथ देने लगी। अब मैं गरम हो चुकी थी।
मैं बोली "जानूं अब मैं तुम्हारी रांड बन चुकी हुँ। तुम्हारे फुफा भी यही चाहते हैं। अब तुम्हें जब मन हो मुझे चोद सकते हो।"
तभी उसने पूछा "जब तुम मेरी रंडी बन ही चुकी हो तो यह बताओ कि किसकी चुदाई तुम्हें अच्छी लगती है।"
मैं यह सुनकर अपने पति की ओर देखा तो वो मजे से अपना लंड निकालकर सहला रहे थे।
मैं बोली "जानूं तुम्हारा"
"तो क्या अब फुफाजी से चुदोगी।"
"चुदुँगी जरुर, पर तुमसे पुछकर"
इतना सुनते ही उसने अपनी रफ्तार बढा़ दी और जल्द ही वह मेरी चूत में झड़ गया।
मैं भी थक चुकी थीऔर आँखें बंद कर लेटी थी कि लगा कोई मुझे किस कर रहा है। आँखे खोलकर देखा तो विवेक थे। मुझे किस कर वो बाथरुम चले गये।
मैं उठी और नाइटी पहनकर खाना बनाने चली गयी। रवि भी अपने कमरे में चला गया। खाना बनाने के बाद सबने खाना खाया। मैं बर्तन समेटकर कर वाशबेसिन में धोने लगी।
तभी रवि पीछे से आया और बोला "जल्दी से आओ मेरे कमरे में, बिना कपडो़ के आना।" यह कहकर वह चला गया।
मैं बर्तन धोकर अपने कमरे में गयी तो देखा मेरे पति नंगे होकर अपना लंड सहला रहे थे। मैं उनके लंड को चूसने लगी। विवेक आँखें बंद कर लंड चूसवाने का मजा ले रहे थे। मैंने अपनी शादी के बाद पहली बार उनका लंड चूसा था।
तभी विवेक मेरा सिर पकड़ कर दबाने लगे। मैं जल्दी से पीछे हटी। जैसे लंड मुँह से बाहर निकला सारा वीर्य मेरे चेहरे पर गिरा दिया।
मैं अपना चेहरा पोंछ कर अपने पति से बोली "रवि ने मुझे नंगे ही बुलाया है। इसीलिए उसके पास जा रही हुँ। आप सो जाइए।"
यह कहते हुए मैंने अपना गाउन उतार फेंका और नंगे ही रवि के कमरे में आ गयी। कमरे में जाकर देखा तो रवि नंगे ही बिस्तर पर लेटा हुआ था। मुझे देखकर कहा "बडी़ देर लगा दी आने में" "तुम्हारे फुफाजी को सुलाकर आ रही हुँ।" इसके बाद उसने मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरी चूत को चाटने लगा। उसके ऐसा करने से मैं तुरंत ही उत्तेजित हो गयी। तब उसने मुझे पहली बार डाॅगी जैसा होने को कहा। उसके बाद उसने डॉगी स्टाइल में ही मेरी चुदाई शुरु की। अब तो मैं सातवें आसमान पर पहुँच चुकी थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने भतीजे के साथ मैं यह सब करुँगी। उसके द्वारा नये नये तरीके की चुदाई के कारण अब मैं केवल उससे ही चुदना चाहती थी। डॉगी स्टाइल में चुदते चुदते मैं दो बार झड़ चुकी थी पर रवि अभी भी मुझे जमकर चोद रहा था तभी मैं बोली "जानूं आज मेरी बुर का भोंसडा़ ही बना दे। अब तो मैं तेरी दासी बन चुकी हुँ।" तभी रवि ने तेजी से धक्का मारना शुरु किया और कुछ ही देर में मेरे अंदर ही झड़ गया। झड़ने के बाद वह निढा़ल होकर मेरे उपर ही सो गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
RE: - by neerathemall - 19-05-2022, 03:57 PM
RE: - by neerathemall - 19-05-2022, 04:04 PM
RE: मैंने बुआ को चोदा गर्मियों की छुट्टी में। - by neerathemall - 25-05-2022, 04:07 PM



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